*नागिन देवी आस्था का केन्द्र, नागिन देवी की प्रतिरूप में बना चट्टान पत्थर।*
छतीसगढ़ विजन टीवी दुर्गूकोंदल
दुर्गूकोंदल ।उत्तर बस्तर कांकेर, भानुप्रतापपुर ब्लांक मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर दूरी एवं भानबेड़ा से 3 किलोमीटर पर बसा ग्राम मुंगवाल ,नागीन देवी के आस्था केन्द्र, दूर्गम पहाड़ों के बीच में स्थित प्राकृतिक वनों से आच्छादित मनमोहक दृश्य दर्शन स्थल नागीन देवी का है। श्री सुनाराम तेता जनपद उपाध्यक्ष भानुप्रतापपुर ने बताया कि आदिकाल से कोयतोर, रुढ़िवादी परंपरा से हर प्रत्येक तीज त्यौहार में जैसे नागपंचमी,ऋषि पंचमी, शिवरात्रि, कृष्ण जन्माष्टमी, में पूजा करने के लिए श्रद्धालु पूजा करने लिए यंहा पहुंचते हैं। और नागिन देवी पर आस्था रखने वाले श्रद्धालुओ की मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस नागिन देवी की रहस्यमय कहानी है।जो ग्राम के कोहलोकुसो देवी एवं क्षेत्र के पाटदेव से आधारित है। पूजा करने के लिए महिला पुरुष बच्चे जा सकते किन्तु कुछ नागिन देवी की कुछ नियम भी है। जो मासिक धर्म (महावरी) महिला जना वर्जित है।
इसका शासन द्वारा पूरात्व विभाग से सर्वे किया जाय तो, पर्यटन स्थल के रूप विकसित किया जा सकता है। इस पहाड़ों में और भी , देखने लायक दर्शनीक स्थल है। वन विभाग परिक्षेत्र भानबेड़ा- कोरर अंतर्गत आता है। ऐसे अनेकों दर्शनीक स्थल है। वही श्री राजूराम गोटा ग्राम पेनो,श्री रामनाथ सलाम, श्री हरिचंद्र कोरेटी, श्री कृतन कावड़े,जनप्रतिनिधि एवं ग्रामवासीयों ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग कि है कि पर्यटन स्थल की दर्ज़ा ग्राम मुंगवाल नागीन देवी को दिया जाए। ताकी श्रद्धालुओ का यंहा आना जाना लगा रहे, जिससे पर्यटक स्थल के रूप में उभर कर समाने आये।
0 Comments