Ticker

6/recent/ticker-posts

Bilaspur: सावित्रीबाई फुले की 193 जन्म उत्सव पर संयुक्त रूप से मोटर बाइक रैली का आयोजन किया गया

बिलासपुर

जितेन्द्र भास्कर


सावित्रीबाई फुले की 193 जन्म उत्सव पर संयुक्त रूप से मोटर बाइक रैली का आयोजन किया गया




बिलासपुर:-भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज देश की प्रथम महिला अध्यापिका, कवियत्री,समाज सेविका एवं नारी शिक्षा आंदोलन की प्रणेता क्रांतिज्योति राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले जी का 193 वाँ जन्मोत्सव इस अवसर पर राष्ट्रमाता सावित्री बाई फूले महिला मण्डल एवं महिला सशक्तिकरण संघ बिलासपुर (छ.ग.) के संयुक्त तत्वाधान में मोटर बाईक रैली का आयोजन किया गया । सावित्री बाई फूले का जन्म 3 जनवरी 1831 में महाराष्ट्र के सतारा जिला में हुआ तथा

कालांतर में इनका विवाह पुणे समाज सेवी ज्योतिराव फूले से हुआ। पति से शिक्षा – दीक्षा- सम्मान -प्रोत्साहन प्राप्त कर सावित्री बाई भारत की पहली महिला शिक्षिक बनी एवं पति ज्योतिराव फूले के साथ मिलकर 1848 में पुणे में प्रथम महिला विद्यालय की स्थापना की जिसमे वे स्वयं शिक्षिका के रूप में लड़कियों और समाज के बहिष्कृत हिस्सों के लोगों को शिक्षा प्रदान की।

आजादी से पहले समाज के अंदर छुआछूत, सतीप्रथा, बाल – विवाह और विधवा पुर्नविवाह

बाध्यता जैसी कुरीतियां व्याप्त थी। आज की तरह महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था ऐसे कठिन एवं चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों को स्वीकार करते हुए सावित्री बाई दलित, शोषित, पीड़ित एवं शुद्र महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना प्रारंभ किया इस दौरान सावित्री बाई को समाज के एक बड़े वर्ग के विरोध का भी सामना करना पड़ा जब वे विद्यालय पढ़ाने के जाती तो लोग उन पर कीचड गंदगी फेकते और पत्थर से मारते बावजूद इसके सावित्री बाई अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रही एवं वर्ष 1849 तक कुल 5 विद्यालय जिसमें लड़कियों को शिक्षित किया जाता था प्रारंभ किया। तत्कालिक सरकार ने फूले दम्पत्ति को इस कठिन प्रयासों के लिए सम्मानित भी किया। 1848 से सावित्री बाई के मृत्यु पर्यन्त एक महिला प्राचार्य के लिए बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती।

आज आजादी के 75 वर्षों के पश्चात् जब हम अपने समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पित उन

जननायक/ नायिकाओं को याद करते है एवं उनके सम्मान एवं स्मृति में उनके कार्यों को याद करने के

साथ – साथ उनका जन्मदिवस एक त्यौहार एवं समारोह के रूप में मनाते है।

रैली सर्वप्रथम बाबासाहब प्रतिमा स्थल से बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल को ज्ञापन दे कर कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया।

महिला सशक्तिकरण संघ एवं राष्ट्रमाता सावित्री बाई फूले महिला मण्डल बिलासपुर (छ.ग.) 



द्वाराl सावित्रीबाई फूले की स्मृति में शासकीय उच्च माध्य. विद्यालय उसलापुर स्कूल का नाम माता सावित्रीबाई फूले के नाम पर किये जाने एवं मंगला चौक में माता सावित्रीबाई फूले की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग कि गई।

आज ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप  महिला मंडल एवं समाज के सदस्य काफी संख्या में मोजूद थे।

Post a Comment

0 Comments

Random Posts

Bilaspur:  वन विभाग का पर्यटकों से अनुरोध: भनवारटंक क्षेत्र में भ्रमण से बचें
Janjgir:  नवागढ़ फर्जी शिक्षा कर्मी वर्ग दो हुआ बर्खास्त, मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रिंगनी का*
Bilaspur:  फोटोबाजी के लिए पार्षद का खिलवाड़, मगरमच्छ के पीठ पर बैठ थाम ली लगाम  बिलासपुर रतनपुर सोशल मीडिया पर धाक जमाने और हवाबाजी करने के लिए रतनपुर का एक पार्षद ने एक विशालकाय मगरमच्छ के पीठ पर बैठ फोटो खिचवाने के लिए उस  मगरमच्छ पर बंधे रस्सी को घोड़े की लगाम की तरह थाम ली। उनकी देखा सीखी अब नगर के कई युवा और बच्चे भी इस तरह की हरकत कर अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं। ये महाशय है रतनपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद हकीम मोहम्मद, एक जन प्रतिनिधि होने के कारण उन्हे इस तरह की खतरनाक फोटो बाजी को रोकना चाहिए और लोगो को जागरूक करना चाहिए जबकि वो खुद इस तरह की स्टंटबाजी को बढ़ावा दे रहे  दरसल रतनपुर के वार्ड क्रमांक 5 रानीपारा में स्थित बिकमा तालाब जिससे लगा हुआ खेत में  था मगरमच्छ मोहल्ले के कुछ लोग सुबह उठ कर निकले खेत की ओर जहां खेत में घूमता हुआ दिखा  मगरमच्छ जिसे देख होश उड़ गय चीख पुकार सुन कर पूरे मोहल्ले हो गय एकत्रित सभी ने हिम्मत जुटा कर किसी भी तरह बांध कर वन विभाग को दी सूचना सूचना मिलते ही वन विभाग अधिकारी पहुंचे टीम के साथ पहुंचकर खुटा घाट में छोड़ा गयापर वहा देखी गई लापरवाही रतनपुर नगर पालिका के जनप्रतिनिधि वार्ड क्रमांक 12 के भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद के द्वारा ऐसे खिलवाड़ किया जा रहा है ।जिसकी वीडियो फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है क्या एक जनप्रतिनिधि होते हुए ऐसी हरकत कीया जाना चाहिए। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया, जान से मारा, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है। अब देखना है कि सरकार द्वारा इस लापरवाही के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे