*कराकी में ईसाई धर्मांतरित तीन परिवारों की मूल धर्म में वापसी*
*बिरसा मुंडा जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने की परंपरागत रीति से गृह प्रवेश*
दुर्गूकोंदल।जनजातीय गौरव दिवस एवं कराकी जनजाति जननायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर कराकी ग्राम में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी कार्यक्रम के दौरान गांव के ईसाई धर्म अपनाए हुए तीन परिवारों ने सार्वजनिक रूप से अपने मूल धर्म में वापसी की घोषणा की। कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों ने परंपरागत पूजा-अर्चना के साथ श्रीफल भेंटकर इन परिवारों का स्वागत किया।स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर गांव के लोगों में असंतोष दिखाई दे रहा है। इसी के चलते कई परिवार पुनः अपनी पारंपरिक आस्था की ओर लौटने का निर्णय ले रहे हैं। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने कहा कि समाज और संस्कृति की पहचान बनाए रखने के लिए जागरूकता आवश्यक है। सामाजिक एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से सभी धर्मांतरित परिवारों से भी अपने मूल धर्म में लौटने की अपील की गई।इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र टेकाम, सरपंच साधना सहारे, धनसिंह पुंगाटी, पूर्व जनपद सदस्य धनीराम ध्रुव, चैन सिंह कोवाची, बहादुर तुलावी, रामप्रसाद पुंगाटी, नामदेव मरकाम, रामलाल जैन, हिरालाल कोमरे, दुर्जन सिंह कुमेटी, जागेश्वर टेकाम, हलालराम सलाम, नरेश कोमरे, नारायण सिंह पटेल, शिवलाल उसेंडी, श्यामलाल पद्दा, रजनाथ उयके, राजेश हिडको, गजेश जाड़े, अमरसिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।वक्ताओं ने बिरसा मुंडा के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी जनजातीय संस्कृति, परंपरा और अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष किया। इसी प्रेरणा से समाज में जागरूकता फैल रही है और लोग अपनी जड़ों को सहेजने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।ग्रामीणों ने कहा कि सामाजिक एकजुटता और सांस्कृतिक संरक्षण आज की आवश्यकता है। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित जनों ने गांव की समरसता और परंपरा को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।

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