लोकेशन बालोद
संजय कुमार
बालोद में गुरु पूर्णिमा पर कौशल लेखन प्रतियोगिता व सम्मान समारोह का आयोजन
बालोद, 10 जुलाई।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 77वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 9 जुलाई को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, बालोद में कौशल लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वहीं 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर विद्यालय के गुरुओं का सम्मान समारोह और प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण किया गया।
प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाई प्रतिभा:
सुंदर निबंध लेखन प्रतियोगिता में कुल 33 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान डाली साहू, द्वितीय हेमसिंह ठाकुर और तृतीय गरिमा यादव को प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि की उपस्थिति:
इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में ABVP के पूर्व कार्यकर्ता एवं रेडक्रॉस सोसायटी (छत्तीसगढ़) के चेयरमैन टोमन साहू उपस्थित रहे। साथ ही गौसेवक एवं सामाजिक कार्यकर्ता अजय यादव तथा ABVP छत्तीसगढ़ प्रांत की प्रांत सह मंत्री भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं।
विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक संदेश:
कार्यक्रम में ABVP के उद्देश्यों, संगठनात्मक संरचना, राष्ट्र निर्माण में भूमिका और 60 लाख सदस्यों के साथ इसके विशाल स्वरूप को विस्तार से बताया गया। वक्ताओं ने यह संदेश दिया कि विद्यार्थी परिषद केवल शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित न रहकर समाज के हर क्षेत्र में युवाओं को दिशा देने का कार्य कर रही है।
टोमन साहू का मार्गदर्शन:
पूर्व कार्यकर्ता टोमन साहू ने विद्यार्थी परिषद की कार्यप्रणाली, सामाजिक योगदान, राष्ट्रवाद, संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर विद्यार्थियों को अवगत कराया।
अजय यादव द्वारा राष्ट्रीय चेतना का संचार:
सामाजिक कार्यकर्ता अजय यादव ने स्वामी विवेकानंद और भगवान बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों के आदर्शों का उल्लेख कर युवाओं को प्रेरित किया और देशभक्ति तथा सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया।
गुरु की महत्ता पर प्राचार्य का संदेश:
विद्यालय के प्राचार्य श्री अरुण साहू ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि "गुरु अंधकार में दीपक बनकर शिष्य को रोशनी देता है।" उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों को आत्मसात करने और स्वामी विवेकानंद के संदेश “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए” को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
समापन और आभार:
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का धन्यवाद किया गया और समारोह की विधिवत समापन की घोषणा की गई।
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