Ticker

6/recent/ticker-posts

Gariyaband: खबरे छत्तीसगढ़सहकारी बैंक पर्यवेक्षक को जातिगत गाली और जान से मारने की धमकी

 खबरे छत्तीसगढ़सहकारी बैंक पर्यवेक्षक को जातिगत गाली और जान से मारने की धमकी



पुलिस अधीक्षक से शिकायत

गरियाबंद  : सीधे साधे लोगों की जीवन आज एकदम खतरे में नजर आने लगा है खासकर भोलेभाले आदिवासी वर्ग के लोगों को काफी भेदभाव का दंश झेलना पड़ रहा है ऐसे ही मामला गोहरापदर के सहकारी बैंक में देखने को मिल रहा है वहां पर एक गैर आदिवासी कर्मचारी जो वहां पर लेखापाल का काम करता है जो अपने ही स्टाफ के आदिवासी पर्यवेक्षक अधिकारी सभी के सामने अश्लील जाति सूचक गाली गलौच व जान से मारने की धमकी सार्वजनिक रूप से देता है ।बताया जा रहा है की उसके खौफ से कोई पीड़ित को सहयोग भी नही कर रहे हैं , ऐसे में पीड़ित आदिवासी पर्यवेक्षक को पुलिस से न्याय की गुहार लगानी पड़ रही है पर देवभोग थाना में डेढ़ माह बीत जाने पर पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाया ।देवभाग पुलिस की न्याय सही समय पर नहीं मिलने थक हारकर उन्हें अनुसूचित जनजाति अत्याचार उत्पीड़न निवारण समिति के सदस्य चित्रसेन नागेश के पास जाना पड़ा । अनुसूचित जनजाति अत्याचार उत्पीड़न समिति के सदस्य श्री चित्रसेन नागेश ने मामला को लेकर जिला कलेक्टर श्री आकाश छिकारा जी से सलाह मशविरा लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पटेल के पास मामले को लेकर शिकायत दर्ज किया ।


आपको बता दें की पीड़ित अमरसिंह ध्रुव पिता स्व. जोधी राम व उम्र 52 वर्ष जाति गोड़ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. रायपुर शाखा गोहरापदर के पर्यवेक्षक के साथ गाली गलौच और मारपीट किये जाने कर जान से मारने की धमकी की शिकायत पुलिस अधिक्षक के नाम दिया गया है जो आदिवासी अधिनियम के तहत अधीक्षक से किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पटेल ने जल्द ही उचित कानूनी कार्यवाही किया भरोसा दिलाया और अपने अधीनस्थ अधिकारी तत्काल कार्यवाही कर आरोपी को गिरपार करने का आदेश दिया ।


प्रार्थी ने बताया कि 10 जुलाई 2023 को गैर आदिवासी लेखापाल दीपराज मसीह के अपमानीत व अत्याचार तथा अभद्र व्यवहार करते हूए उतपिड़न एवं तुक्छ समझकर जाति सूचक गोड़ गवार बोलकर यह कृत्य को अंजाम दिया व अश्लील गाली गलौच किया है। आवेदक के अनुसार बैंक में आरोपी द्वारा सीसीफुटेज में छेड़छाड़ किया जाना पाया गया है। जो शासकीय संपत्ति को छति पहुचाने से साक्ष्य को मिटाने का अंदेशा व्यक्त करता है ,साथ ही उक्त शाखा के अधिकारी का भी जवाबदारी बनता है कि उचित न्याय के लिए सहयोग करना चाहिए ।

और साथ ही पीड़ित साक्ष्य देने वाले के उपर दाबाव डालने का प्रयास किया जा रहा है, जो अनुचित है। उक्त शिकायत करते हुए प्रार्थी ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार के तहत् उचित कानूनी कार्यवाही करने की मांग किया है

Post a Comment

0 Comments