*देवभोग -मैनपुर में अकाल का दस्तक दस गुना किसानो ने कराया फसल बीमा*
रिपोर्ट -जयविलास शर्मा
*किसी का रोपा अटका तो किसी का बियासी किसी ने बोया ही नही
*गरियाबंद*--गरियाबंद के मैनपुर और देवभोग ब्लाक में वारिश की दगाबाजी से किसानी अस्त व्यस्त हो गया है क्षेत्र के किसान की अब मौसमी वारिश से आस टुटती नजर आ रही है अब किसानो को अकाल की चिंता सता रही है किसान मान चुके है इस साल अकाल का प्रकोप रहेगा ऐसे में देवभोग के 25हजार चार सौ चालिस और मैनपुर के 27हजार से अधिक किसानो की फसल अल्प वारिश के चलते चौपट होता दिख रहा है। देवभोग मैनपुर में सिंचाई के लिये जलाशय डायवर्सन और जलप्लावन को मिलाकर कुल दो दर्जन से अधिक परियोजना है मगर जल भराव कम होने के कारण सिंचाई भी प्रभावित है।
*वारिश को आस्था से जोड किसान कर रहे हैं हवन पूजा पाठ और मेंढक की शादी*
वारिश की वेवफाई से परेशान किसानो ने आस छोडा नही है अच्छी वारिश की कामना लिये वर्षा के देवता इंद्र को मनाने तरह तरह के आयोजन कर रहे हैं कही भागवत का अखंड पाठ तो कही हल तो कही भीमा पूजा तो कही मेंढक-मेंढकी और मछली की शादी करा रहे है।मान्यता है ऐसा करने से अच्छी वारिश होती है।ये रिवाज वर्षो पुराना है।
*जिले में सबसे कम रैनफाल देवभोग मैनपुर में मापा गया*
सरकारी आँकडो के मुताबिक 18अगस्त तक गरियाबंद जिला में देवभोग में 45 फीसदी तो मैनपुर में 62 फीसदी हुआ है जो किसान के फसल के लिये पर्याप्त नही है।जबकि 17अगस्त तक के स्थिति में छुरा में 92,गरियाबंद 114और राजिम मे 133 प्रतिशत वर्षा मापा गया है।
*सूखे के लिये सरकारी रोडे ने बढाई चिंता*
सरकार सूखा घोषित करने सितम्बर माह के अंतिम दिनो तक के रैनफाल को फाइनल मानती है उसमें भी वारिश प्रतिशत के मापदंड तय है सरकारी मापदंड के अनुसार वारिश 40 प्रतिशत से कम होनी चाहिए कृषि भूमि नमी की स्थिति जलस्रोतो में जल भराव की स्थिति क्या है?वही खाद विक्रय की स्थिति का भी आंकलन कर रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजा जाता है तब वही से सुखे की घोषणा होता है ऐसे स्थिति में देवभोग मैनपुर में वर्षा का प्रतिशत चालिस से ज्यादा है तो विभागीय रिपोर्ट सूखे के लिये बडा रोडा बन सकता है।
*सूखे के अंदेशा में दस गुना अधिक किसानो ने कराया बीमा*
फसल नुकसान में मुआवजा के लिये सरकार की फसल बीमा योजना में बीमा कराना जरूरी होता है ऋणी कृषक के फसल का बीमा ऋण के वक्त ही हो जाता है मगर जो अऋणी कृषक है उनके लिये 16 अगस्त तक फसल बीमा कराना निर्धारित था पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष दस गुना अधिक किसानो ने फसल बीमा कराया है।
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गत वर्ष इस वर्ष
1410 15118
कृषक कृषक
ऋणी कृषक जिनका उपार्जन केन्द्र में फसल बीमा हुआ उनकी संख्या 1लाख से अधिक है।
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