*कलेक्टर से प्रशंसा प्राप्त लैब टेक्नोलाजिस्ट को हटाने गलत तरीके से मामले को पेश किया गया*
Cgvtv संवाददाता की खास रिपोर्ट....
मामला बेलगहना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ लैब टेक्नोलाजिस्ट के पद पर पालेश्वर ध्रुव पदस्थ हैं जिनके कार्य की प्रशंसा कलेक्टर द्वारा अपने हर विजिट के दौरान की गई है जिन पर आरोप है की उन्होंने खून जाँच करने के बजाए जाँच पर्ची फेक दिया जबकि हमारे चैनल की पड़ताल मे मामला कुछ और ही निकल कर सामने आ रहा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला इस प्रकार है की करहिकछार बसोर मोहल्ला मे दुर्गा बाई बसोर अपने मायके आई है जिनका की विवाह मध्यप्रदेश के किसी गाँव मे हुआ है राशन कार्ड करही कछार का होना बताया जा रहा है राशन लेने अपने मायके आई है जो की गर्भवती है जिसका की जाँच कराने मितानिन द्वारा स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना ले जाया गया है मितानिन द्वारा अपना कर्तव्य निर्वहन करते हुए बालक को बीमार देख उसे भी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने कहा गया जिस पर माँ दुर्गा बाई का कहना था की बाद म ले जाहूँ फिर भी मितानिन के कहने पर दुर्गा बाई अपने बच्चे को भी स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना ले आई जहाँ बकायदा गर्भवती महिलाओं के साथ दुर्गा बाई का भी गर्भवती जाँच उसी लैब टेक्नोलॉजीस्ट द्वारा किया गया जिस पर खून जाँच की पर्ची फेंकेने का आरोप लगा है जिसके बाद दुर्गा बाई बच्चे की जाँच की पर्ची लेकर पहुंची जिस पर लैब टेक्नोलॉजीस्ट पालेश्वर ध्रुव ने कहा थोड़ा इंतजार करिये गर्भवती जाँच करने के बाद करता हूं कहकर पर्ची अपने टेबल पर रख दिया जिसके बाद बाहर आकर दुर्गा बाई द्वारा उक्त बात मितानिन को बताई गई.. और बोला मै जा रही हूं राशन लेने कहकर अपने बच्चे को साथ लेकर घर चली गई। मितानिन के द्वारा बच्चे को स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना लाने के पूर्व दुर्गा बाई द्वारा बच्चे का इलाज कहीं करवाया गया था अथवा स्वास्थ्य केंद्र से जाने के बाद करवाया गया इस पर बच्चे की माँ गोल मोल जवाब दे रही है। पूरे मामले मे यह स्पष्ट दिखाई पड़ रहा की लैब टेक्नोलॉजीस्ट की कोई गलती नहीं वहीं बच्चे की मौत के पीछे की वज़ह कुछ और भी हो सकती है जो जाँच का विषय है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घेराव के वक़्त एक विशेष समुदाय को छोड़ किसी का कुछ भी न बोलना भी शंकाष्पद है।
इसका एक दूसरा पहलु यह भी है की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लैब टेक्नोलॉजीस्ट द्वारा सुव्यवस्थित ढंग से लैब का संचालन कर लोगों को सहज और सरलता से जाँच की सुविधा प्रदान की जा रही है. वहीं कुछ सेल्फ हेल्प सेंटर बेलगहना मे भी है जो की जाँच के नाम पर मोटी रकम वसूलने का काम कर रही हैं तो कुछ सम्पूर्ण जाँच के नाम पर बिलासपुर सेम्पल भेजनें की बात कह कर भोले भाले ग्रामीणों से मोटी रकम वसूलते हैं अब लाजिमी है की कोई उनके कमाई के जरिये मे रूकावट बन रहा हो उसे हटाने कुछ न कुछ प्रयास करेगा ही..सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना मे बच्चे की डेड बॉडी लेकर मचा हल्ला कहीं इसी का कोई रूप तो नहीं बहरहाल आधिकारिक जाँच से स्पष्ट होगा ही की सच्चाई क्या है।
बच्चे की मौत को लेकर कई सवाल है जिस पर भी जाँच जरुरी...प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना लाने के पूर्व क्या बच्चे का इलाज और कही हुआ था?
सवाल नंबर दो.... स्वास्थ्य केंद्र से जाने के बाद बच्चे को इलाज के लिए कहां ले जाया गया?
सवाल नंबर तीन... खून जाँच की पर्ची फेंके जाने की बात मितानिन अथवा उपस्थित स्टॉफ मे किसी को भी क्यों नहीं बताया?
क्या कहती है बेलगहना की जनता....पूरे करोना काल में पालेश्वर ने जान जोखिम में डाल कर कोरोना टेस्ट किया है। ब्लड टेस्ट क्यों नहीं करेगा। हम सबको गलत राजनीति से बचना चाहिए। इतनी घिनौनी राजनीति बेलगहना की जनता सब समझती है आज तक किसी प्रकार की जिनकी कोई शिकायत सुनने को नहीं मिली उन पर यह आरोप सरासर गलत है हम तो लगातार एक एम बी बी एस डॉक्टर की मांग कर रहे जो पूरा होते भी दिखता है पर हो नहीं पाता क्योंकि जिसकी भी पोस्टिंग यहाँ होती है वह यहाँ केवल साइन करने उपस्थित होता है वहीं मितानिनों का कहना है कि हमारा लगातार स्वास्थ्य केंद्र आना-जाना रहता है हमारे साथ कभी इस प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया गया है हमारे द्वारा लेकर गए हुए मरीजों का बाकायदा इलाज होता है।
क्या कहते हैं तहसीलदार बेलगहना...मामले की जानकारी मिलते ही जाकर पूछताछ की गई जिस दौरान उपस्थित लोगों के द्वारा लैब टेक्निशियन को सस्पेंड करने की मांग पर मेरे द्वारा अपने उच्चाधिकारी को सूचना देते हुए बी एम ओ को सूचित किया मामले की जाँच मे दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बच्चे की मृत्यु से परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है यह दुःखद है। अशिक्षा, लापरवाही अथवा कोई और बात जाँच जारी है।
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