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Balod: देश और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव*

 *देश और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव* 


 *"भारतीय शिक्षा सेवा (IES) एवं राज्य शिक्षा सेवा (SES) परीक्षा का आयोजन करने की मांग को  लेकर "ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव एंड इनोवेटिव टीचर्स फेडरेशन" AIPITF ने की आवाज़ बुलन्द"                 रायपुर में IES एवं SES परीक्षा की शुरुआत करने राज्य स्तरीय कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न"*  


रिपोर्ट:-रूपचंद जैन 



बालोद:-"देश में शिक्षा गुणवत्ता और शिक्षा के बेहतर विकास के लिए आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ.एस की तरह "भारतीय शिक्षा सेवा" (IES) परीक्षा की शुरुआत करने की एक क्रांतिकारी पहल प्रारंभ की गई हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में   देश और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए भारतीय शिक्षा सेवा (IES) और राज्य शिक्षा सेवा (SES) परीक्षा के द्वारा शिक्षा विभाग में अधिकारियों की नियुक्ति और चयन किए जाने की मांग के लिए कार्यशाला शिक्षाविद् सतीश प्रकाश सिंह , राष्ट्रीय संयोजक  अखिल भारतीय प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ (All India Progressive and Innovative Teachers Federation - AIPITF) की उपस्थिति में संपन्न हुई। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षाविद् सतीश प्रकाश सिंह राष्ट्रीय संयोजक ने वर्तमान समय में भारतीय शिक्षा सेवा (IES) तथा राज्य शिक्षा सेवा (SES) की शुरुआत करने के राष्ट्रव्यापी महत्व तथा उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की आज़ादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद आज                                                                       देश में शिक्षा गुणवत्ता और शिक्षा के बेहतर विकास के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के माध्यम से आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ.एस की तरह "भारतीय शिक्षा सेवा" (IES) परीक्षा के द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग में अधिकारियों का चयन किये जाने की माँग कर , देश और राज्यों की शिक्षा व्यवस्था में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए एक नई पहल की जा रही हैं । छत्तीसगढ़ राज्य में इसकी शुरुआत लोक सेवा आयोग के माध्यम से "राज्य शिक्षा सेवा" State Education Service (SES) परीक्षा के माध्यम से किये जाने की मांग की जा रही हैं ।  शिक्षाविद् सतीश प्रकाश सिंह राष्ट्रीय संयोजक  "अखिल भारतीय प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ ( All India Progressive and innovative Teachers Federation - AIPITF ) ने कहा कि देश में शिक्षा के गुणवत्ता विकास और भविष्योंमुखी शिक्षा को उत्कृष्टता   की ओर ले जाने के लिये  तथा देश में शिक्षा के बेहतर विकास के लिए अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा  आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ.एस की तरह  "भारतीय शिक्षा सेवा" (IES) परीक्षा की शुरुआत किया जाना अतिआवश्यक हैं। उन्होंने कहा  कि छत्तीसगढ़  राज्य सहित देश के सभी प्रदेशों में हजारों की संख्या में युवा प्रतिवर्ष स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्री के साथ बैचलर ऑफ एजुकेशन बी.एड., मास्टर ऑफ एजुकेशन एम.एड. की व्यवसायिक डिग्री हासिल करते हैं तथा अनेकों प्रतिभाशाली युवाओं एवं शिक्षकों, व्याख्याता, प्राचार्यों के द्वारा रिसर्च कर एजुकेशन में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की जाती हैं।  जिनके लिए शासकीय सेवाओं में वर्तमान में केवल सहायक शिक्षक, उच्च वर्ग शिक्षक, व्याख्याता के पद पर भर्ती का मार्ग खुला होता हैं अथवा उनके लिए प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स, प्रिसिंपल के रुप में कार्य करने का अवसर होता हैं।  छत्तीसगढ़ राज्य में लोक सेवा आयोग के माध्यम से "राज्य शिक्षा सेवा" परीक्षा (SES) की शुरुआत होने से सीधे शैक्षिक प्रशासन के पद ABEO/हाई स्कूल/हायर सेकंडरी स्कूल प्राचार्य, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, उप संचालक, संयुक्त संचालक, अपर संचालक, संचालक जैसे पदों पर योग्य एवं प्रतिभाशाली युवाओं को तथा शासकीय सेवारत शिक्षकों, व्याख्याताओ, प्राचार्यों को उच्च पद में आगे आने का मौका मिलेगा। शिक्षाविद्  सतीश प्रकाश सिंह राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से "भारतीय शिक्षा सेवा परीक्षा" (IES) की शुरुआत होने से भारतीय प्रशासनिक सेवा आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ. एस. की तर्ज पर भारतीय शिक्षा सेवा  Indian Education Service (IES) के माध्यम से शिक्षा में दक्ष एवं कुशल शैक्षिक प्रशासन के अधिकारियों का चयन होगा , जिससे देश और प्रदेश में शिक्षा की स्थिति को उत्कृष्ट बनाया जा सकेगा। राज्य शिक्षा सेवा परीक्षा (SES) तथा भारतीय शिक्षा सेवा (IES) के प्रारंभ होने से देश और प्रदेश में शिक्षा के गुणवत्ता विकास और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में मदद मिलेगी । राज्य शिक्षा सेवा परीक्षा (SES) तथा भारतीय शिक्षा सेवा (IES) जैसी परीक्षाओं  के माध्यम से  उच्च शिक्षा प्राप्त तथा  बी.एड., एम. एड. डिग्री प्राप्त,  शिक्षा में पीएचडी हासिल करने वाले युवाओं तथा शासकीय सेवारत शिक्षकों,  व्याख्याता,  प्राचार्यों को जिला शिक्षा अधिकारी/उप संचालक/संयुक्त संचालक/अपर संचालक/संचालक जैसे पद में जानें का तथा राज्यों में संचालित शैक्षणिक संस्थानों, शिक्षा परियोजनाओं, समग्र शिक्षा योजना/ सर्व शिक्षा अभियान तथा केन्द्रीय शिक्षण संस्थानों में उच्च पद पर कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा । कार्यशाला में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।  छत्तीसगढ़ राज्य में इस मुहिम को गति देने के लिए तथा जन समर्थन हासिल करने के लिए                              "छत्तीसगढ़ प्रगतिशील एवं नवाचारी शिक्षक महासंघ ( Chhattisgarh Progressive and Innovative Teacher's Federation CGPITF) की प्रदेश इकाई के द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेमिनार और कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं। इन सेमिनार और कार्यशालाओं में शिक्षा से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रतिभागियों को सकारात्मक विचारों के साथ आमंत्रित किया जा रहा हैं । इन सेमिनार और कार्यशाला में शासकीय -अशासकीय  शिक्षक/ शिक्षिकाएं, व्याख्याता, प्रधान पाठक, प्राचार्य सहित बी. एड./ एम.एड. एम. ए.एजुकेशन  किए हुए युवा, शिक्षा में पी.एच.डी. डिग्री हासिल करने वाले स्कॉलर, सेवानिवृत शिक्षक, प्रोफ़ेसर, रंगकर्मी, लेखक, चिंतक , पत्रकार,  समाजसेवी तथा शिक्षाविद आदि सम्मिलित होंगे।  एक समझदार नागरिक होने के नाते जो भी व्यक्ति देश की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव और सुधार चाहते हैं वें इन सेमिनार और कार्यशाला में उपस्थित होकर अपने अमूल्य सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं । देश और राज्यों की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए तथा शिक्षा के उत्तरोत्तर उन्नति के लिए इस मुहिम को अपना समर्थन देवे।

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