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Dongargaon: बच्चों ने गुड्डा-गुड़िया की रचाई शादी*

*बच्चों ने गुड्डा-गुड़िया की रचाई शादी*



डोंगरगांव। बिना पंचांग देखे जिस मुहूर्त में सभी तरह के संस्कार संपन्ना किए जा सकते हैं, उसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। इस महामुहूर्त को छत्तीसगढ़ में अक्ती के रूप में जाना जाता है। वही डोंगरगांव के आंचल में अक्षय तृतीया के दिन मिट्टी के पुतरा-पुतरी (पुतला-पुतली) का विवाह कराने की परंपरा है। ग्राम आसरा निवासी ओमकार साहू व जनक लाल साहू ने अपने घरों में छोटे-छोटे बच्चों के साथ सदियों से चली आ रही पुतरा पुतरी की शादी कराई, जिसमें बरात ले जाने से लेकर चुलमाटी, टिकावन के साथ विदाई भी कराई गई। इस अनोखे शादी में परिवार समेत बड़े बुजुर्गो शामिल हुए थे।

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