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Belgahana: तीन पीढ़ी से बहिष्कार का दंश झेल रहा एक परिवार.....*

 *तीन पीढ़ी से बहिष्कार का दंश झेल रहा एक परिवार.....*


*बहिष्कार जैसे कुरीति के लिए बने सक्षम कानून....*



छत्तीसगढ़ विजन tv संवाददाता राम प्रताप सिंह की खास रिपोर्ट बेलगहना.....






बेलगहना.........सामाजिक और जातिगत स्तर पर सक्रिय पंचायतों द्वारा सामाजिक बहिष्कार के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। ग्रामीण अंचल में ऐसी घटनाएं बहुतायत से होती हैं जिसमें जाति व समाज से बाहर विवाह करने, समाज के मुखिया का कहना न मानने, सामाजिक व जातिगत पंचायतों के फैसले व फरमान को सर झुकाकर न मानने पर किसी व्यक्ति व उसके पूरे परिवार को समाज व जाती से बहिष्कार कर दिया जाता है व उसका समाज मे हुक्का पानी बंद कर दिया जाता है।


*परदादा के बहिष्कार की  सजा काट रहा परपोता......* 



 ऐसा ही एक मामला बेलगहना चौकी क्षेत्र के ग्राम खैरझिटी का है। जहां अपने परदादा को दिए  गए सामाजिक बहिष्कार का दंश आज उनका परपोता अर्थात तीसरी पीढ़ी को भी झेलनी पड़ रही है। सामाजिक बहिष्कार से पीड़ित व्यक्ति अथवा परिवार गांव में बड़ी मुश्किल में पड़ जाता है।


*समाज मे वापसी के बावजूद सजा झेल रहा परिवार........*


 तीसरी पीढ़ी के युवा रविन्द्र गंधर्व, उसके माता पिता व भाई बहन समाज से गुहार करते हैं कोई सुनवाई नहीं होने पर 29-04-2022 को जिले के सभी बड़े अधिकारियों सहित थाना प्रभारी कोटा को लिखित में रविन्द्र के माता पिता ने शिकायत की जिस पर पूछताछ के दौरान सामाजिक पदाधिकारी किसी प्रकार से परेशान न करने की बात कह मामले को निपटा देते हैं।

साथ ही 10-12-2022 को किये गए सामाजिक बैठक में इन्हें गंधर्व समाज के जिलाध्यक्ष कौशिल्या गंधर्व, सचिव राजकुमार गंधर्व व समाज के अन्य लोगों के सहयोग से समाज मे पुनर्वास किया गया। 

इन सबके बावजूद समाज के कुछ लोग जिनकी लिखित शिकायत पीड़ित पक्ष के द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय से की गई है रविन्द्र गंधर्व, मुन्नी बाई गंधर्व, नटवर लाल गंधर्व व उनके पूरे परिवार को परेशान करना नहीं छोड़े, जिसके कारण पीड़ित परिवार को हर जगह अपमानित होना पड़ा। 


 *पीड़ित परिवार की व्यथा.....*



पीड़िता मुन्नी बाई गंधर्व का कहना है कि मुझे व मेरे परिवार को छट्ठी बरहों जैसे कार्यक्रम में शिरकत करने से समाज के बीच रोका गया, किसी के दुख में शामिल होने पर भरे समाज मे अपमानित कर वापस लौटाया गया इतना ही नहीं मेरी बेटी का विवाह तय हुआ वहां भी जाकर बेटी कि शादी तोड़ने का कार्य किया गया। अब मैं पुनः पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के समक्ष परिवार के सहित जा पहुंची जिस पर बेलगहना चौकी को पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देश किया गया है। 


*सामाजिक बहिष्कार पीड़ित की मानसिकता पर भी पड़ता है असर.....*

सामाजिक व जातिगत पंचायतें कभी कभी सामाजिक बहिष्कार हटाने के लिए भारी जुर्माना,अनाज, शारिरिक दंड व गांव छोड़ने जैसे फरमान जारी कर देती है फलस्वरूप परिवार अपमानित होता है आहत होता है और आत्महत्या, हत्या जैसे कदम भी उठा लेता है जिसके कई उदाहरण क्षेत्र में ही मौजूद हैं।


*क्या कहते हैं बेलगहना पुलिस चौकी प्रभारी......*


 बेलगहना चौकी प्रभारी हेमंत सिंह ने चर्चा के दौरान जानकारी दी मामले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से निर्देश प्राप्त हुआ है जिस पर जांच उपरांत नागरिक सुरक्षा संरक्षण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है जिसकी विवेचना की जा रही है।

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