**छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी की ऐतिहासिक जीत: मुन्नी बाई को मिला न्याय**
**संवाददाता: मनदीप सिंह चौरे**
**स्थान: खैरागढ़**
खैरागढ़ जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर, वार्ड नंबर 2 पिपरिया में रहने वाली मुन्नी बाई के लिए पिछले तीन महीने का संघर्ष आखिरकार रंग लाया। केंद्रीय विद्यालय में लगभग 14 वर्षों से स्वीपर के पद पर कार्यरत मुन्नी बाई को बिना किसी ठोस कारण और बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक नौकरी से निकाल दिया गया था। यह घटना उनके जीवन में एक बड़ा संकट लेकर आई, जिसके बाद उन्होंने न्याय की आस में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी का दरवाजा खटखटाया।
### न्याय की लड़ाई की शुरुआत
मुन्नी बाई की मार्मिक पुकार को गंभीरता से लेते हुए, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया। वे मुन्नी बाई के साथ खड़े हुए और सुबह-सुबह कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने कलेक्टर से मुलाकात कर मुन्नी बाई की पूरी व्यथा सुनाई और उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें नौकरी से निकाले जाने के अन्यायपूर्ण निर्णय को रेखांकित किया गया था। इस मुलाकात का उद्देश्य प्रशासन का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित करना और मुन्नी बाई को उनका हक दिलाना था।
### सतत प्रयास और आखिरकार जीत
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने इस मामले को पूरी निष्ठा और लगन से लड़ा।आखिरकार प्रशासन को मुन्नी बाई के साथ हुए अन्याय को सुधारना पड़ा।
इन पार्टियों के संघर्ष और दृढ़ संकल्प के फलस्वरूप, मुन्नी बाई को न्याय मिल ही गया। उन्हें कल ही काम पर वापस बुला लिया गया है, जिससे उनके चेहरे पर खुशी और राहत की लहर दौड़ गई है। यह सिर्फ मुन्नी बाई की ही जीत नहीं है, बल्कि यह उन सभी मेहनतकश लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जिन्हें अन्याय का सामना करना पड़ता है।
### छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की उपलब्धि
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने इस जीत को अपनी एक और बड़ी उपलब्धि बताया है। यह घटना दर्शाती है कि जब कोई संगठन ईमानदारी और दृढ़ता के साथ जनहित के लिए खड़ा होता है, तो न्याय मिलना असंभव नहीं होता। मुन्नी बाई का मामला एक उदाहरण बन गया है कि कैसे संगठित प्रयास और जनभागीदारी से वंचितों को उनका अधिकार दिलाया जा सकता है। यह जीत छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जनसेवा के प्रति समर्पण और उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।
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