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Churiya: भाजपा–कांग्रेस के नेताओ के कारण गरीब प्रभावित दुकानदारो को नहीं मिल पाया उनका हक, - मनभावन,

 प्रेस नोट...


भाजपा–कांग्रेस के नेताओ के कारण गरीब प्रभावित दुकानदारो को नहीं मिल पाया उनका हक, - मनभावन,


छुरिया के एक सौ एक दुकाने सालो से बंद, इसके जिम्मेदार नगर के तत्कालीन अध्यक्ष, जिसने गलत आवंटन की योजना बनाई, - उइके,



छुरिया – आदिवासी नेता मनभावन सिंह उइके ने छुरिया में बने स्वालंबन योजना के एक सौ एक (101) दुकानो के आवंटन को लेकर भाजपा – कांग्रेस पर कसा तंज,


उइके ने कहा चहुमुखी विकास की बात करने वाले भाजपा - कांग्रेस को क्यों नहीं दिखता छुरिया के प्रभावित दुकानदारो का दर्द, लम्बे समय से दूकानदार अपनी हक कि लड़ाई लड़ रहा है, जिसे देखने सुनने वाला कोई नहीं है, भाजपा कहती है पंद्रह  सालो मे विकास हुआ, कांग्रेस कहती है जो विकास चार वर्षो में हुआ वो कभी नहीं हुआ, पर जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और है, छुरिया के प्रभावित दूकानदार सालो से दुकान पाने भटक रहे है,|


उइके ने पूर्व कि बातो को याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा शासन में छुरिया बंजारी मार्ग से लगे दुकानदारो को कहा गया, सड़क निर्माण के लिए बीच सड़क से नौ मीटर दाए एवं बाए  जगह कि आवश्यकता है, जिसे सभी दुकानदार सहर्ष स्वीकार कर जिस दूकानदारो का जगह नौ मीटर के दायरे में आ रहा था वे स्वतः ही अपना कब्ज़ा हटाने तैयार थे, लेकिन प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण के लिए अतिक्रमण कि कार्यवाही करते हुए लगभग अस्सी दुकानो का नौ मीटर कि जगह पुरे दुकानो को नेस्तनाबूद कर दिया, जिससे उन अस्सी परिवारो पर रोजगार के साथ आर्थिक संकट पैदा हो गया,|


उइके ने कहा कि सड़क निर्माण में हुए प्रभावित दुकानदारो ने मिलकर तत्कालीन भाजपा सरकार से लंम्बी लड़ाई लड़ आवेदन निवेदन किया, तब जाकर भाजपा अपने पाच वर्ष सरकार के अंतिम समय में मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना से सौ दुकान निर्माण कर प्रभावित दुकानदारो को देने कि घोषणा की, कुछ महीनो बाद प्रदेश की सत्ता पलट गई और भाजपा के जगह कांग्रेस सत्ता में आ गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना से बनने वाले सौ दुकान का निर्माण में लेटलतीफी हुई, जिसके बाद प्रभावित दुकानदारो ने फिर धरना आंदोलन किया, तब जाकर सत्तादल कांग्रेस के नेताओ ने मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के सौ दुकानो का भूमिपूजन कर दुकान का निर्माण कार्य शुरू कराया, जैसे तैसे लेट लतीफी में सौ कि जगह एक सौ एक दुकान का निर्माण हुआ, निर्माण के बाद जब आवंटन की कार्यवाही की शुरू हुई, जिसमे सत्तादल कांग्रेस के तत्कालीन नगर अध्यक्ष ने प्रभावितो को दरकिनार करते हुए अपने मनमर्जी आवंटन की सूचि बना ली, और ऐसे लोगो को दुकान देने अड़ी रही जिसका कभी न दुकान था, न ही वे प्रभावित थे, अध्यक्ष के हट व जिद ने प्रभावित दुकानदारो को कोर्ट जाने मजबूर कर दिया, और सभी गरीब प्रभावित दुकानदारो ने चंदा कर अपने हक पाने कोर्ट का सहारा लिया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने दुकान आवंटन पर रोक लगा दी, तब से आज सालो गुजर गया दुकानो मे ताला लटका है,|


उइके ने भाजपा- कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सत्ता दल कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष अगर सभी प्रभावित दुकानदारो को दुकान का आवंटन करती तो शायद गरीब प्रभावितो को कोर्ट जाना नहीं पड़ता और वे सभी आज अपने अपने दुकानो में व्यवसाय कर अपने परिवार का भरण पोषण करते रहते, वही विपक्ष मे बैठे भाजपा के नेताओ ने भी प्रभावितो का कोई साथ नहीं दिया, प्रभावितो के धरना आंदोलन में भाजपा सही तरीके से उनके साथ होते, तो सही आवंटन करने सत्ता दल के अध्यक्ष को मजबूर होना पड़ता, लेकिन भाजपा-कांग्रेस के नेताओ को प्रभावित गरीब दुकानदारो के दुख दर्द से कोई नेला देना नहीं था जिसके कारण प्रभावित दुकानदारो को अपने हक के लिए आज तक भटकना पड़ रहा है,|


उइके ने कहा अब वर्तमान में विधानसभा चुनाव का ढोल बज गया है, ऐसे में अब वही भाजपा-कांग्रेस के नेता जो प्रभावित दुकानदार के डूबती नय्या पर सालो से सिर्फ नजर बनाये बैठे रहे, वही भाजपा-कांग्रेस के नेता प्रभावितो एवं उनके परिवार जनो के पास सत्ता पाने कि लालच में हाथ जोड़ने पहुचेगी जिसे सबक सिखाने कि जरुरत है,|

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