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Churiya: केंद्र सरकार के गलत निर्णयों ने जनता को महंगाई और अराजकता की ओर धकेला – राहुल तिवारी

रिपोर्ट -राधेश्याम शर्मा 


केंद्र सरकार के गलत निर्णयों ने जनता को महंगाई और अराजकता की ओर धकेला – राहुल तिवारी 



   छुरिया ।।मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में संशोधन पर आपत्ति के चलते देश में ठप्‍प रही परिवहन व्‍यवस्‍था से चिंताजनक हालात निर्मित हुए और इसने साबित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व वाली सरकार जनकल्‍याण और वास्‍तविकत मुद्दों से दूर है। जिला कांग्रेस के प्रवक्‍ता राहुल तिवारी ने बयान जारी कर कहा कि - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्‍व वाली सरकार देश में आपातकाल जैसी स्थितियां निर्मित करने के लिए जिम्‍मेदार है। केंद्र सरकार के गलत निर्णयों ने देश की बड़ी आबादी को महंगाई और अराजकता की ओर धकेला है। 


जिला प्रवक्‍ता राहुल तिवारी के मुताबिक - नए कानून से ड्राइवर हतोत्साहित हो गए हैं। हालांकि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन ने हड़ताल वापस ले ली है लेकिन चालकों में अब भी अविश्‍वास की स्थिति है। कई जगहों पर चालक अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं। छत्‍तीसगढ़ ड्राईवर महासंघ अब भी अपनी विभिन्‍न मांगों के लिए हड़ताल पर डटा हुआ है। 


मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में संशोधन पर विरोध के बाद गृह मंत्रालय ने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन को आश्‍वस्‍त किया है कि उनसे चर्चा के बाद ही एक्‍ट लागू किया जाएगा। सवाल है कि, सरकार ने पहले ऐसा क्‍यूं नहीं किया। आखिर उन्‍हें अपने कदम पीछे खींचने ही पड़े हैं, लेकिन इससे जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई किस तरह होगी इसका जवाब कौन देगा।


तिवारी ने कहा कि – इससे पहले मोदी सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई थी जिसके विरोध देशभर के किसानों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और हजारों को इसमें अपनी आहुति देनी पड़ी तब जाकर सरकार ने वो कानून वापस ले लिया। एक बार फिर वैसी ही परिस्थितियां सरकार ने निर्मित कर दी। सवाल है कि, क्‍यूं मोदी सरकार हमेशा आहुतियां लेने पर तुली हुई है और ये सिलसिला कब तक चलने वाला है। 


तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार के असंगत निर्णय के चलते हर वर्ग इस कानून के खिलाफ व्‍यापक प्रदर्शन से प्रभावित हुआ। दो दिन में राष्‍ट्र को हुई आर्थिक क्षति का अंदाजा ही लगाया जा सकता है। आवश्यक वस्‍तुओं के परिवहन पर इसका जो असर पड़ा है उससे महंगाई और बढ़ सकती है। कानून व्‍यवस्‍था भी प्रभावित हुई है। 21वीं सदी में देश में ऐसे बुरे हालात की उम्‍मीद किसी ने नहीं की होगी। इन बदतर हालात के लिए केंद्र सरकार जिम्‍मेदार है। 


उन्‍होंने कहा कि, जल्‍द से जल्‍द वाहन चालकों, ऑपरेटरों की मांगों पर सरकार को सकारात्‍मक निर्णय लेना चाहिए। जिस संशोधन के चलते यह विवाद खड़ा हुआ है उसका निपटारा न होने से हालात फिर बिगड़ सकते हैं। अफसोस है कि, इतने गंभीर विषय पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री ने अब तक कुछ नहीं कहा है। समझा जा सकता है कि, किस तरह देश में तानाशाही रवैया सरकार चलाई जा रही है।

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