*सर्प दंश का है क्षेत्र में बड़ा खतरा...बेलगहना में किया गया स्नैक रेस्क्यू*
संवाददाता राम प्रताप सिंह बेलगहना
कोटा/बेलगहना...... तहसील बेलगहना क्षेत्र के आसपास लगभग सभी गांव वनांचल ग्राम ही हैं वनांचल ग्राम होने के कारण समय समय पर खतरनाक जंगली जानवरों की आहट बसाहटों के पास और मुख्य मार्गों के आसपास भी महसूस की गई है। बाघ,चीते वनभैंसे जैसे खतरनाक वन्यजीवों की आहट बीच बीच मे क्षेत्र के लोगों द्वारा महसूस की जाती रही है वहीं जंगली सुअर बारहसिंगा आदि वन्यजीवों का भी बेलगहना के आसपास विचरण क्षेत्र है।
प्रत्यक्ष रूप से ये नजरों से देखे जा सकते हैं और इनसे बचने खुद को संभाला जा सकता है परंतु इन वनांचल ग्रामों में सबसे बड़ा खतरा है सर्प दंश का। चूंकि सर्प आसानी से नहीं दिखते जहाँ नजरों में दिख जाए मानव जाति इसे खतरा मानकर खुद ही दूर हो जाता है। परंतु जब सोने की अवस्था मे अथवा कृषि प्रधान लोगों के खेतों में व्यस्तता के दौरान अथवा बरसात में सर्प के रहवास में पानी भर जाने पर सर्प घर मे घुस जाता है और अचानक वार करता है कभी तो न जान पाने की स्थिति में लोग मौत के ग्रास बन जाते हैं वहीं जो कुछ जान पाते हैं वह झाड़ फूंक के चक्कर मे जान गंवा बैठते हैं सरकारी सुविधा का लाभ लेकर जो अस्पताल पहुंचता भी है उनमें से कुछ की जान बच पाती है यही वजह है कि कोटा/ बेलगहना क्षेत्र में सर्पदंश के मामले अधिक सुनाई पड़ते हैं।
वहीं कुछ अभावग्रस्त लोग इस समस्या को अपने हिसाब से पेश करते हैं और सर्पदंश के मामलों को दलालों की सक्रियता से जोड़कर देखते हैं जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा रतनपुर को छोड़ आसपास कहीं भी अस्पतालों में एम बी बी एस डॉक्टर की उपलब्धता नहीं है अगर है तो केवल कागजों पर अथवा सुविधाओं के अभाव का हवाला देकर रिफर का कार्ड खेल दिया जाता है ऐसे हालात में मरीज की मौत तय है। इन समस्याओं से भी प्रशासन को अवगत कराना जरूरी है।
मंगलवार को बेलगहना में लोगों की जागरूकता वश सर्पदंश की समस्या से बचा जा सका। स्नैक रेस्क्यू टीम व 112 की मदद से स्नैक रेस्क्यू किया गया यह रेस्क्यू बसाहट के बीच शास्त्रीनगर बेलगहना से ही किया गया। ऐसे शहरी बसाहटों का जब यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों के हाल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहाँ स्थिति क्या होगी।
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