*ट्रैक्टर की चपेट में आकर चाचा-भतीजा बने अपंग, शासन से मदद की गुहार*
दुर्गूकोंदल।ट्रेक्टर के चपेट में आकर ग्राम हेतले के सुरेश दर्रो और योगेश दर्रो चाचा भतीजा जीवन भर के लिए एक पैर से अपंग हो गये, इन्हें एक्सीडेंट होने के ट्रेक्टर मालिक ने भी मदद नहीं किया। और ना शासन प्रशासन ने सुध लिया। इस कारण ये दोनों चाचा भतीजा बांस की बैसाखी बनाकर चल रहे हैं, पर इससे तकलीफ़ दुगुनी बढ़ रही है। योगेश दर्रो कक्षा 6वीं में स्कूल में भर्ती होने गया था, भर्ती होने के पूर्व ही एक्सीडेंट हो गई, इलाज के दौरान पैर काटना पड़ा, योगेश दर्रो को एक पैर जीवन भर के लिए खोना पड़ा और चल नहीं पाने के का स्कूल से भी दूर हो गया। सुरेश भी विवाहित इनका भी पैर इलाज के दौरान काटना पड़ा। यह विवाहित हैं, कमाने वाला कोई नहीं है, इस कारण रोजी मजदूरी की संकट छाई हुई है। 12नवंबर को विधायक विक्रम उसेंडी मन्हाकाल दौरे पर आये तो इन्होंने अपनी व्यथा बताई और विधायक को आवेदन देकर बैटरी युक्त ट्राइसिकल, कृत्रिम पैर दिलाने की मांग किया है।ग्राम हेतले निवासी सुरेश दर्रो, योगेश दर्रो ने बताया कि 2जुलाई 2025को अपने मोटरसाइकिल से भानुप्रतापपुर से ग्राम हेतले जा रहे थे, इसी दौरान नशे में धुत ट्रेक्टर चालक ने हमें विपरीत दिशा में आकर ठोकर मार दी हम दोनों बुरी तरह घायल हुए। दो चाचा भतीजा के दाहिना पैर बुरी तरह कुचल गया। इस कारण इलाज के दौरान पैर काटना पड़ा। अब हम चल नहीं पा रहे हैं, अपना निजी कार्य भी नहीं कर रहे हैं, दूर जाने के लिए दूसरों का सहारा लेना पड़ रहा है। आसपास घूमने फिरने के लिए खुद बांस की बैसाखी बनाकर चल रहे हैं। लेकिन इसके सहारे चलने तकलीफ़ बढ़ गई है। सुरेश दर्रो 35वर्ष ने बताया कि मैं विवाहित हूं, मेरा परिवार है, मैं रोजी मजदूरी करने में असमर्थ हूं। मैं पत्नि के भरोसे जीवन चला रहा हूं। मुझे शासन प्रशासन से मदद मिलनी चाहिए। और हम दोनों चाचा भतीजा को बैटरी युक्त ट्राइसिकल के अलावा कृत्रिम पैर भी दी जाये, वहीं योगेश दर्रो ने बताया कि मैं कक्षा 6वीं में भर्ती होने गया था, इसी दौरान ट्रैक्टर की ठोकर से पैर टूट गया है। मैं चल नहीं पा रहा हूं। मेरा स्कूल छूट गया। पढ़ाई करने नहीं जा पा रहा हूं। मुझे शासन प्रशासन से बैटरी युक्त ट्राइसिकल, कृत्रिम पैर प्रदान किया जाये, ताकि स्कूल जाकर पढ़ाई कर सकूं।

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