*चुनावी माहौल में रुलाने लगा प्याज़,कीमत अर्धशतक के पार, शतक के करीब*
*दुर्गूकोंदल*। छत्तीसगढ़ सहित देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैँ ।सात नवंबर को बस्तर की सीटों के लिए मतदान होना है ।ठीक चुनाव के वक्त प्याज़ की कीमतों में भारी उछाल आ गया है। आलू और प्याज़ की कीमतें बढ़ने का चौतरफा असर देखा जा रहा है ।रसोई घर से प्याज़ गायब होने के साथ ही होटलों में नास्ता भी महंगा होने लगा है। आम से लेकर खास लोगों की जेब पर इसका सीधा असर पड़ने लगा है। व्यापारी फ़सल खराब होने की कहा रहे हैँ ।इस बीज मुनाफाखोरी की भी आशंका जताई जा रही है ।चुनावी माहौल में प्याज़ की कीमतों में आई भारी उछाल को लेकर अब तरह तरह की अटकले भी लगाई जा रही है ।लोगो की जुबान पर अब आलू और प्याज़ चढ़ने लगा है। नवरात्र से ठीक पहले प्याज़ की कीमत में तेजी आई थी।तब 30 से 35 रु,प्रति किलो,की दर पर बिक्री हो रही थी।चिल्हर बाजार के व्यापारी अपनी मर्जी से अनुसार भाव तय कर रहे थे। अब तो आसमान छु रहे प्याज़ के दाम 30 से सीधे 75 के करीब पहुँच चुका है। प्याज़ का दाम इसी तरह चलता रहा तो शतक के करीब पहुँच ही जायेगा।चिल्हार बाजार में व्यापारियों ने संघ बना लिया है ।संघ जो निर्णय सुना देता है पूरे दिन उसी दाम पर सब्जी की बिक्री होती है। मुनाफाखोरी के इस धंधे में आम लोगों की जेब का ख्याल कोई नहीं कर रहा है।और न ही कोई रख रहा है ।प्याज़ की बढ़ती कीमतों ने मध्यम वर्गीय परिवार का बजट एक बार फिर बिगड़ने लगा है। थोक मंडी में दीपावली के बाद नई फ़सल की आवक शरू होगी ।तब तक ऊँचे दाम पर ही प्याज़ खरीदना होगा। दाम ऊँचे होने के कारण जरूरत के मुताबिक ही लोग खरीदारी कर रहे हैं ।जो दो किलो,प्याज़ खरीदकर ले जाते थे। वर्तमान में एक किलो.से ही काम चला रहे हैँ ।प्याज़ के साथ ही आलू की कीमतें भी बढ़ने लगी है । अब ये देखना होगा कि आलू प्याज़ के दाम किस हद तक बढ़ती है और निम्न वर्गीय परिवार की जेब कितनी कटती है । ये आने वाला वक्त ही बताएगा।
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