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Durgkondal: आदिवासी छात्रा से अनाचार मामले में हो रही लीपापोती*:- श्रीमती शकुंतला नरेटी *जिला उपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा जिला कांकेर*

 *मासूम बच्चे के साथ हुई हैवानियत शर्मनाक घटना*,  

 

*आदिवासी छात्रा से अनाचार मामले में हो रही लीपापोती*:- श्रीमती शकुंतला नरेटी *जिला उपाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा जिला कांकेर*



दुर्गुकोंडल 27 जुलाई 2023

भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा जिला (काकेर) उपाध्यक्ष श्रीमती शकुंतला नरेटी ने सुकमा जिले के एर्राबोर में 5 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म की घटना को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है श्रीमती नरेटी ने कहा है कि

पोटा केबिन में पढ़ने वाली बच्चियां सुरक्षित नहीं है, और तो और पोटा केबिन की अधीक्षिका ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। शनिवार रात को हुए मामले को

दबाने की कोशिश की गई और उसी अधीक्षिका को प्रार्थी बना कर रिपोर्ट दर्ज किया जा रहा है। जबकि अधीक्षिका पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, परंतु स्थानीय विधायक द्वारा उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त भाजपा महिला मोर्चा जिला उपाध्यक्ष श्रीमती शकुंतला नरेटी

ने कहा है कि

शनिवार रात में एराबोर के पोटा केबिन में आदिवासी नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में

भारतीय जनता पार्टी के ज़िला उपाध्यक्ष श्रीमती शकुंतला नरेटी ने  प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोटा के विधायक एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आड़े हाथ लेते हुए उनके इस्तीफा की मांग की है। श्रीमती शकुंतला नरेटी ने कहा कि सुकमा जिला में इस प्रकार एक महीना के अंदर अंदर नाबालिक बच्ची पर दुष्कर्म का यह दूसरा मामला है। सुकमा की कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचीली नजर आ रही है। और इस दुष्कर्म में स्थानीय विधायक कवासी लखमा का किसी भी प्रकार का प्रतिक्रिया नहीं आया, जो बड़े ही खेद का विषय है।

मणिपुर मामले में हल्ला मचाने वाले क्यों है शांत

श्रीमती शकुंतला नरेटी ने कहा कि पोटा केबिन अधीक्षक के पद में कवासी लखमा के इशारे पर मोटी कमीशन

वसूल करके ना काबिल लोगों की नियुक्ति की जा रही है। मोटा कमीशन देने की एवज में कांग्रेस सरकार के द्वारा कवासी लखमा के हमारे पर पूरी तरह से छूट दी जा रही है। इसी का परिणाम है कि इस तरह के दुष्कर्म की घटना सामने आई है। इसलिए स्थानीय मंत्री कवासी लखमा को इस्तीफा देना चाहिए, उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं हर मुद्दे पर राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेता इस घटना पर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। मणिपुर की घटना पर राजनीति करने वाले अब आदिवासी छात्र पर हुए दुष्कर्म के मामले पर चुप क्यों है। श्रीमती शकुंतला नरेटी ने कहा कि एरांबोर पोटा केबिन में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं एवं उनके पालक इतने भयभीत है कि अपनी बच्चियों को इस पोटा केबिन से वापस घर ले जा रहे हैं।

पोटा केबिन की हालत बद से बदतर

श्रीमती शकुंतला नरेटी ने कहा कि सरकार की सकल खड़ा करता है।

व्यवस्था पर उनको कौन नहीं है। रिपेयरिंग के नाम से अनाप- खर्चा करने वाले विभाग पोटा केबिन की द बदतर है। जिस से दुष्कर्म करने वाला अपराधी आसानी से आ जा रहा है। शासन को है। पोटा केबिन में पढ़ने वाली बच्चियां सुरक्षित नहीं है। और पोटा केबिन की इस मामले को दबाने को को शनिवार रात को हुए मामले को दबाने की कोशिश की गई और उसी अधीक्षक को बना रिपोर्ट दर्ज किया जा रहा है। श्रीमती शकुंतला नरेटी ने कहा कि अधीक्षिका कांग्रेस के स्थानीय नेता की बहन भी है। इसलिए उसके ऊपर सिर्फ अनौपचारिक कार्यवाही किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार अधीक्षिका का पति भी उस पोटा केबिन में आना-जाना करता था एवं रात भी बिताता था। कन्या पोटा केबिन में किसी पुरुष का रात बिताता था कन्या कोटा केबिन में किसी पुरुष का राज बताना भी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। श्रीमती शकुंतला नरेटी ने बताया है कि कांग्रेस के पूरे शासन काल में लगभग 5000 वारदातें दुष्कर्म की घटी है और महिला सुरक्षा के तमाम सरकारी दावे खोखले साबित हुए हैं श्रीमती नरेटी ने कहा है कि प्रदेश सरकार के निकम्मेपन की सजा प्रदेश के निर्दोष बच्चोंयो से लेकर वृद्ध महिलाएं भुगत रहे और कांग्रेस के नेता पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि दुष्कर्म के आरोपियों को संरक्षण देकर पदेश को गर्त में ढकेल रहे हैं।

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