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Mainpur - झरगांव की पावन धरा पर धूम धाम से मनाई गई देव दशहरा पर्व l

 मैनपुर - झरगांव की पावन धरा पर धूम धाम से मनाई गई देव दशहरा पर्व l


ईश्वर सिंह यादव - मैनपुर


। दशहरा अथवा विजयदशमी l



भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाय अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है।

झरगांव के पावन भूमि पर पधारे पड़ोसी गांव के 23 देवी देवता

23 देवी देवताओं की  ग्राम के देवी पुजारी श्री धरम सिंह झाखर एवं सातोंपारा के पुजारी श्री हेमनाथ पाथर के द्वारा धूप दीप नैवेद्य अर्पित कर किया पूजा अर्चना l

श्रद्धालुओं की उमड़ी जन शैलाब

देवी देवताओं की दर्शन से श्रद्धालुओं की होती है मनोकामनाएं l

मनोकामनाएं पूरी होने के कारण दूर दूर से श्रद्धालुओं का होता है आगमन , देवी की दर्शन कर खुशी लौटते हैं श्रद्धालु भक्तों घर ,

इस वर्ष हुई भव्य आयोजन , हुई निगरानी समिति का गठन, बनी शांति व्यवस्था , समिति ने संभाला शांति व्यवस्था, और देवी देवताओं का किया स्वागत, बड़े ही सुन्दर ढंग से नंगाड़े की धुन  के साथ गांव में पधारे देवी देवताओं का बड़े आदर और सत्कार के साथ देवी माताओं की स्वागत हुई और इस प्रकार से पड़ोसी गांव के 23 देवी की स्वागत किया गया स्वागत के पश्चात देवी देवताओं ने नंगाडे की सुमधुर बाजे में नृत्य कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया लंबे समय तक श्रद्धालुओं ने देवी देवताओं के नृत्य को देखने लगे और लोगों ने देवी की मड़ई मेला को देखने दोपहर 1 बजे से देवी देवताओं को दर्शन करने एवं देखने के लिए रात्रि 7 बजे तक बाजार स्थल पर मड़ई देखने भीड़ जमाए रहे रात्रिकालीन मनोरंजन के लिए उड़िया नाटक का आयोजन रखा गया और लोगों ने नाटक का भरपूर आनंद लिए और दूसरे दिन देवी देवताओं को दर्शन कर विदाई दी देवी देवताओं को विदाई देने के पश्चात देवी देवताओं ने सुख दुख जानने पुरे गांव की भ्रमण l श्रद्धालुओं ने देवी से कहा हमेशा दया दृष्टि बनाए रखना l


वर्षों से चली आ रही परम्परा के अनुसार ग्राम झरगांव में विजय दशमी पर दशहरा का पर्व मनाया गया l

बड़ी संख्या में देवी देवता पधारे एवं देवी देवताओं की दर्शन करने श्रद्धालुओं की भी भीड़ बढ़ गई दो वर्ष कोरोना के चलते कोई भी पर्व मनाई नहीं जा रही थी पर इस वर्ष ये श्रद्धालुओं का पहला भीड़ भाड़ देखने को मिला है लोगों में बहुत खुशी देखने को मिली इस वर्ष दशहरा का पर्व बड़े ही रोचक लगी l दशहरा की भीड़ को नियंत्रण रखने समिति का गठन किया गया जिससे काफी भीड़ होने पर भी शांति पूर्ण दशहरा पर्व को मनाई गई l


इस दशहरे पर पड़ोस के गांव से देवी देवताओं का हुआ आगमन बरबहली, झरगांव, बनवापारा, मदांगमुडा, कुरला पारा, साल्हेभाटा, पुजारी पारा, पतियालपारा, हरिजन पारा, गोहरापदर, केंदुमुंडा, गुड़ी पारा, तेतल खूंटी, नुआ मालपड़ा, दरली पारा, धरनीढोडा, ओखराभाटा, भाटापानी, पोर्टी पारा l

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