जितेन्द्र भास्कर
*कोटा* -
*गांव से ग्राहक तक अभियान मे जुटी महिलाएं*
कोटा:-गरिमा (ग्रामीण आत्मनिर्भर रोजगारी मंच)का प्रयास *खेत से पेट* तक रसायन रहित (अनाज) उत्पाद उपभोगता को उपलब्ध कराने की श्रृंखला में मुख्य भूमिका अदा कर रहा है। गरिमा का मुख्य धेय यह है कि गांव आधारित उत्पादों का प्रसंस्करण , श्रेणीकरण, मूल्यवर्धन, और पैकेजिंग करना है जिससे गांव में उत्पादक कृषक एवं ग्रामीण महिला बहनों, मजदूर को उनके श्रम और उत्पाद का सही और सम्मान जनक मूल्य मिल सके, और साथ ही गांव आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर हो, गांव में रोजगार के अवसर बढ़े, उत्पादक से उपभोक्ता का सीधा जुड़ाव स्थापित हो होगा। इसी कड़ी में *गरिमा (ग्रामीण आत्मनिर्भर रोजगारी मंच)* श्री धान्य यानी कोदो, कुटकी,सांवा, कंगनी, रागी, आदि अनाजों की खेती को प्रोत्साहित कर रहा है, जिससे पोषण विविधता का संरक्षण किया जा सके। साथ ही महिलाएं अब दूसरे दौर मे *गांव से ग्राहक तक* अभियान मे जुट कर शहर कस्बे, और कई मेले मे जाकर अपने द्वारा बनाये गए उत्पाद विक्रय कर रहे है, जिसमे मुख्य रूपसे गैर संचारी रोग, गंभीर रोगों से बचाव, खानपान जीवन शैली आदि कि जानकारी भी अपने स्टॉल से दे रही है.. वर्तमान मे तीन दिवसीय तारण मेला मुंगेली नाका बिलासपुर मे चल रहा है महिलाएं अपने उत्पाद विक्रय कर रही हैँ...
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