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Durgkondal: गुरु शिष्य के सफलता की कहानी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डे, विकास खण्ड- दुर्गुकोंदल जिला-(उत्तर बस्तर)कांकेर छत्तीसगढ़।

 दुर्गूकोंदल 

कमल सिन्हा 


गुरु शिष्य के सफलता की कहानी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डे, विकास खण्ड- दुर्गुकोंदल जिला-(उत्तर बस्तर)कांकेर छत्तीसगढ़।




दुर्गुकोंडल  25 मई 2023

ग्रामीण दूरस्थ अंचल नक्सल प्रभावित इलाके से ललित जाड़े ग्राम- डोडकाएनहुर विकासखंड- दुर्गूकोंदल जिला -(उत्तर बस्तर) कांकेर छत्तीसगढ़ जिसने जेईई मेंस 2023की परीक्षा क्वालीफाई की। और जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई किया। और अपने  माता-पिता अपने गांव जिला एवं राज्य का नाम रोशन किया।छात्र ललित जाड़े अपने परिवार के सबसे बड़े बच्चे हैं। उनके परिवार में छः लोग रहते हैं जिसमें माता-पिता और तीन भाई साथ रहते हैं और जंगलों द्वारा अपना गुजर-बसर करते हैं। उनका घर, नदी जंगल पहाड़ी और उबड़ खाबड़ रास्तों से होता हुआ जाता है।बिजली एवं आवक जावक का उपयुक्त साधन भी सही से नहीं है।ललित जाड़े का आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक शिक्षा गांव  में हुई एवं माध्यमिक शिक्षा के लिए वह हॉस्टल में पढ़ाई किए। उसके बाद वे हायर सेकेंडरी शिक्षा के लिए वापस अपने गांव आए और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डे विकास खण्ड -दुर्गूकोंदल में भी अपना एडमिशन कराए घर परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होते हुए भी ललित जाड़े में अपने पढ़ाई माहौल को बनाए रखा l ललित जाड़े अपना भविष्य इंजीनियरिंग में करना चाहते हैंl और इसलिए उन्होंने गणित विषय लेकर आगे की पढ़ाई किए और वह शिक्षको के मार्गदर्शन लेते रहें। हायर सेकेंडरी स्कूल कोण्डे में प्राचार्य बाबूलाल कोमरे एवं शिक्षको द्वारा उन्हे उचित मार्गदर्शन दिया गया परिक्षा के लिए पुस्तके दी गई। और पालको को भी उनके आगे स्तरो के पढ़ाई के लिए प्रेरणा एवं प्रोत्साहन दिया गया प्राचार्य बाबूलाल कोमरे,व्यायाम शिक्षक, राजेश कुर्रे द्वारा  निरीक्षण स्वयं किया गया।स्कूल से घर की दूरी लगभग 8-10 किलोमीटर के आसपास है जो कि जंगलों और नदी,पहाड़ों के बीच से गुजरता हुआ जाता है।घर की स्थिति माटी एवं खपरैल वाली हैं जिसमें 4 कमरे हैं।ग्रामीण अंचल वाले माहौल की दिनचर्या अनुसार ललित अपना जीवन व्यतीत करते  जिसमें उनका स्कूल ,स्कूल से आने के बाद 5 घंटे की पढ़ाई खाना-पीना ,घर के कामों में लगाया करते l वह घर में दरवाजा आदि जैसे लकड़ी के सामान भी बनाया करते, बाड़ीकार्य ,महुआ ,आम एवं जंगलो से फल एवं खेती कृषि कार्य में अपने परिवार का सहयोग करते हैं। स्कूल की सभी गतिविधियो में ललित बराबर रुचि रखते हुए भाग लेतेl पढ़ाई माहौल बनाने के लिए उन्होंने अपने कमरे में टेबल चेयर बनाए lजेईई मेंस की परीक्षा एवं अन्य नीट मेडिकल जैसी परीक्षाओं के लिए कोचिंग एवं अन्य क्लासेस की सुविधाएं अनिवार्य रूप से ली जाती है जो कि आजकल के शहरों का ट्रेंड बना हुआ है। उस परिवेश को बदलते हुए ललित जाड़े ने स्वयं ही घर पर रहकर एवं स्कूल प्राचार्य ,शिक्षको के मार्गदर्शन पर चलते हुए और शासन द्वारा लगाए गए कोचिंग कैंप में शामिल हुए। जेईई मेंस 2023 परिक्षा पास कि है और वे उमीद करते है कि एडवांस में अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे जिसमें छात्र ललित जाड़े ने जिस तरीके से पढ़ाई कर जो उपलब्धि हासिल कि है।वह निश्चित ही काबिले तारीफ हैl

ललित जाड़े के पिता रामचंद जाड़े जी ने बच्चों की पढ़ाई कृषि मज़दूरी जंगलों पर आश्रित होकर करते हुए बेहतर शिक्षा प्रदान करने प्रयास कर रहे है। सभी बच्चों को भी बराबर स्कूल भेजते हैं सालाना ऐसी स्थिति भी पैदा हो जाती है कि  आर्थिक स्थिति बहुत बिगड़ जाती है ना कोई काम मिलता और ना दाम फिर भी उनके पिता जी का कहना है कि वे हर संभव प्रयास कर बच्चों को आगे बढ़ाने में पूरी ताकत और क्षमता लगा देंगेlस्कूल, विकास खण्ड ,जिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों और शिक्षको का एवं छःग शासन-प्रशासन की बधाई स्वीकार करते हुए उसके पिता ने इच्छा जाहिर की कि अगर उन्हें आगे की पढ़ाई में मदद हो सके तो वह सभी के  जीवन भर आभारी रहेंगे lशासन द्वारा बच्चों को आगे बढ़ाई जाने के हर संभव प्रयास को उनके ,परिवार ,स्कूल प्राचार्य,शिक्षक ,  एवं अन्य सभी ने सराहना कि lललित जाड़े अपने इंजीनियरिंग टैलेंट से घर के दरवाजे लकड़ी से सम्मान एवं अन्य चीजें बना लेते हैं। यह रुचि प्रदर्शित करती है कि वे इंजीनियरिंग क्षेत्र में अपना बेहतर कर सकते हैं और उन्हें स्वयं ही यह बात ज्ञात है कि वह इंजीनियरिंग कर आगे बढ़ सकते और अपना भविष्य बदल सकते ललित जाड़े के उज्जवल भविष्य की कामना करते है। कि उसका सपना इंजीनियरिंग के रूप में पूरा हो और राष्ट्र मे अपना बेहतर योगदान देकर अपना जीवन सफल बनाए l

एवं प्राचार्य बाबूलाल कोमरे और उनके शिक्षको कि टीम यह कामना हमेशा रहेगी  कि भविष्य में उनके स्कूल एवं ग्रामीण अंचल एवं संघन दुरस्थ क्षेत्र से निकलने वाले टैलेंटेड बच्चों को उनके करियर तक पहुंचाने  उन्हें हर संभव प्रयास  किया जाएगा और उन पर कार्य किया जाएगा छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जो सुविधाएं उपलब्ध हो प्रदान हो सकती है उसके लिए प्रयास करेंगें। इसलिए यह निश्चित ही कहा गया है जिस शिष्य  पर गुरु का साथ हो, परिवार का सहयोग हो वह निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगेlभविष्य की शुभकामनाएं के लिए सभी का आभार एवं धन्यवाद l

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