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Balod: 128वीं जयंती पर दिल्लीवार समाज ने किया आयोजन, कार्यक्रम समाप्ति के बाद स्वच्छ धरा समिति ने की सफाई—उदाहरण बनी पहल

 लोकेशन बालोद 

संजय कुमार 

128वीं जयंती पर दिल्लीवार समाज ने किया आयोजन, कार्यक्रम समाप्ति के बाद स्वच्छ धरा समिति ने की सफाई—उदाहरण बनी पहल


गुंडरदेही (बालोद)।

“हरा भरा, स्वच्छ धरा” के उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए स्वच्छ धरा वेलफेयर समिति छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की। समिति के नाड़ी वैद्य परम पूज्य गुरुदेव बिरेंद्र कुमार देशमुख एवं संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष नवनीत कुमार हरदेल के मार्गदर्शन में ग्राम गुंडरदेही के विश्राम गृह के समीप स्थापित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दाऊ ढालसिंह दिल्लीवार की 128वीं जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।



जयंती समारोह के समापन के तुरंत बाद प्रदेश सचिव आशीष कुमार दिल्लीवार के नेतृत्व में समिति के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल की पूरी साफ-सफाई की। दोना–पत्तल, पानी पाउच, प्लास्टिक बोतल, चम्मच, झिल्ली आदि कचरे को एकत्र कर निर्धारित स्थान पर डंप किया गया, जिससे पूरा स्थल फिर से साफ-सुथरा और आकर्षक नजर आया।


आशीष कुमार दिल्लीवार ने कहा कि

“यदि सार्वजनिक आयोजनों के बाद आयोजक स्वयं स्थल की सफाई करें, तो गंदगी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”


उन्होंने बताया कि स्वच्छ धरा वेलफेयर समिति द्वारा लगातार चलाए जा रहे स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण अभियान का सकारात्मक प्रभाव अब आम जनता में स्पष्ट दिखाई देने लगा है।


स्वच्छता अभियान में शामिल कमलेश देशमुख ने बताया कि वे समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान से प्रेरित होकर इस सफाई कार्य से जुड़े। उन्होंने इसकी जानकारी संस्थापक प्रदेश अध्यक्ष नवनीत कुमार हरदेल को भी दी। इस पर हरदेल ने सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा—

“ऐसे प्रयासों से समाज में स्वच्छता के प्रति नई जागरूकता आती है। आपकी पहल से और लोग भी प्रेरित होंगे।”


स्वच्छता अभियान में शामिल सदस्य:


आशीष कुमार दिल्लीवार (प्रदेश सचिव)


योगेश्वर देशमुख


कमलेश देशमुख


डॉ. संदीप बेलचंदन


प्रेमलाल देशमुख


दुष्यंत देशमुख


किशोर देशमुख


देवेंद्र हरमुख


योगेंद्र देशमुख


प्रदीप कोठिया


सागर देशमुख


झम्मन देशमुख



समिति की यह अनुकरणीय पहल न सिर्फ स्वच्छता का संदेश देती है बल्कि समाज में पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता का प्रतीक भी बन रही है।

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