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Durgkondal: लोहत्तर में धूम धाम से मनाया गया आजादी का 78 वीं वर्षगांठ*

*लोहत्तर में धूम धाम से मनाया गया आजादी का 78 वीं वर्षगांठ*


*आजादी के लिए कुर्बानी दिए शहीदों को किया नमन*


*राष्ट्र के विकास के लिए हर भारतीय को आगे आने की आवश्यकता- विकास राजु नायक*



दुर्गूकोंदल | दुर्गूकोंदल विकासखंड के संकुल केंद्र लोहत्तर में आज स्वतन्त्रता दिवस बड़ी हर्षोल्लास के मनाया गया स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज  विकास राजु नायक अध्यक्ष शाला प्रबंधन विकास समिति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लोहत्तर ने तिरंगा फहराया,और कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि - मैं आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं मुझे बहुत गौरान्वित महसूस हो रहा है क्योंकि जिस स्कूल से मैंने पढ़ाई की थी उसी स्कूल के शाला प्रबंधन विकास समिति का अध्यक्ष बनकर आप सब के बीच उपस्थित हुआ हूं मैं जिनके मार्गदर्शन में आज इस पद को हासिल कर पाया हुँ मेरे परिवारजनों एवं मेरे को शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षक गणों को प्रणाम करता हूं| और हमारे देश का अपना संविधान है जिसने हमें कई अधिकार दे रखे हैं। इन्हीं अधिकारों की बदौलत हम सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीवन का आनंद ले पा रहे हैं। आज 15 अगस्त, 1947 का जिक्र होते ही गर्व से हर भारतीय का सीना चौड़ा हो उठता है। आजादी... तीन शब्दों से मिलकर बना है। इसी आजादी को पाने के लिए भारत ने 200 साल तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। भारत की स्वतंत्रता की यात्रा अपार बलिदान, साहस और एकता से भरी हुई है। 1857 के विद्रोह से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारी स्वतंत्रता के लिए कई चुनौतियों का सामना किया। सभी देशवासी 78 वें स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लहराते हुए तिरंगे को देखना - चाहे वह लाल किले पर हो, राज्यों की राजधानियों में हो या हमारे आस-पास हो - हमारे हृदय को उत्साह से भर देता है। यह उत्सव, 140 करोड़ से अधिक देशवासियों के साथ अपने इस महान देश का हिस्सा होने की हमारी खुशी को अभिव्यक्त करता है। जिस तरह हम अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं।


 नायक जी ने कहा कि पंद्रह अगस्त के दिन, देश-विदेश में सभी भारतीय, ध्वजारोहण समारोहों में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। जब हम बच्चों को अपने महान राष्ट्र तथा भारतीय होने के गौरव के बारे में बातें करते हुए सुनते हैं तो उनके उद्गारों में हमें महान स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। हमें यह अनुभव होता है कि हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी | इतिहास की इस श्रृंखला की एक कड़ी होने का बोध हमारे अंदर विनम्रता का संचार करता है। यह बोध हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब हमारा देश, विदेशी शासन के अधीन था। राष्ट्र-भक्ति और वीरता से ओत-प्रोत देश-प्रेमियों ने अनेक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी पावन स्मृति को नमन करते हैं। उनके अथक प्रयासों के बल पर भारत की आत्मा सदियों की नींद से जाग उठी। अंतर-धारा के रूप में सदैव विद्यमान रही हमारी विभिन्न परंपराओं और मूल्यों को, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हमारे महान स्वाधीनता स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों ने नई अभिव्यक्ति प्रदान की। मार्गदर्शक-नक्षत्र की तरह, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वाधीनता संग्राम की विभिन्न परंपराओं और उनकी विविध अभिव्यक्तियों को एकजुट किया। आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे। फिर भी हमने हिम्मत नहीं मानी और आज हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमारे नव-स्वाधीन राष्ट्र की यात्रा में गंभीर बाधाएं आई हैं। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुता के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए, हम इस अभियान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि भारत, विश्व-पटल पर अपना गौरवशाली स्थान पुनः प्राप्त करते हुये भारत विश्व गुरु बने |आजादी महोत्सव के 78 वें  वर्षगांठ कार्यक्रम में बसंती भालेश्वर सरपंच ग्राम पंचायत लोहत्तर, मेहत्तर दीवान, मोतीराम भालेश्वर, पुरुषोत्तम देहारी, ओमप्रकाश भुआर्य , जगदीश देहारी, लीलाप्रसाद कुलदीप, तेजप्रताप आमले, सोनाराम साहु, राहुल राय, नीरज कोसमा, कँवल दीवान,मन्नूराम गढ़िया, नरेश दीवान, राजकुमार दीवान, रमेश टांडिया, मनबोध गढ़िया, नागेश्वर देहारी,बुद्धदेव नाग,रुखमणि चोरिया, मोहन्तिन कोमरा, जगमोहन केडाम, बाबूलाल नायक, सहित पुरे ग्रामवासी शामिल होकर हर्षोल्लास के साथ मनाया और एक दूसरे को आजादी की बधाई दी |

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