*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दुर्गूकोंदल के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का वर्चुअली लोकार्पण किया*
*शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का मुख्य उद्देश्य जनजाति बच्चों को गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदाय करना :- विकास राजु नायक*
*हमें शिक्षा का महत्व समझना चाहिए और समाज को शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए:- देवेंद्र टेकाम*
दुर्गूकोंदल | विकासखंड दुर्गूकोंदल में जनजाति गौरव दिवस के अवसर एवं भगवान बिरसा मुंडा के 150 वीं जयंती के अवसर पर विकासखंड दुर्गूकोंदल के अंतर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का वर्चुअली लोकार्पण किया, भारत सरकार द्वारा संचालित यह विद्यालय आदिवासी छात्रों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, आवासीय सुविधा और समग्र विकास के अवसर प्रदान करेगा| जिसमें मुख्यातिथि के रूप में जिला सभापति देवेंद्र टेकाम व अध्यक्षता सरपंच भंडारडिग्गी रमुला नरेटी ने की| विशिष्ट अतिथि के रूप में ग्राम गायता लच्छू नरेटी जी, जिला सदस्य देवलाल नरेटी, जनपद अध्यक्ष गोपी बढ़ाई, जनपद उपाध्यक्ष आनंद तेता, जनपद सभापति विकास राजु नायक, सविता उइके, अमृत कोटिंगला, अध्यक्ष सरपंच संघ शकुंतला नरेटी, विजय पटेल SMDC अध्यक्ष महाविद्यालय, तुलसी मतलामी, मुकेश नरेटी, शिवलाल ध्रुव, रजलाल आचला, शिरो कोमरे पूर्व जिलाध्यक्ष, संतो दुग्गा पूर्व जनपद अध्यक्ष, विशेष अतिथि मंडल अध्यक्ष भाजपा बिदेसिंह कल्लो, महामंत्री रामचंद्र कल्लो अशोक जैन, श्रीराम बघेल,नागसाय तुलावी,धरम मंडावी, सहित समस्त जनप्रतिनिधि रहें | जिसमें अतिथियों के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी भगवान बिरसा मुंडा जी के छायाचित्र पर दीप प्रज्ववलित, माल्यार्पण एवं पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की, उसके पश्चात सभी अतिथियों का गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया | संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय दुर्गूकोदल के छात्र-छात्राओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।विद्यालय के प्राचार्य बैजनाथ नरेटी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और कहा कि मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जिस संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की आधारशिला सत्र 2020-21 में रखी गई थी तथा जिसे हम अस्थायी रूप से दुर्गूकोदल स्थित राज्य सरकार के एक शासकीय विद्यालय में संचालित कर रहे थे, उस विद्यालय के स्थायी एवं सुव्यवस्थित भवन का लोकार्पण आज माननीय प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। यह भव्य परिसर लगभग 15 एकड़ भूमि में विकसित किया गया है। प्रथम फेस में स्कूल छात्रावास बालक, बालिका वार्डन कक्ष एवं किचन शेड सहित अन्य भवन का निर्माण ढाई वर्ष जो की 18 करोड़ रूपये की लागत एवं सेकंड फेस में शिक्षक आवास प्राचार्य, उप प्राचार्य एवं अन्य भवन 17 करोड़ रूपये की लागत में निर्माणाधीन है, जिसमें विद्यालय भवन में प्राचार्य कक्ष उप-प्राचार्य कक्ष लिपिक कक्ष दो शिक्षक कक्ष भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं कंप्यूटर विज्ञान की चार प्रयोगशालाएँ दो अतिरिक्त कक्ष एक समृद्ध पुस्तकालय भवन की दोनों मंजिलों पर एक-एक चिकित्सा कक्ष एक पेंट्री कक्ष कक्षाओं के संचालन हेतु पर्याप्त संख्या में शैक्षिक कक्ष भवन में दोनों मंजिलों पर पेयजल एवं शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु आवश्यक प्रबंध के साथ विशेष शौचालय भी निर्मित हैं। सुरक्षा की दृष्टि से दोनों मंजिलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की गई है। भूतल से प्रथम मंजिल तक जाने हेतु सीढ़ियों के साथ रैंप भी निर्मित है। यह भवन सीबीएसई पाठ्यक्रम पर आधारित अंग्रेजी माध्यम में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विभिन्न विषयों एवं संकायों में अध्ययन करने वाले कुल 420 विद्यार्थियों के लिए निर्मित किया गया है। कुल सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें नक्सली घटनाओं में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के आश्रित बच्चों हेतु आरक्षित हैं। वर्तमान में कक्षा 6वीं से 11वीं तक कुल 337 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। कक्षा 11वीं में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं तथा आवश्यकता होने पर गणित संकाय भी प्रारंभ किया जाएगा। वर्तमान उपलब्ध शिक्षण स्टाफ मे 4 प्रवक्ता 11 सहायक शिक्षक 1 पुस्तकालयाध्यक्ष 6 व्याख्याता (अतिथि शिक्षक) 2 सहायक शिक्षक (अतिथि शिक्षक) अर्थात कुल 8 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त एक लेखापाल एवं दो जेएसए भी विभिन्न कार्यों के संपादन हेतु नियुक्त हैं, आवश्यकतानुसार शेष स्थायी शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों की चयन प्रक्रिया जारी है। विद्यालय के साथ ही प्रथम चरण मे 122 बिस्तरों वाला बालक छात्रावास 122 बिस्तरों वाला बालिका छात्रावास दोनों छात्रावासों के अधीक्षकों के आवास अत्याधुनिक कुकिंग सिस्टम भण्डार गृहबैठने की समुचित व्यवस्था एवं वाशिंग एरिया सहित भोजनालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है। पूर्णतः आवासीय इस विद्यालय के द्वितीय चरण में प्राचार्य, उप-प्राचार्य, शिक्षकों एवं अन्य शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के आवास तथा अतिरिक्त छात्रावास भवन निर्माणाधीन हैं।सभा को सम्बोधित करते हुए विकास राजु नायक ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का मुख्य उद्देश्य जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्रदाय करना, प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करना एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाना है। आज यह गौरवान्वित पल के हम सब साक्षी बन रहें है जब हमारे क्षेत्र के आदिवासी छात्र छात्राओं को नई शिक्षा नीति के साथ साथ केंद्रीय शिक्षा के साथ जोड़ने का एक पल है यह अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की परिकल्पना का है कि ग्रामीण अंचलो छात्र जो दूर दूर तक पढ़ाई करने नहीं जा पाते उन तक किस प्रकार के हम शिक्षा पहुँचा सकते है तब उन्होंने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रत्येक विकासखंडो में एक विद्यालय की शुरुआत की है जिससे हमारे क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा लेने में कोई कठिनाई नहीं होगी | जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर आपको बताना चाहूंगा कि धरती आबा के नाम से प्रसिद्ध भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजातीय अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई लड़ी थी, एक समय था जब भगवान बिरसा मुंडा और अन्य ऐसी विभूतियों का नाम इतिहास के ‘गुमनाम नायकों’ में था। हाल के दिनों में, मातृभूमि के लिए उनके पराक्रम और बलिदान को अधिक से अधिक लोगों द्वारा सही मायने में सराहा जाने लगा है। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान, हमने अपनी संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाया। मेरा मानना है कि भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श न केवल जनजातीय समुदायों के युवाओं के लिए बल्कि देश के हर हिस्से में सभी समुदायों के युवाओं के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत हैं।इतिहास के साथ इस नए जुड़ाव को तब बढ़ावा मिला जब सरकार ने 2021 में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्मरण करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती, 15 नवंबर को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया। धरती आबा,महामानव, क्रांति सूर्य, भगवान बिरसा मुंडा जिसने काम किया, जल, जंगल ,जमीन बचाने, कर दिया तमाम। जल जंगल जमीन को बचाने के लिए झुका नहीं, बल्कि अंग्रेजों को दी चुनौती, छेड़ा जोरदार उलगुलान। महज 25 वर्ष की उम्र में अपनी जान देकर लिख दी उसने, आजादी की नई पहचान दिलाई है।मुख्यातिथि देवेंद्र टेकाम ने कहा कि शिक्षा मानव जीवन के हर पहलू पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे हमारी सोच और दृष्टिकोण परिवर्तित होते हैं, हमें स्वतंत्रता की भावना प्राप्त होती है, और हमें समाज में उच्चतम मान्यता की प्राप्ति होती है। इसलिए, हमें शिक्षा का महत्व समझना चाहिए और समाज को शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए। शिक्षा का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। शिक्षा न केवल व्यक्ति के मानसिक और बौद्धिक विकास को बढ़ाती है, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती है। शिक्षा वह माध्यम है, जिससे व्यक्ति ज्ञान, मूल्य और कौशल प्राप्त करता है, जो हर इंसान को आत्मनिर्भर और समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाता है। शिक्षा न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करती है, बल्कि जीवन में सही निर्णय लेने और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता भी विकसित करती है। बिरसा मुंडा का आंदोलन 1899-1900 में मुंडा आदिवासियों द्वारा उलगुलान' (महाविद्रोह) के नाम से चलाया गया था, जिसका उद्देश्य बाहरी लोगों (दिकुओं) और ब्रिटिश शासन को हराकर स्वतंत्र 'मुंडा राज' स्थापित करना था। यह आंदोलन मुख्य रूप से जल, जंगल और जमीन के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए था, जो ब्रिटिश नीतियों और साहूकारों-जमींदारों के शोषण के कारण खतरे में थे। आंदोलन ने जनजातियों को एकजुट किया, और हमें आज एकजुट होकर अपने संस्कृति देवी परम्परा को भूलकर भी छोड़ना नहीं है और अपने धर्म में रहकर अपनी रूढ़ि परम्परा के अनुसार जीवन यापन करना है | इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेन्द्र बंजारे ABEO अंजनी मंडावी, लतीफ सोम, ललित नरेटी,हेमंत कुमार श्रीवास्तव किशोर विश्वकर्मा, शोभा श्रीवास्तव धनेश नरेटी, सोमल जैन, बीरेंद्र जैन, दीपक पुड़ो, लछु नरेटी, , मुन्ना सिंहा, विनोद पारख,सहित छात्र छात्राओं के पालक गण एवं शिक्षक गण संयुक्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय दुर्गूकोदल के शिक्षक चेतन कुमार, चक्रवर्ती यादव, मीनू रानी प्रभु मधु श्री ठाकुर, सुमित कुमार सुनील कुमार राकेश कुमार सीता झा अभिषेक पांडे अभी राय, हरिशंकर उयके, श्री श्रीपतिदत्ता श्री पतिदता, सुप्रिया मेघा कोमरे दीप्ति शर्मा उपासना यादव रोशन कुमार गजेंद्र कुमार दीपक जैन आर्यन, आर्यन वीर, एवं विद्यार्थियों के पालक गण, ग्राम गायता पटेल ग्रामवासी स्कूल के छात्र-छात्रा समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे |कार्यक्रम का समापन अतिथियों का हार्दिक आभार प्रदर्शन संस्था के प्राचार्य बैजनाथ नरेटी ने किया।

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