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Belgahana: *शासन प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके पाव जनजाति के पविया समाज के लोग कर रहे चुनाव बहिष्कार कि बात.....*

 *शासन प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके पाव जनजाति के पविया समाज के लोग कर रहे चुनाव बहिष्कार कि बात.....*


छत्तीसगढ़ विजन tv संवाददाता राम प्रताप सिंह की रिपोर्ट बेलगहना 7987923247.....



बेलगहना.... कोटा विधानसभा में वर्षों से शासन प्रशासन से आस लगाए बैठे पविया जनजाति के लोग आज तक जाति प्रमाण पत्र बनवाने भटक रहे अनुसूचित जनजाति आयोग से अनुसन्धान कि टीम सर्वे कर जा चुकी फिर भी पाव जनजाति के पविया समाज को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है जबकि पाव और पविया के बीच रोटी बेटी का संबंध शुरुआत से चला आ रहा है शासन प्रशासन पाव जनजाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी कर रही लेकिन पविया जनजाति आज तक इससे वंचित हैं। केवल मिसल त्रुटि का खामियाजा भोग रहे जनजातीय लोग।  छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व सत्तर (ख) में पविया को जनजाति मानते हुए सरगुजा संभाग में जमीन वापसी कि गई थी जबकि छत्तीसगढ़ गठन के बाद पविया जनजाति को अनुसूचित जनजाति मानने से प्रशासन इंकार कर रही है। कोटा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत लूफा में हुई राज्य स्तरीय पाव समाज संगठन छत्तीसगढ़ कि बैठक में छत्तीसगढ़ के कोने कोने से पाव जनजाति के पविया समाज के समाज प्रमुख पहुंचे जहां बैठक में मिसल में हुई त्रुटि सुधार हेतु छत्तीसगढ़ राज्य गठन से लेकर आज तक शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके पविया समाज के लोगों ने प्रदेश सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव बहिष्कार का निर्णय किया है।

बताया जा रहा है कि बड़े स्तर पर पाव जनजाति के पविया समाज कि जमीन हथियाने भू माफियाओं कि करतूत व छत्तीसगढ़ गठन के बाद वृहद राजनितिक षड्यंन्त्र के तहत छल करते हुए पविया तथा पाव को पोबिया बनाते हुए जनजातीय श्रेणी से बाहर कर बड़े पैमाने पर जमीन कि खरीद फरोख्त कि गई साथ ही आज भी रायगढ़ व गौरैला पेंड्रा मरवाही तथा मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर क्षेत्र में पविया समाज के साथ भी यही जमीन के खरीद फरोख्त का खेल जारी है।

    पविया जनजाति के लोग खुद को अनुसूचित जनजातीय श्रेणी में शामिल करने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोटा, जिला कलेक्टर बिलासपुर, अनुसूचित जनजाति आयोग बिलासपुर तथा रायपुर को लिख चुके हैं साथ ही प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल से मुलाक़ात कर आवेदन दिया है। बेलगहना तहसील से आस्थाई जाति तो बना किन्तु अनुविभागीय अधिकारी द्वारा स्थाई हेतु मामला रोक दिया गया।

इन सबके बावजूद छत्तीसगढ़ गठन को 22वर्ष पुरे होने के बाद भी अपनी जायज मांग पूरी न होने जाति प्रमाण पत्र न बनने से क्षुब्ध पाव जाति के पविया समाज के लोग चुनाव बहिष्कार करने व उग्र आंदोलन कि बात कह रहे हैं। साथ ही इस संबंध में चुनाव आयोग को भी अपनी बात लिखने कि बात कही गई।

           निश्चित रूप से अगर पविया समाज को अनुसूचित जनजातीय प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता ऐसी स्थिति में शिक्षा, रोजगार, व आरक्षण जैसी सुविधाओं से वंचित यह जनजातीय समाज प्रगति पथ पर बढ़ने कि बजाय अंधकार में खोता चला जाएगा साथ ही इनका भरपूर शोषण होगा जिसका ये उचित विरोध करने में खुद को लाचार पाएंगे देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव बहिष्कार के निर्णय कि जानकारी चुनाव आयोग को मिलने पर इनके हित में क्या होगा।पुरे बैठक के दौरान पाव जाति के पविया समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष रघुवर सिंह, गौरी प्रसाद पवन, रघुनाथ सिंह जिलाध्यक्ष बाबूलाल पाव, तथा लुफा, मिट्ठू नवागांव, रतनपुर (जोगी अमराई) के साथ 13 गांव के पविया समाज के लोग उपस्थित रहे।

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