संवाददाता राम प्रताप सिंह
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जाति प्रमाण पत्र बनवाने भटक रहे बैगा जनजाति के लोग...की गई बैठक
बिलासपुर जिले के कोटा ब्लाॅक में बैगा जनजाति के जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं क्योंकि जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए भू-अभिलेख मिसल की छाया प्रति मांगी जा रही है जो कई बैगा परिवारों के पास नहीं हैं। पूर्व में बैगा जनजाति के लोग जंगलों में निवास करते थे और कई बार विभिन्न कारणों से जगह जगह पलायन भी करते रहते थे जिसके कारण उनका भू-अभिलेख अद्यतन नहीं हो पाया अलबत्ता उक्त दस्तावेज राजस्व विभाग में नहीं हैं। जिसका खामियाजा अब बैगा जनजाति की नई पीढ़ी को भुगतना पढ़ रहा है।
एक नियम यह भी है कि ग्राम सभा प्रस्ताव पारित कर सत्यापित कर दे की यह बैगा जनजाति के लोग है तो वह दस्तावेज मान्य होता है, परंतु ग्राम सभा के प्रस्ताव को भी अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार मानने को तैयार नहीं है। और बैगा जनजाति के बच्चों को आश्वासन पर आश्वासन दिये जा रहे है कि आपका जाति प्रमाण पत्र बनाया जाऐगा। तकरीबन तीन साल से बैगा आदिवासी दफतरों की ठोकर खाते घूम रहे हैं। कई परिवारों के बच्चों ने तो अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी है क्योंकि उन्हें पता लग गया है कि जाति प्रमाण पत्र के बिना पढ़ाई का कोई महत्व नही है।
कुछ प्रकरण ऐसे भी है कि पूर्व में कुछ बैगा जनजाति के जाति प्रमाण पत्र अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जारी किए गये हैं जो कि अभी भटक रहे लोगों के रिस्तेदार और जाति के ही लोग हैं।
अजीब सी स्थिति है कि बैगा बच्चों की मार्कशीट, आधार कार्ड, राशन कार्ड, अनेकों दस्तावेजों में बैगा लिखा है जो कहीं न कहीं सरकार द्वारा जारी दस्तावेज है। एक महत्वपूर्ण सर्वे साशन द्वारा पुष्टि हेतुू सन! 2016 में आदिम जाति अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान क्षेत्रीय इकाई बिलासपुर द्वारा कराया गया उस सूची में भी इन सभी बैगा परिवारों का नाम है। और सरकार उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर तरफ सरकार बैगा जनजाति के नाम पर बहुत कुछ योजना का लाभ दे रही हैं और परंतु वही सरकार और विभाग उन्हें बैगा जनजाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे हैं।
इन्हीं परेशानी और समस्या को लेकर कोटा ब्लॉक के संरक्षित जनजाति के युवा युवति और उनके पलकों ने एक बैगा बाहुल्य गांव कूपाबंधा में एक बैठक की है जिममें सवाल खड़े किये है कि एक तरफ
छत्तीसगढ़ के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर छत्तीसगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक एफ 13-19/2012/आ. प्र./ 1-3 नवा रायपुर दिनांक 27/06/2022 को छत्तीसगढ़ के समस्त कलेक्टर को आदेश जारी किया गया है। जिसमें विशेष संरक्षित जनजातियों के शिक्षित युवाओं को नियुक्ति दिए जाने के लिए निर्देश जारी किया गया है। लेकिन जब कोटा ब्लॉक में जाति प्रमाणपत्र ही जारी नहीं किये जा रहे हैं तो फिर नौकरी में नियुक्ति किस आधार पर की जावेगी? साथ ही पूर्व में किये गए सर्वे में कई बैगा जनजाति परिवारों के नाम ही नहीं है जो कि सर्वे से छूट गए हैं उनका क्या होगा ? इन सभी परेशानियों से बिलासपुर कलेक्टर से जल्द ही मुलाकात कर अवगत कराया जायेगा। अगर त्रुटि सुधार नहीं किया जाता है और प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाते है तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा साथ ही आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में 13 गांव से शिक्षित युवा युवती , उनके पालक सहित सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने एवं सीमांचल आचारी ने हिस्सा लिया।
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