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Rajnandgaon: कांग्रेस के"भरोसे" के सम्मेलन पर छाया संगठनात्मक "अविश्वास" का बादल, सरकारी कार्यक्रम का हुआ राजनीतिकरण, पार्टी के विजयी नेताओं को किनारा, मनोनीत जनप्रतिनिधि के फ्लेक्स, पोस्टर और बैनर से पट गया मंच सारा...*

 *कांग्रेस के"भरोसे" के सम्मेलन पर छाया संगठनात्मक "अविश्वास" का बादल, सरकारी कार्यक्रम का हुआ राजनीतिकरण, पार्टी के विजयी नेताओं को किनारा, मनोनीत जनप्रतिनिधि के फ्लेक्स, पोस्टर और बैनर से पट गया मंच सारा...*



*राजनांदगांव।* विकासखंड के ग्राम ठेकवा में 8 सितम्बर को भरोसे का सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा मल्लिकार्जुन खडग़े उपस्थित रहेंगे। सत्ता पार्टी कांग्रेस के इस भरोसे के सम्मेलन पर आयोजन से पूर्व ही पार्टी के संगठनात्मक अविश्वास का बादल छा चुका है। सीधे कहे तो इस कार्यक्रम पर भी कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी हावी हो चुकी है। सरकारी कार्यक्रम को पूरी तरह राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का केंद्र बना दिया गया है। पार्टी के विजयी नेताओं को किनारा कर मनोनीत जनप्रतिनिधि के फोटो वाले फ्लेक्स, पोस्टर और बैनर से पूरा मंच पट चुका है। कांग्रेसियों की आपसी खींचतान की वजह से यह आयोजन होने से पूर्व किरकिरी का सामना कर रहा है। 



करोड़ों रुपए के सरकारी योजना और कार्यों को धरातल प्रदान करने वाले इस कार्यक्रम स्थल पर जगह-जगह सिर्फ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष नवाज खान का फ्लेक्स, पोस्टर और बैनर लगा दिया गया है। इन फ्लेक्स में कांग्रेस के विजयी नेता और विधायको की फोटो गायब है। स्थल पर सरकारी योजनाओं को लेकर भी कोई फ्लेक्स नहीं लगाया गया है जिससे लोगों को यह जान पड़े की यह आयोजन किस लिए किया जा रहा है। जगह-जगह अपने ही पोस्टर लगाकर नवाज खान ने एक तरह से आयोजन के श्रेय का केंद्रीकरण कर दिया है। इससे पार्टी के अन्य नेताओं में भी भारी नाराजगी देखी जा रही है। गौरतलब है कि कांग्रेसियों में आपसी गुटबाजी किसी से छिपी नहीं है। बीते दिनों कांग्रेस पार्टी की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा के आगमन के दौरान भी कांग्रेसियों में जबरदस्त गुटबाजी दिखी थी। इस दौरान पार्टी का हर एक नेता अपने स्तर पर शक्ति प्रदर्शन करते नजर आया था। इस मामले को लेकर भी विरोधी पार्टियों ने जमकर मजाक बनाया था। इस बार फिर इतने बड़े आयोजन को लेकर यही स्थिति निर्मित हो रही है। 


*आमजन को किनारा, अफसरो का नेताओं से है याराना*


विधानसभा चुनाव के पहले सरकारी कम राजनीतिक हो चुके इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पार्टी के नेताओं के अलावा जिला प्रशासन के अफसरों ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इन दिनों अधिकारी आमजन को किनारा कर सत्ता पक्ष के नेताओं से याराना निभा रहे हैं। यही वजह है कि लोगों की शिकायतें और समस्या अनसुनी कर दी जा रही है। बीते दिनों राजनांदगांव कलेक्टर से मिलकर शिकायत देने पहुंचे कुछ लोगों को दफ्तर के बाहर से ही बैरंग लौटा दिया गया। कलेक्टर ने अपने कर्मचारियों से कहलवा दिया कि वे आगामी दिनों में आयोजित होने वाले राजनैतिक कार्यक्रम की व्यवस्था करने में व्यस्त है। मुलाकात करने के लिए उनके पास दो मिनट का भी समय नहीं है। यदि उनसे मुलाकात करनी है तो आम शिकायतकर्ताओं की तरह मंगलवार को होने वाले जनदर्शन में आए। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासनिक तंत्र लोकहित की शिकायत और उनके निराकरण के लिए कितना तत्पर है। 


*अफसरो का यह रवैया बिगाड़ सकता है विधानसभा चुनाव का नतीजा*


कांग्रेस की सत्ता में आने के बाद से ही प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया आमजन के प्रति जिम्मेदारी पूर्ण नहीं रहा है। अफसर केवल सत्ता पक्ष के नेताओं के इशारों पर ही और उनके लिए ही काम करते आ रहे हैं। टैक्स भरने वाले आम जनता से अफसर का ऐसा रवैया आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के परिणाम पर असर डाल सकता है। वैसे भी कलेक्टर डोमन सिंह के कार्य को लेकर जिलेवासियों के अलावा अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारियों में भी रोष व्याप्त है।

छत्तीसगढ़ विजन टी वी से

अनिल सिन्हा रिपोर्टर

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