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Durgkondal: धान बेचने और योजनाओं का लाभ लेने के लिए एग्रीस्टैंक पंजीयन अनिवार्य,30 अगस्त अंतिम तिथि*

*धान बेचने और योजनाओं का लाभ लेने के लिए एग्रीस्टैंक पंजीयन अनिवार्य,30 अगस्त अंतिम तिथि*



दुर्गूकोंदल | दुर्गूकोंदल आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दुर्गूकोंदल प्रबंधक जीतेन्द्र साहू, कोड़ेकुर्से, लोहत्तर और चिखली प्रबंधक संतु पांडे, कोदापाखा प्रबंधक राकेश्वरी पुजारी ने दुर्गूकोंदल के समस्त किसान साथियों से अपील करते हुए बताया कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति  दुर्गूकोंदल, कोदापाखा, लोहत्तर, कोड़ेकुर्से, चिखली, दमकसा, हाटकोंदल के सभी किसानों को (किसान कार्ड) अर्थात एग्रीस्टैंक मे पंजीयन कराने की अपील किया है, और यह पंजीयन लेमप्स और सीएससी सेंटर में जाकर करानी होगी | आपको बतादेँ कि राज्य शासन द्वारा एग्री स्टेक परियोजना के तहत इस बार किसानों के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब धान न बिक्री, बीमा और किसान सम्मान निधि न का लाभ पाने के लिए एग्री स्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी पंजीकृत कराना जरूरी होगा। यदि कोई किसान पंजीयन नहीं कराता है, तो वह न केवल धान बेचने से वंचित रहेगा बल्कि केंद्र और राज्य - सरकार की अन्य योजनाओं का लाभर भी नहीं मिलेगा, पहली बार लागू किए गए इस नियम का फायदा उठाते हुए । किसान अब इस पोर्टल में पंजीयन कराने के लिए आगे आ रहे हैं, खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत इस बार समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसानों को एग्री स्टेक किसानों का डाटा एग्रीस्टैक की फार्मर रजिस्ट्री से एपीआई के जरिए लिया जाएगा|इस बार किसान पंजीयन में कृषि विभाग, खाद्य विभाग और राजस्व विभाग के बीच इंटर-डिपार्टमेंटल कोआर्डिनेशन को मजबूत किया गया है। धान खरीदी पोर्टल पर किसानों का डेटा एग्री स्टैक की फार्मर रजिस्ट्री से एपीआई के माध्यम से लिया जाएगा। एग्री स्टेक पोर्टल का उद्देश्य किसानों और कृषि नीति निर्माताओं को एक डिजिटल छतरी के नीचे लाना, खेती-किसानी के डेटा का डिजिटलाइजेशन करना करने के साथ ही सरकारी योजनाओं की पहुँच तेज और सटीक बनाना है। इससे किसानों, पोर्टल में फार्मर आईडी पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना फार्मर आईडी के किसान न तो सहकारी समिति में धान बेच सकेंगे और न ही फसल बीमा या पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त है। जिसके चलते पोर्टल पर तेजी से पंजीयन किया जा रहा है। इसके साथ ही नए किसानों का पंजीयन भी पोर्टल में सरकारी विभागों और एग्री स्टेक कंपनियों के लिए डेटा संचालित सेवा देना, फसल, भूमि, मौसम, मिट्टी, उत्पादन और वित्त संबंधी जानकारी एक जगह उपलब्ध होगी। सभी योजनाओं जैसे पीएम किसान निधि, फसल बीमा, खाद-बीज सब्सिडी सीधे किसान के खाते में पहुंचेगी। इससे काम में पारदर्शिता और तेजी आएगी। एक बार डिजिटल किसान का रजिस्ट्रेशन, आईडी हो जाने के बाद बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह फायदा भी मिलेगा किसानों को एग्री स्टैक पोर्टल में किया जा रहा है, गौरतलब है कि कि एग्री स्टैक एक डिजिटल इकोसिस्टम है, जिसे भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए विकसित किया है।पोर्टल पर पंजीयन प्रक्रिया और इसके लाभ एग्री स्टैक पोर्टल पर किया गया पंजीयन ई-केवाईसी युक्त होता है, पंजीकृत किसानों को कृषक उन्नति योजना का भी लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत पिछले खरीफ में पंजीकृत किसानों को, जिन्होंने धान की जगह अन्य खरीफ फसलें लगाई थीं और उनकी गिरदावरी में पुष्टि हुई है, उन्हें प्रति एकड़ 11,000 रुपये की दर से आदान सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, यदि किसान दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य (जैसे कोदो, कुटकी, रागी) या कपास की खेती करते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ 10,000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। जिससे किसान की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होती है और दोहराव की संभावना समाप्त हो जाती है। यह व्यवस्था किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से पहुंचाने के लिए लागू की गई है। राज्य शासन द्वारा विकसित एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से प्रतिवर्ष पंजीयन की प्रक्रिया संचालित होती है।

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