सुखई में नवाखाई पर्व के दूसरे दिन गायता जोहरनी पर्व मनाया गया।
दुर्गूकोंदल । गांव लोगों ने नवाखाई के दूसरे ग्राम गायता के घर पहुंचकर गायता से आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों ने गायता से भेंटकर अपनी कामकाज और सुख समृद्धि के बारे में जानकारी दिया। ग्राम पटेल ने गायता के समक्ष पूरे गांव की ओर अगुवानी किया और गायता के हाथों से धान बीज लेने से लेकर हरेली, बाल त्यौहार के संबंध में चर्चा किया। और गांव में सब सकुशल होने की जानकारी दिया। ग्राम पटेल ने कहा बिजलिंग कार्यक्रम में ठाकुरदई के समक्ष आपने बीज बांटा है, जिसकी बुआई किये हैं, फसल अच्छी है। और पिछले दिन गांव में नवा अन्न ग्रहण किये हैं। आज आपके समक्ष भेंट करने आये हैं। इधर ग्राम सुखई के गायता सदन पुड़ो ने कहा कि हमसब मूल निवासी हैं, प्राचीन समय से नवाखाई और गायता जोहरनी पर्व मनाया जाता है। यह हमारी प्राचीन संस्कृति है। एक साथ बैठकर खाना, परिवारिक चर्चा करना। सुख दुख में सहयोग करना यह सब गांव में होती है। गांव में हर व्यक्ति से लगाव रहता है, यह लगाव शहरों में नहीं मिलती है। ग्रामीणों से मेरा अपील है, गांव की परंपरा और भाईचारा को बनाकर रखें। एक दूसरे की निंदा ना करें। किसी के समान को बिना पूछे ना उठायें। खेत और बाड़ी में रखे समानों को पूछ कर ले जायें। गांव की रक्षा करें। अपने खेत के आसपास के जंगलों की रक्षा करें। गांव के सार्वजनिक संसाधन सबका अधिकार है। हम सबको जंगल को बचाना है ऋ जंगल बचेगी तो पर्यावरण शुद्ध रहेगी। नशाखोरी से दूर रहें। एक दूसरे की सहायता करते हुए तरक्की करें। गांव से संबंधित कोई पीड़ा हो तो मुझसे संपर्क करें। मैं गांव के लोगों की सहयोग करूंगा। गायता जोहरनी के अवसर पर महिला पुरूषों ने नृत्य किया। और गांव के ठाकुर देव, शीतला, लिंगों देव, बूढ़ादेव की आराधना किया। इस अवसर पर गायता सदन पुड़ो, ग्राम पटेल बज्जूराम कोमरा, तुलसी पुड़ो, चंपा पुड़ो, किशन पुड़ो, दिनेश पुड़ो, भारत सलाम, सत्यनारायण जैन, कृष्णा जैन, चिमनीलाल नरेटी, श्रीराम भुआर्य, आयतूराम मरकाम, मेहतर आचला, मेसोराम आचला, राजेंद्र बेसरा, रामप्रसाद यादव, चमरू आचला, रामप्रसाद भुआर्य सहित बड़ी संख्या में महिला पुरूष उपस्थित थे।
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