**नर्मदा से 12 किमी दूर पयलीमेटा में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक: बिना लाइसेंस चल रहे क्लीनिकों पर प्रशासन की चुप्पी और अवैध ब्लड कलेक्शन का खुलासा**
संवादाता मंदीप सिंह चौरे
स्थान खैरागढ़
खैरागढ़. नर्मदा से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पयलीमेटा इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों के आतंक से जूझ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, यहां कई क्लीनिक बिना किसी वैध लाइसेंस के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, जहां अप्रशिक्षित और अनुभवहीन लोग मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन क्लीनिकों को चलाने वाले तथाकथित डॉक्टरों की दबंगई इस कदर है कि स्थानीय लोग शिकायत करने से भी डरते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ये झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीणों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते, लोग इन अवैध क्लीनिकों में इलाज करवाने को मजबूर हैं। इन क्लीनिकों में न तो पर्याप्त उपकरण हैं और न ही स्वच्छता का कोई ध्यान रखा जाता है, जिससे मरीजों को संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। कई बार गलत इलाज के कारण मरीजों की हालत बिगड़ने की भी खबरें सामने आई हैं।
**अवैध ब्लड कलेक्शन और पैथोलॉजी का गोरखधंधा:**
मामले की पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पयलीमेटा में "गोपाल ब्लड कलेक्शन सेंटर" नाम का एक केंद्र अस्थायी लाइसेंस की आड़ में न केवल अवैध ब्लड कलेक्शन कर रहा है, बल्कि पैथोलॉजी की प्रैक्टिस भी कर रहा है। आरोप है कि यह सेंटर बिना किसी वैध लाइसेंस के उच्च गुणवत्ता वाली मशीनों का प्रयोग कर खुद ही रिपोर्ट बना रहा है, जिससे आमजनों और मरीजों के जीवन के साथ गंभीर खिलवाड़ हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस सेंटर को अब तक कोई वैध लाइसेंस नहीं मिला है।
**एक और झोलाछाप डॉक्टर का कबूलनामा:**
इसी कड़ी में, यहां के एक झोलाछाप डॉक्टर, जिनका नाम प्रजापति बताया जा रहा है, ने साफ तौर पर स्वीकार किया है कि उनके पास कोई वैध लाइसेंस नहीं है। यह बयान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति और अवैध रूप से प्रैक्टिस कर रहे लोगों के बढ़ते दुस्साहस को दर्शाता है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इन अवैध क्लीनिकों और ब्लड कलेक्शन सेंटरों के संचालन की जानकारी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रशासन की यह चुप्पी इन झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध पैथोलॉजी संचालकों के हौसले बुलंद कर रही है, जिससे वे बेखौफ होकर अपना अवैध धंधा चला रहे हैं।
यह गंभीर चिंता का विषय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ हो रहा है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए इन अवैध क्लीनिकों, ब्लड कलेक्शन सेंटरों और पैथोलॉजी लैबों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में भी कदम उठाने चाहिए ताकि ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित चिकित्सा सुविधा मिल सके।
जनता की मांग है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों और अवैध ब्लड कलेक्शन/पैथोलॉजी सेंटर संचालकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और उनके क्लीनिकों को तत्काल सील किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह से लोगों की जान से खिलवाड़ न कर सके।
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