कुम्हारों के चाक से बन रहे है आस्था के दीये
श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मंदिरों और घरों के आंगन में जगमगाएंगे ये दीपक
श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा कुम्हारों के लिए लेकर आया नया अवसर
आशीष गुप्ता ब्यूरो रिपोर्ट
महासमुंद 20 जनवरी 2024/ श्री राम लाल प्राण प्रतिष्ठा के खास अवसर ने यहां के कुम्हारों की किस्मत चमका दी है। इन दिनों कुम्हार कारीगर मिट्टी के दीये बनाने में व्यस्त है। वे दिन रात परिवार सहित चाक से आस्था के दीये गढ़ रहे हैं। ऑफ सीजन में भी दीयों की मांग ने कुमारों को आय का नया और अतिरिक्त जरिया दिया है।
राम की कृपा है, हमे आफ सीजन में काम मिला
"ये सब राम की कृपा ही है कि हम ऑफ सीजन में दीया बना रहे हैं। सच तो ये है की जब से अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय हुई है। उसी दिन से दीयों और मिट्टी के कलश की मांग बढ़ गई है। अभी तक लगभग 50 हजार दिया बेच चुके हैं।"ये कहना है महासमुन्द के कुम्हार पारा निवासी सुखरू कुम्हार का। उनका कहना है पूरा परिवार इस कार्य को अनुष्ठान मान कर कर रहे हैं। सुखरु कुम्हार के परिवार उनकी बहू और बेटे भी दीया बनाने में व्यस्त है। उनका कहना है कि श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा हमारे लिए एक नया अवसर लेकर आया है। यह सब राम की कृपा है।। उन्होंने कहा कि शहर में करीब 35 परिवार इस कार्य में लगे हैं।
महिला समूह को भी मिला अतिरिक्त आय का माध्यम
इस तरह समूह की महिलाएं भी दीया बनाने के काम में दिन रात जुटी हुई है ।महाप्रभु महिला समूह और लक्ष्मी नारायण महिला समूह के सदस्यों ने बताया कि अभी तक लगभग 60 हजार दीयों की बिक्री हो चुकी है ।पहली बार रायपुर से ऑर्डर भी मिले हैं ।महाप्रभु समूह के उत्तरा चक्रधारी ने बताया कि उनके समूह में 10 सदस्य हैं और सभी अपने अपने घरों में लगातार दीया और मिट्टी के कलश बना रहे हैं ।बाजार में भी डिमांड बढ़ी है ।इसी तरह महिला समूह लक्ष्मी नारायण की कुसुम लता चक्रधारी ने बताया कि इस अवसर पर हम खुशी और आस्था से दीपक बना रहे हैं। इससे हमारी आजीविका में एकाएक वृद्धि हुई है । प्रति दीया लगभग 75 पैसे में विक्रय करते हैं।यह श्री राम की ही कृपा है कि हमें ये शुभ अवसर मिला है।समूह की सदस्य कुसुम लता ने बताया कि यह हमारे लिए विशेष अवसर है कि हमारे द्वारा बनाए गए दीये मंदिरों में जगमगाएंगे। हम भी अपने-अपने घरों में दीया जलाएंगे ।
शासन से ऋण और इलेक्ट्रानिक चाक मिला
सुखरू कुम्हार ने कहा कि उन्हें करीब 7 साल पहले ही इलेक्ट्रॉनिक चाक मिला है ।जिससे वह लगातार मिट्टी के सजावटी सामग्री बना रहे हैं।महाप्रभु समूह के सदस्य ने बताया कि राष्ट्रीय आजीविका शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से उन्हें₹1लाख रुपए का लोन मिला था,जिससे यह कार्य करने में सक्षम हुई। महिला समूह की मार्गदर्शिका प्रेमशीला बघेल ने बताया की अब शासन की मंशानुरूप महिला समूह के सदस्यों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अंतर्गत लाभ दिलाएंगे जिससे वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाएंगे।
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