*काँडसर सहित बाबा के तीन आश्रम में हजारों अनुयायीयो के साथ मना नुआखाई*
रिपोर्ट -जयविलास शर्मा
*अलेख पंथ का अनौखा नवान्न भक्षण
*गरियाबंद*-- क्षेत्र में अलेख पंथ के हजारो अनुयायी है और दिन ब दिन क्षेत्र में इस पंथ का विस्तार हो रहा है। ओडिशी संस्कृति से परिपूर्ण नुआखाई त्यौहार को क्षेत्रवासी सितम्बर माह में मनाते है पर अलेख पंथ में इस त्यौहार को माहभर पहले ही अगस्त के नवमी तिथि को मनाने की प्रथा है।बीते शनिवार को काँडसर आश्रम वाले बाबा उदयनाथ ने अपने अनुयायीयो के साथ अनौखे तरीके से मनाया जहाँ क्षेत्र के हजारो अनुयायी शामिल हुये।
*भीड ना हो इसलिये तीन जगह पर मनाया नुआखाई*
बाबा उदयनाथ ने नुआखाई मनाने के लिये काँडसर मुख्य आश्रम के अलावा,मोखागुडा और छुरापहाड को चुना था भीड ना हो इसलिये बाबा ने इन स्थानो का चयन किया था। बाबा और उनके अनुयायी नुआखाई को मनाने पन्द्रह दिन पहले इसकी पूर्व तैयारी कर ली थी। नये गेरूआ वस्त्रों की खरीदी भी सप्ताहभर पहले कर ली गयी थी।
*किस तरह मना बाबा का अलेख नुआखाई*
बीते शनिवार के ब्रम्ह मुहूर्त में बाबा के सभी अनुयायी निवृत्त होकर नये परिधान को निराकार ब्रम्ह को चढाकर विधिवत पूजा अर्चना के बाद उसे पहना।इस तरह दिनचर पूजा पाठ और भजन चलता रहा।फिर बाबा ने सभी अनुयायीयो को कतार में बैठाकर नये धान का चीवडा वितरण किया और सभी ने अलेख की महिमा गाते हुये उसे भक्षण किया।ऐसे ही बाकि के दो पडाव आश्रम में भी मनाया गया।
*अनुयायीयो ने बाबा के राजनिति सफलता की कामना की*
नुआखाई पर अलेख पंथ के हजारो अनुयायी उपस्थित थे।बाबा उदयनाथ को उनके अनुयायी सीधे तौर पर राजनिति में देखना चाहते है नुआखाई के अवसर पर अलेख पंथ के अनुयायीयो ने पूजा पाठ कर निराकार ब्रम्ह से बाबा के लिये क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने की कामना की है। माना जा रहा है बाबा उदयनाथ भी भाजपा से प्रबल दावेदारी कर रहे है।
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