धान खरीदी केंद्र की मांग पर, किसानों का 7 घंटे चक्काजाम
दुर्गूकोंदल/भानुप्रतापपुर। धान खरीदी का सत्र शुरू होते ही क्षेत्र के किसानों का सब्र टूट गया। सोमवार को बांसला पंचायत और दुर्गूकोंदल ब्लाक के राऊरवाही,आमाकड़ा, चिहरों तीनों पंचायतों के 1200 किसानों ने बांसाला,महेंद्रपुर में नया धान खरीदी केंद्र खोलने की अपनी वर्षों पुरानी मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन किया। किसानों ने संबलपुर चौक पर सुबह 10 बजे से 7 घंटे तक मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे मानपुर को जोड़ने वाले प्रमुख राजमार्ग पर वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं और जनजीवन प्रभावित हुआ।प्रदर्शनकारी किसानों ने 'बांसला,महेंद्रपुर में धान खरीदी केंद्र खोलो' के नारों के साथ अपनी आवाज़ बुलंद की। उनका कहना है कि वे मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसडीएम सहित संबंधित अधिकारियों को कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। किसानों को वर्तमान में अपना धान बेचने के लिए 10 से 15 किलोमीटर दूर-दराज के केंद्रों तक जाना पड़ता है, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। किसानों ने दावा किया कि बांसाला और महेंद्रपुर गाँव में केंद्र खोलने के लिए बड़ा ग्राउंड, खाद गोदाम और सामुदायिक भवन जैसी पर्याप्त संरचना मौजूद है, जहाँ धान का सुरक्षित भंडारण और तौल आसानी से किया जा सकता है।
महेन्द्रपुर के किसानों का भी मिला समर्थन
प्रदर्शन को महेन्द्रपुर क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने भी समर्थन दिया। उल्लेखनीय है कि महेन्द्रपुर के किसानों ने भी दो दिन पहले कोटपारा में महेन्द्रपुर में धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग को लेकर चक्काजाम किया था।
विधायक सावित्री मंडावी ने सरकार को घेरा
प्रदर्शन की सूचना पर थाना प्रभारी रामेश्वर देशमुख और तहसीलदार सुरेंद्र उर्वसा मौके पर पहुंचे, लेकिन किसानों के साथ उनकी प्रारंभिक चर्चा विफल रही। इसके बाद, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी किसानों के समर्थन में मौके पर पहुँचीं। विधायक मंडावी ने किसानों से चर्चा करते हुए भाजपा सरकार पर किसानों को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया। भाजपा सरकार द्वारा किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है। बोवाई सीजन में खाद के लिए किसान परेशान होते हैं, अब मिजाई कुटाई हो गया है तो धान बेचने के लिए परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कृषि मंत्री रामविचार नेताम पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने केंद्र खोलने के संबंध में मंत्री से दो बार बात की है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने बांसाला और महेन्द्रपुर दोनों जगह अंतागढ़ क्षेत्र की तर्ज पर नए खरीदी केंद्र खोलने की मांग की।
कलेक्टर से बैठक के आश्वासन पर समाप्त हुआ जाम
विधायक के हस्तक्षेप के बाद, तहसीलदार ने किसानों को आश्वासन दिया कि जिला कलेक्टर के साथ जल्द ही किसानों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस आश्वासन पर किसानों ने शाम को 7 घंटे बाद चक्काजाम समाप्त किया। किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कलेक्टर के साथ बैठक होने के बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तो वे उग्र प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।
परेशानियों का अंबार
किसानों का कहना है कि उन्हें खेती के दौरान खाद और उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर भारी परेशानी उठानी पड़ती है। वहीं, अब फसल तैयार होने के बाद अनाज को बेचने के लिए भी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। किसानों का मुख्य जोर यह है कि बांसला गांव में खरीदी केंद्र खुलने से उन्हें अपनी उपज को बेचने में सुविधा होगी और उन्हें दूरदराज के केंद्रों तक जाने की मशक्कत से मुक्ति मिलेगी।



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