राजनादगांव मोहरा समिति प्रबंधक की मनमानी मीडिया के सामने आने से मना किया समिति प्रबंधक
काम करनेवाले हमाल से पैसे को लेकर तू तू मैं मैं
समिति प्रबंधक द्वारा सीधा बोला गया कि आपको जिसके पास जाना है जाओ मेरा कुछ नहीं कर सकतें मैं सभी अधिकारियों को पैसे देता हूं।अधिकारियों की मिली भगत के कारण मजबूरी में काम करना पड़ रहा हैं।
प्रबधक जब हड़ताल में तब एक हफ्ते तक इनको 8 रुपये प्रति किविंटल के हिसाब मिलता था अब प्रबधक के आने के बाद 7रु से मिल रहा हैं।
यहां एक या दो रुपये का गेम कुछ इस प्रकार हैं।जिस धान खरीदी केन्द्र में 80,000 की. ग्राम
इसमें कैलकुलेटर करे तो पता चलता हैं।दो रु में 1,60,000राशि अंदर कर दी गई हैं।
धान खरीदी केन्द्र में अभी तक तय नही हुआ हैं कि तऔलाई करने वाले हमला को कितने दर से पैसे देना है।प्रबंधक के हाथों में होने के कारण इन गरीबों मेहनत पसीने की पैसे नहीं मिल रहा हैं।इसे शासन द्वारा कर दिया जाता तो यहां बात नहीं आती किन्तु प्रबधक के हाथों में होने के कारण हमलो को उनके मेहनत के पैसे नहीं मिल पा रहे हैं।उस पैसे से प्रबंधको द्वारा मनमानी किया जा रहा हैं।और यह सभी धान खरीदी केंद्र में चल रहा हैं।जब कि प्रशासनिक पैसे कितना आता हैं कितना देना हैं ये सभी को पता अधिकारियों की मिली भगत के कारण गरीब आवाज नहीं उठाते है
छत्तीसगढ़ विज़न टी वी से
अनिल सिन्हा की रिपोट
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