*स्थायी समिति के अनुमोदन के बाद भी रोकी गई, आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका के 5पदों पर भर्ती*
छत्तीसगढ़ विजन tv संवाददाता राम प्रताप सिंह कि रिपोर्ट बेलगहना ....
कोटा/बेलगहना..... जनपद पंचायत कोटा की बहुचर्चित आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के द्वारा अपना आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। इसमें जितने पेंच हैं सबकी वजह ऑफलाइन भर्ती प्रक्रिया को माना जा रहा है।
भर्ती प्रक्रिया में सारी प्रकिया पूर्ण होने के बाद होता है स्थाई समिति का अनुमोदन। जिसके पश्चात 56 अभ्यर्थियों के आवेदन कि सारी जाँच प्रक्रिया पूर्ण कर स्थायी समिति द्वारा अनुमोदन किया गया। जिसमें बड़ा नाटकीय मोड़ तब आया ज़ब 56 अभ्यर्थियों में पांच अभ्यर्थी करखा, उमरिया, मोहली, लूफा, पंडरापथरा का चयन रोक दिया गया है जिसमें दावा आपत्ति के चलते रोके जाने कि जानकारी अभ्यर्थियों के पूछे जाने पर दी गई। सारी अहर्ता पूर्ण होने के बावजूद अब तक इनका चयन रोककर रखा गया है। अभ्यर्थियों के द्वारा दिनांक 24/03/2023 को जिला कलेक्टर से शिकायत के बाद ज़ब कोटा परियोजना से जवाब तलब किया गया जिसमें 23/05/2023 के प्राप्त समय सीमा पत्र के जवाब के संबंध में परियोजना अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में महिला एवं बालविकास समिति द्वारा अब तक अनुमोदन न होना बताया गया। वहीं उक्त केंद्र में कार्यकर्ता नियुक्ति के संबंध में उचित कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताया है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मुख्यकार्यपालन अधिकारी, खण्ड शिक्षाधिकारी, खंडचिकित्सा अधिकारी, सभापति के मार्गदर्शन में होने वाली इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में 5पदों पर नियुक्ति 2साल से भी ऊपर समय बीत जाने पर भी लंबित, सवाल के दायरे में हैं प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारी।
कलेक्टर कार्यालय से जवाब प्राप्ति के बाद अभ्यर्थी आज भी नियुक्ति मिलने कि आस में यहां वहां चक्कर काट रहे हैं। बता दें कि यह भर्ती प्रक्रिया काफ़ी चर्चा मे रहा है इस दौरान के परियोजना अधिकारी के अन्यत्र भेजे जाने व नए परियोजना अधिकारी के आने के बाद अभ्यर्थीयों के सूची का अनुमोदन किया गया जिसके सम्बन्ध मे वर्तमान परियोजना अधिकारी से बात कि गई।
इस सम्बन्ध मे क्या कहती हैं परियोजना अधिकारी.... परियोजना अधिकारी कोटा का कहना है कि दावा आपत्ति उपरांत स्थायी मूल्यांकन समिति के जाँच रिपोर्ट के अनुमोदन अब तक स्थायी समिति द्वारा नहीं कि गई है।
क्या कहते हैं सभापति...वहीं इस संबंध मे स्थायी समिति के सभापति कन्हैया गंधर्व का कहना है कि सारी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है इस संबंध मे परियोजना अधिकारी ही कुछ जवाब दे पाएंगी।
पुरे मामले मे समझने वाली बात है कि अधिकारी व सभापति के बीच घूम रही पूरी प्रक्रिया मे वे अभ्यर्थी ठगा महसूस कर रहे हैं जो अब तक अपना कार्यभार संभाल रहे होते। पुरे मामले में बंद कमरे कि हकीकत भी जल्द सामने आएगी, या तो मामले में पूर्ण विराम लगेगा अथवा पर्दाफाश होगा। बहरहाल चयन प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थीयों कि आस पूरी होगी अथवा पारदर्शिता से विश्वास टूटेगा देखने वाली बात होगी।
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