अवेली में बोरे बासी तिहार का आयोजन, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्य अतिथि के रूप शिरकत की।
संवाददाता- मंदीप सिंह
स्थान- खैरागढ़
खैरागढ़.ग्राम पंचायत अवेली में हर्षोल्लास के साथ बोरे बासी तिहार का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। बघेल ने श्रमिकों के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया।
अवेली में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, "मजदूर दिवस प्रतिवर्ष श्रमिकों के सम्मान और उनके कठिन परिश्रम को याद करने का अवसर प्रदान करता है। हमारी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यह निर्णय लिया था कि इस दिन को बोरे बासी तिहार के रूप में मनाया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपरा का अभिन्न अंग है।" उन्होंने आगे कहा कि बोरे बासी छत्तीसगढ़ का मुख्य भोजन है, और इस तिहार के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और सम्मानित कर रहे हैं।
**मीरा बाई चौक पर प्रतिमा हटाने पर तीखी प्रतिक्रिया**
खैरागढ़ के मीरा बाई चौक पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेश बघेल ने नगर पालिका द्वारा मीरा बाई की प्रतिमा हटाने की घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त मीरा बाई के नाम पर स्थापित चौक को तोड़ना अत्यंत निंदनीय है। नगर पालिका को अपनी इस गलती को स्वीकार करते हुए तत्काल मीरा बाई की प्रतिमा को पुनः स्थापित करना चाहिए।" उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार किसी भी समाज के सम्मान को ठेस पहुंचाने से नहीं चूक रही है।
**खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में बिजली-पानी की समस्या पर सवाल**
भूपेश बघेल ने खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले के कुछ गांवों में अब तक बिजली और पानी की मूलभूत सुविधाओं की अनुपलब्धता पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी कई गांवों में लोगों को बिजली और पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने घोषणा की कि इस मुद्दे को विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जाएगा और सरकार से इन गांवों में तत्काल बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी।
**बोरे बासी तिहार का महत्व**
बोरे बासी तिहार छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्यौहार श्रमिकों के सम्मान और उनके योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। बोरे बासी, जो कि रात के बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर बनाया जाता है, छत्तीसगढ़ के लोगों का पारंपरिक भोजन है। इस तिहार के माध्यम से, छत्तीसगढ़ की जनता अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करती है।
इस कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों के अलावा कई कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भी उपस्थित थे, जिन्होंने भूपेश बघेल के विचारों का समर्थन किया और सरकार से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में मूलभूत सुविधाओं को सुधारने की मांग की।
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