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Surajpur: जिला पंचायत में कमीशन को लेकर दो अफसर आपस में हुए मारपीट, जिला सीईओ ने कराया समझौता*

 *जिला पंचायत में कमीशन को लेकर दो अफसर आपस में हुए मारपीट, जिला सीईओ ने कराया समझौता*


*मो0 रमीज राजा सूरजपुर*

  *7400612300*

*छत्तीशगढ़ विज़न टीवी* 


- एक अफसर के स्तीफा की चर्चा से बाजार गर्म, एनआरएलएम का प्रभार दिया जिला पंचायत उप संचालक को



सूरजपुर। जिले के प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा चुकी है। जिला से लेकर ग्रामीण अंचल तक अव्यवस्थाओं का आलम है। नाकाबिल अफसरों को काम का प्रभार दिया गया है। जिनके द्वारा आर्थिक अनिमियता किया जा रहा है। और जिले के अफसर घृतराष्ट की भूमिका में नजर आ रहे है। 


इसी कड़ी में जिला पंचायत सूरजपुर के बिहान योजना मानो भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका हैं। इस योजना में कार्यरत अफसरों द्वारा लाखों करोड़ो का कार्य नियमो को ताक में रख कर दिया गया है। बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र से आगे बढ़ कर कार्य रहे है। एनआरएलएम के दो अफसर किसी कार्य के कमीशन को लेकर आपस में झड़प हो गया है। दरअसल मामला 14 सितंबर का है। हमेशा की ही तरह कार्यालय में बिहान  योजना में कार्यरत अधिकारी ज्ञानेद्र शास्त्री व उनके सहयोगी मनीष सिन्हा किसी वेंडर के कमीशन की बात को लेकर आपस में झगड़ने लगे पहले तो तूतू मेमे तक तो ठीक था। किंतु मसला हाथा पाव तक उतर आया। आपस में झगड़ का शोर सुन कर आस पड़ोस में कार्य कर रहे कर्मचारियों द्वारा बीच बचाव किया गया। जिसके उपरांत मामला समझौता तक पहुंच गया। समझौता करने के लिए जिला पंचायत सीईओ के दफ्तर में मामला गया। जहां पर जिला पंचायत सीईओ ने दोनों अफसर को समझाइए देते हुए इस तरह से कृत नहीं करने की हिदायत दी गई। 


इसके बाद दोनों अफसर एक दूसरे प्रति द्वेष नहीं होना तो बता दिया किंतु उनके जहन में एक दूसरे के प्रति गुस्सा उबाल मार रहा था। जिला पंचायत सीईओ मामले में तत्परता दिखाते हुए जिला पंचायत उपसंचालक ऋषभ चंदेवाल को एनआरएलएम बिहार योजना का अतिरिक्त प्रभार दिया है। वर्तमान में उप संचालक ही बिहान योजना के मुखिया बना दिए गए है। 


कार्यालय में चर्चा विमर्श चल रहा है कि एनआरएलएम के मुखिया ज्ञानेंद्र शास्त्री अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। इस तरह की बातें कार्यालय ही नहीं आसपास के चाय की गुमटी पान के टपरी तक चर्चा व्याप्त हैं। जानकारो की माने तो जिला पंचायत सीईओ के बेहतर कार्य व प्रशानिक कसावट नही है। यहां पर मनरेगा विभाग, एनआरएलएम विभाग सहित अन्य विभाग के अफसर जिला पंचायत सीईओ को कार्य करने के लिए दिशा निर्देश देते है बल्कि किस फाइल में सिग्नेचर होना चाहिए अधीनस्थ कर्मचारी कर रहे हैं।

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