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Belgahana: धान की फसल में पेनिकल माइट नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की एडवाइजरी जारी

 धान की फसल में पेनिकल माइट नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की एडवाइजरी जारी


बेलगहना संवाददाता राम प्रताप सिंह



कृषि क्षेत्र में इन दिनों धान की फसल में पेनिकल माइट का प्रकोप सबसे ज्यादा दिखाई पड़ रहा है। जिसमें पूर्व में लक्षण नग्न आँखों से स्पष्ट नहीं हो पाते वहीं प्रभावित होने के बाद, लीफ शीथ का बदरंग भूरा हो जाना।

    पत्तियों में छोटे भूरे धब्बे बनना, पेनिकल माइट(मकड़ी) के अधिक प्रकोप की दशा दाने अनियमित आकार ले लेते हैं। दाने कत्थई होकर दूध रहित होकर पोंचे या बदरा रह जाते हैं।


गभोट अथवा दूध भराव की स्थिति में यह मकड़ी दानों को नुकसान पहुंचाते हैं।

              बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड में इस प्रकार के प्रकोप धान की फसल में पिछले वर्ष से अधिक दिखाई पड़ रहे हैं। वहीं कृषकों को होने वाले नुकसान के आंकलन कर बीमा राशि के संबंध में सरकार कुछ कहती नहीं दिखाई पड़ती बल्कि इस संबंध में संचालनालय कृषि छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा समस्त उप संचालक कृषि जिले को धान के फसल में पेनिकल माइट के प्रकोप के संबंध में लेटर जारी कर  कीट नियंत्रण किये जाने व कृषकों को समझाइस देने हेतु निर्देश जारी किया है,  वहीं कीट व्याधि से होने वाले क्षति की जानकारी नियमित रूप से संचालनालय कृषि को सप्ताहिक प्रतिवेदन के साथ भेजना सुनिश्चित करने निर्देश दिया है।

बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि पक चुके फसल पर पेनिकल माइट के असर के चलते हो रहे बदरंग धान के संबंध में कृषि  संचालनालय क्या एडवाइजरी जारी करती है चूंकि इस वक़्त कम अवधि के फसल अपने दूध भराव की स्थिति को पार कर चुके हैं धान बदरंग हो रहा है जबकि दाने (चावल) सुरक्षित अवस्था में है। इस प्रकार के धान के मंडी में बेचे जाने को लेकर किसान चिंतित हैं इस ओर भी सरकारी एडवाइजरी जरूरी है।

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