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Ratanpur: स्कूल सफाई कर्मचारी का 5 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास घेराव वादा निभाओ व उग्र आंदोलन

 स्कूल सफाई कर्मचारी का 5 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास घेराव वादा निभाओ  व उग्र आंदोलन



नेवसा:--प्रदेश स्तरीय छत्तीसगढ़ अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के सभी जिलों से 5 जुलाई को नया रायपुर राज्य उत्सव स्थल के सामने  पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास धेराव वादा निभाओ उग्र आंदोलन तथा अनिश्चितकालीन हड़ताल में रहेंगे स्कूल सफाई कर्मचारी की नियुक्ति सन 2011 में हुई थी स्कूल सफाई कर्मचारियों का कार्य 2 घंटे सुबह 10 से 12 तक कार्य लिया जाता है दोपहर 12 बजे के उपरांत दूसरा अन्य कोई कार्य नहीं मिल पाने के कारण दिनभर की मजदूरी से वंचित रह जाते हैं जिसके एवज में कर्मचारियों को 2हजार प्रतिमाह मानदेय निर्धारित है यह मानदेय प्रतिमाह न देकर 3 से 4 महीने में भुगतान किया जाता है इतनी कम राशि में अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं जिसके कारण हमें आर्थिक शारीरिक मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ता है हमारे कई अन्य साथी गरीबी से परेशान होकर आत्महत्या भी कर चुके हैं सफाई कार्य में अधिकांश निम्न वर्गों के लोग कर रहे हैं जिसमें से 90% सदस्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोग हैं संघ की मांगों को लेकर लगभग 45 विधायक और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के अनुशंसा करने के बाद भी अनेकों बार मुख्यमंत्री विधायकों से चर्चा करने पर केवल झूठे आश्वासन दिए गए हैं परंतु आज तक मांगे पूरी नहीं की गई 2018 विधानसभा चुनाव के पहले माननीय टी एस सिंह देव जी ने मौखिक और लिखित रूप में घोषणा पत्र में मांग को शामिल कर कांग्रेस की सरकार बनने पर मांगे पूरी किए जाने की बात कही थी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद संघ के प्रतिनिधि मंडल ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माननीय डॉ शिव कुमार डहरिया श्रम मंत्री, माननीय प्रेम सायं टेकाम शिक्षा मंत्री ,माननीय टी एस सिंह देव स्वास्थ्य एवं ग्रामीण मंत्री और कांग्रेस के कार्यकर्ता व नेताओं से अनेकों बार मुलाकात कर चर्चा करने पर केवल आश्वासन दिया गया है कांग्रेस सरकार के लगभग 4 वर्ष पूरे होने के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने पर कर्मचारियों में आक्रोश बनी हुई है इसलिए कर्मचारी संघ के द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर वादा निभाओ रैली निकाली जा रही है तथा जिला कलेक्टर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन संघ के द्वारा आग्रह व निवेदन किया जा रहा है संघ की मांगों को गंभीरता पूर्वक विचार कर पूरा किए जाने की बात कही जा रही है संघ के प्रांत अध्यक्ष संतोष खांडेकर ,उपाध्यक्ष छाया साहू ,भीम कुमार पटेला सचिव ,पुनेश्वर लहरें कोषाध्यक्ष, मीडिया प्रभारी प्रदीप वर्मा ,मालिक राम गायकवाड प्रवक्ता, परदेस पलंगे संगठन मंत्री महिला प्रकोष्ठ सदस्य भारतीय बाला दुबे, खातून मैडम धनेश्वरी देवांगन अहिल्या ओम प्रकाश साहू, जिला मीडिया प्रभारी शेखर बैशवाड़े आदि संघ के सदस्यों ने जानकारी दी है।


12 वर्षों से संघ की प्रमुख लंबित मांगे

अंशकालीन को पूर्ण कालीन कर नियमित किया जाए व स्कूल शिक्षा विभाग में वृत्य पदों की भर्ती में सर्वप्रथम प्राथमिकता दी जाए

संवाददाता-  कीर्ति कुमार सोनी

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Bilaspur:  फोटोबाजी के लिए पार्षद का खिलवाड़, मगरमच्छ के पीठ पर बैठ थाम ली लगाम  बिलासपुर रतनपुर सोशल मीडिया पर धाक जमाने और हवाबाजी करने के लिए रतनपुर का एक पार्षद ने एक विशालकाय मगरमच्छ के पीठ पर बैठ फोटो खिचवाने के लिए उस  मगरमच्छ पर बंधे रस्सी को घोड़े की लगाम की तरह थाम ली। उनकी देखा सीखी अब नगर के कई युवा और बच्चे भी इस तरह की हरकत कर अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं। ये महाशय है रतनपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद हकीम मोहम्मद, एक जन प्रतिनिधि होने के कारण उन्हे इस तरह की खतरनाक फोटो बाजी को रोकना चाहिए और लोगो को जागरूक करना चाहिए जबकि वो खुद इस तरह की स्टंटबाजी को बढ़ावा दे रहे  दरसल रतनपुर के वार्ड क्रमांक 5 रानीपारा में स्थित बिकमा तालाब जिससे लगा हुआ खेत में  था मगरमच्छ मोहल्ले के कुछ लोग सुबह उठ कर निकले खेत की ओर जहां खेत में घूमता हुआ दिखा  मगरमच्छ जिसे देख होश उड़ गय चीख पुकार सुन कर पूरे मोहल्ले हो गय एकत्रित सभी ने हिम्मत जुटा कर किसी भी तरह बांध कर वन विभाग को दी सूचना सूचना मिलते ही वन विभाग अधिकारी पहुंचे टीम के साथ पहुंचकर खुटा घाट में छोड़ा गयापर वहा देखी गई लापरवाही रतनपुर नगर पालिका के जनप्रतिनिधि वार्ड क्रमांक 12 के भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद के द्वारा ऐसे खिलवाड़ किया जा रहा है ।जिसकी वीडियो फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है क्या एक जनप्रतिनिधि होते हुए ऐसी हरकत कीया जाना चाहिए। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया, जान से मारा, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है। अब देखना है कि सरकार द्वारा इस लापरवाही के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे