लोकेशन बालोद
संजय कुमार
*अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के मध्य युक्तियुक्तिकरण पीड़ित शिक्षकों ने सौंपा महत्त्वपूर्ण ज्ञापन*
*शिक्षक नेता भुवन सिन्हा एवं विकास राजपूत ने दिया हड़ताल को समर्थन*
दिनांक : 10 दिसंबर 2025
रायपुर, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युक्तियुक्तिकरण–पीड़ित शिक्षक आज दिनांक 10 दिसंबर 2025 को रायपुर स्थित लोक शिक्षण संचनालय पहुँचे और मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के नाम संबोधित महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा।
संचालनालय में संचालक की अनुपस्थिति होने पर यह ज्ञापन उप–संचालक श्री आशुतोष चावरे को सौंपा गया।
यह ज्ञापन प्रदेशभर के उन शिक्षकों की न्यायोचित मांगों पर आधारित है जो विगत कई महीनों से युक्तियुक्तीकरण प्रक्रिया में हुई गंभीर विसंगतियों, प्रशासनिक अन्याय, वेतन-निरोध, वरिष्ठता उल्लंघन और सुनवाई न होने की स्थिति को झेल रहे हैं।
🔶 नेतृत्व एवं विभिन्न जिलों से शिक्षक प्रतिनिधियों की उपस्थिति
ज्ञापन सौंपने हेतु विभिन्न जिलों से शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से—
प्रदीप पुनम बरियार – बिलासपुर रघुनंदन साहू – बालोद श्रीमती रेणुका चंद्राकर – धमतरी सुभाष मिश्रा – कुरुद उमेश कुमार – कोरबा रवि वर्मा – मंदिर हसौद उमाशंकर राठिया – कोरबा आभा दुबे – दुर्ग श्रीमती कोमल पटेल – धरसीवा पुष्पा साहू – बालोद श्रीमती किरण सिन्हा – रायपुर शैलेन्द्र शर्मा – रायपुर भगवती साहू – कोंडागांव रवि श्रीवास्तव – बस्तर
इसके अतिरिक्त महेंद्रगढ़, चिरमिरी, बलरामपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, आरंग, सुकमा, कोंटा, बस्तर, कोंडागांव सहित अनेक जिलों के शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
🔶 संगठनों का मजबूत समर्थन
आज के ज्ञापन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के
⭐ छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, संभाग अध्यक्ष (दुर्ग) – श्री भुवन सिन्हा एवं नवीन शिक्षक संघ के प्रांत अध्यक्ष विकास राजपूत ने औपचारिक चर्चा करके युक्तिकरण पीड़ित शिक्षकों के मांगों को समर्थन दिया ।
विशेष रूप से अपने संगठन की ओर से लिखित समर्थन पत्र भी सौंपा।
उन्होंने स्पष्ट कहा—
> “शिक्षकों के साथ युक्तियुक्तिकरण में हुआ अन्याय अस्वीकार्य है। हमारा संगठन इस संघर्ष में पूर्णतः साथ खड़ा है।”
🔶 ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे
ज्ञापन में प्रदेश के शिक्षकों की महीनों से अनसुलझी समस्याओं को विस्तारपूर्वक रखा गया। इनमें प्रमुख बिंदु—
1️⃣ वरिष्ठता निर्धारण में गंभीर त्रुटियाँ
कनिष्ठ शिक्षकों को वरिष्ठ घोषित कर, वरिष्ठों को "अतिशेष" बनाना, नियमों और न्याय दोनों का उल्लंघन है।
2️⃣ विषयवार पदस्थापना की उपेक्षा
जहाँ पहले से विषयवार शिक्षक मौजूद थे, वहाँ नए पदस्थापना कर जानबूझकर वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया गया।
3️⃣ वास्तविक रिक्त पदों को छिपाना
कई विद्यालयों में वास्तविक रिक्तियों को काउंसलिंग में नहीं दिखाया गया और जरूरत से अधिक पदांकन दिखाकर प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।
4️⃣ न्यायालयीन निर्देशों के बावजूद 5–6 महीनों से वेतन रोका जाना
यह पूर्णत: अवैधानिक एवं अमानवीय है। इससे शिक्षक–परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
5️⃣ चार स्तरीय अभ्यावेदन समितियों में सुनवाई न होना
जिला स्तरीय समिति
संभाग स्तरीय समिति
लोक शिक्षण संचालनालय स्तरीय समिति
संयुक्त सचिव स्तर समिति
चारों स्तर पर अभ्यावेदन लेने से मना किया गया या सुनवाई नहीं की गई, जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
6️⃣ पति–पत्नी स्थानांतरण नीति का उल्लंघन
एक स्थान पर पदस्थ दंपतियों को पुनः दूरस्थ जिलों में भेजना सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के विरुद्ध है।
7️⃣ गंभीर बीमारी के आधार की अनदेखी
ऐसे मामलों में राहत प्रदान करने के नियमों की उपेक्षा की गई।
8️⃣ वर्ष 2008 शिक्षा सेटअप का उल्लंघन
सेटअप में कोई संशोधन नहीं होने के बावजूद शिक्षक सेटअप के विपरीत अतिशेष घोषित किए जा रहे हैं।
9️⃣ शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव
एक विषय में 3–4 शिक्षक और दूसरे विषय में एक भी शिक्षक न होना, शैक्षिक संतुलन को बिगाड़ रहा है।
🔶 संघर्ष की पृष्ठभूमि
14 नवंबर 2025 : तुता मैदान, रायपुर में एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना।
समाधान न मिलने पर
06 दिसंबर 2025 : अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ—जिसमें प्रतिदिन बढ़ती संख्या में शिक्षक शामिल हो रहे हैं।
10 दिसंबर 2025 : संचनालय रायपुर में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
🔶 संघ की चेतावनी
यदि शासन द्वारा
➡ समस्याओं के समाधान हेतु तत्परता नहीं दिखाई गई,
➡ वेतन आहरण बहाल नहीं किया गया,
➡ वरिष्ठता पुनर्स्थापना व रिक्तियों का सत्यापन नहीं किया गया—
तो आंदोलन के अगले चरण में
लोक शिक्षण संचालनालय एवं शिक्षा मंत्रालय का घेराव किया जाएगा।
🔶 संघ का स्पष्ट संदेश
> “शिक्षक सम्मान, न्याय, वरिष्ठता और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।
संघर्ष शांतिपूर्ण, संवैधानिक और शिक्षक हित में जारी रहेगा।”युक्तियुक्तिकरण पीड़ित शिक्षकों ने सौंपा महत्त्वपूर्ण ज्ञापन*
*शिक्षक नेता भुवन सिन्हा एवं विकास राजपूत ने दिया हड़ताल को समर्थन*
दिनांक : 10 दिसंबर 2025
रायपुर, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युक्तियुक्तिकरण–पीड़ित शिक्षक आज दिनांक 10 दिसंबर 2025 को रायपुर स्थित लोक शिक्षण संचनालय पहुँचे और मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के नाम संबोधित महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा।
संचालनालय में संचालक की अनुपस्थिति होने पर यह ज्ञापन उप–संचालक श्री आशुतोष चावरे को सौंपा गया।
यह ज्ञापन प्रदेशभर के उन शिक्षकों की न्यायोचित मांगों पर आधारित है जो विगत कई महीनों से युक्तियुक्तीकरण प्रक्रिया में हुई गंभीर विसंगतियों, प्रशासनिक अन्याय, वेतन-निरोध, वरिष्ठता उल्लंघन और सुनवाई न होने की स्थिति को झेल रहे हैं।
🔶 नेतृत्व एवं विभिन्न जिलों से शिक्षक प्रतिनिधियों की उपस्थिति
ज्ञापन सौंपने हेतु विभिन्न जिलों से शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से—
प्रदीप पुनम बरियार – बिलासपुर रघुनंदन साहू – बालोद श्रीमती रेणुका चंद्राकर – धमतरी सुभाष मिश्रा – कुरुद उमेश कुमार – कोरबा रवि वर्मा – मंदिर हसौद उमाशंकर राठिया – कोरबा आभा दुबे – दुर्ग श्रीमती कोमल पटेल – धरसीवा पुष्पा साहू – बालोद श्रीमती किरण सिन्हा – रायपुर शैलेन्द्र शर्मा – रायपुर भगवती साहू – कोंडागांव रवि श्रीवास्तव – बस्तर
इसके अतिरिक्त महेंद्रगढ़, चिरमिरी, बलरामपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, मुंगेली, आरंग, सुकमा, कोंटा, बस्तर, कोंडागांव सहित अनेक जिलों के शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल हुए।
🔶 संगठनों का मजबूत समर्थन
आज के ज्ञापन कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के
⭐ छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, संभाग अध्यक्ष (दुर्ग) – श्री भुवन सिन्हा एवं नवीन शिक्षक संघ के प्रांत अध्यक्ष विकास राजपूत ने औपचारिक चर्चा करके युक्तिकरण पीड़ित शिक्षकों के मांगों को समर्थन दिया ।
विशेष रूप से अपने संगठन की ओर से लिखित समर्थन पत्र भी सौंपा।
उन्होंने स्पष्ट कहा—
> “शिक्षकों के साथ युक्तियुक्तिकरण में हुआ अन्याय अस्वीकार्य है। हमारा संगठन इस संघर्ष में पूर्णतः साथ खड़ा है।”
🔶 ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे
ज्ञापन में प्रदेश के शिक्षकों की महीनों से अनसुलझी समस्याओं को विस्तारपूर्वक रखा गया। इनमें प्रमुख बिंदु—
1️⃣ वरिष्ठता निर्धारण में गंभीर त्रुटियाँ
कनिष्ठ शिक्षकों को वरिष्ठ घोषित कर, वरिष्ठों को "अतिशेष" बनाना, नियमों और न्याय दोनों का उल्लंघन है।
2️⃣ विषयवार पदस्थापना की उपेक्षा
जहाँ पहले से विषयवार शिक्षक मौजूद थे, वहाँ नए पदस्थापना कर जानबूझकर वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष घोषित किया गया।
3️⃣ वास्तविक रिक्त पदों को छिपाना
कई विद्यालयों में वास्तविक रिक्तियों को काउंसलिंग में नहीं दिखाया गया और जरूरत से अधिक पदांकन दिखाकर प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।
4️⃣ न्यायालयीन निर्देशों के बावजूद 5–6 महीनों से वेतन रोका जाना
यह पूर्णत: अवैधानिक एवं अमानवीय है। इससे शिक्षक–परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
5️⃣ चार स्तरीय अभ्यावेदन समितियों में सुनवाई न होना
जिला स्तरीय समिति
संभाग स्तरीय समिति
लोक शिक्षण संचालनालय स्तरीय समिति
संयुक्त सचिव स्तर समिति
चारों स्तर पर अभ्यावेदन लेने से मना किया गया या सुनवाई नहीं की गई, जिससे शिक्षकों में भारी आक्रोश है।
6️⃣ पति–पत्नी स्थानांतरण नीति का उल्लंघन
एक स्थान पर पदस्थ दंपतियों को पुनः दूरस्थ जिलों में भेजना सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के विरुद्ध है।
7️⃣ गंभीर बीमारी के आधार की अनदेखी
ऐसे मामलों में राहत प्रदान करने के नियमों की उपेक्षा की गई।
8️⃣ वर्ष 2008 शिक्षा सेटअप का उल्लंघन
सेटअप में कोई संशोधन नहीं होने के बावजूद शिक्षक सेटअप के विपरीत अतिशेष घोषित किए जा रहे हैं।
9️⃣ शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव
एक विषय में 3–4 शिक्षक और दूसरे विषय में एक भी शिक्षक न होना, शैक्षिक संतुलन को बिगाड़ रहा है।
🔶 संघर्ष की पृष्ठभूमि
14 नवंबर 2025 : तुता मैदान, रायपुर में एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना।
समाधान न मिलने पर
06 दिसंबर 2025 : अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ—जिसमें प्रतिदिन बढ़ती संख्या में शिक्षक शामिल हो रहे हैं।
10 दिसंबर 2025 : संचनालय रायपुर में मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
🔶 संघ की चेतावनी
यदि शासन द्वारा
➡ समस्याओं के समाधान हेतु तत्परता नहीं दिखाई गई,
➡ वेतन आहरण बहाल नहीं किया गया,
➡ वरिष्ठता पुनर्स्थापना व रिक्तियों का सत्यापन नहीं किया गया—
तो आंदोलन के अगले चरण में
लोक शिक्षण संचालनालय एवं शिक्षा मंत्रालय का घेराव किया जाएगा।
🔶 संघ का स्पष्ट संदेश
> “शिक्षक सम्मान, न्याय, वरिष्ठता और शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।
संघर्ष शांतिपूर्ण, संवैधानिक और शिक्षक हित में जारी रहेगा।”

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