*परसा कोयला खदान के पर्यावरण स्वीकृति के लिए जन सुनवाई का शिवसेना ने किया विरोध*
दुर्गूकोंदल।भानुप्रतापपुर, परसा( उदयपुर) जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ में अदानी कंपनी को कोयला खदान विस्तारीकरण के पर्यावरणीय लोक जनसुनवाई में उपस्थित होकर शिवसेना द्वारा अदानी को कोयला खदान देने का कड़ा विरोध किया गया। एवम उसमें आपत्ति लगाई गई। विदित हो कि पूर्व में भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सरगुजा संभाग के हसदेव जंगल में अदानी को कोयला खदान आवंटित किया गया है ।जिस खदान के खुलने से लाखों पेड़ काटे गए ।जिससे छत्तीसगढ़ की हसदेव नदी, जंगल, पेड़, पौधे, पहाड़ ,जीव ,जंतु का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है ।हसदेव जंगल एक हाथी एवम जीव जंतु विचरण क्षेत्र है। कोयला खदान के कारण हाथी, जीव ,जंतु, जंगल ,नदी का अस्तित्व संकट में है ।उसके बाद भी भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अदानी को फिर से हसदेव के जंगल में कोयला का खदान आवंटित किया जा रहा है। जिससे पुनः हसदेव के जंगल में करोड़ों पेड़ काटे जाएंगे। जिससे छत्तीसगढ़ सहित ,भारत एवम पूरे पृथ्वी में पर्यावरणीय असंतुलन होगा। जिससे पूरे विश्व के पर्यावरण विद चिंतित है। पिछली सरकार के समय कांग्रेस, भाजपा द्वारा एक मत से छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था कि हसदेव के जंगल में अदानी को कोयला खदान हेतु अन्य अनुमति नहीं दी जाएगी। उसके बाद भी अदानी को कोयला खदान हेतु हसदेव जंगल क्यों। शिवसेना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछती है कि एक तरह आप एक पेड़ मां के नाम कहके वृक्षारोपण करवा रहे हैं ।दूसरी तरह आप अदानी को कोयला खदान देकर करोड़ों पेड़ कटवा रहे हैं। यह कहां का न्याय है। शिवसेना आपसे पुनः मांग करती है कि हसदेव के जंगल में अदानी को दिए जाने वाले कोयला खदान पर रोक लगाने की कृपा करेंगे। और हसदेव जंगल को बचाने का कष्ट करेंगे।
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