*मासूम के मौत का कौन जिम्मेदार ? समय पर इलाज नही मिलने पर बूझा घर का चिराग*
रिपोर्ट -जयविलास शर्मा
*मैनपुर के तेंदुछापर में सर्पदंश से सात वर्षीय छात्र की मौत
*गरियाबंद*--
जिले के मैनपुर ब्लाक के भुतबेडा के आश्रित गाँव तेंदुछापर में एक गरीब के घर का चिराग उस समय बुझ गया जब सात वर्षीय चंद्रहास को रात में सोते समय जहरीले साफ ने काट दिया।कक्षा दूसरी का ये छात्र बच जाता अगर गाँव में पक्की सडक होती और समय पर उसको इलाज मिल जाता पर ऐसा नही हो सका।मासूम के माता पिता रोते बिलखते जैसे तैसे दलदल और कीचड़ भरी किमी कच्ची सडक पार कर 108के जरिये सरकारी अस्पताल तो पहुँचाया मगर हुये लेटलतीफी और समय पर इलाज नही मिलने पर मासूम को नही बचा सके। मैनपुर के वनाँचल के कई गाँव आज भी बुनियादी सुविधाओ से कोसो दूर है और समय पर इलाज नही मिलने पर इन्हे अपनो को खोना पर जाता है।वनाँचल क्षेत्रों में हो रही मौत का आखिर कौन जिम्मेदार है ?
*बाईक पर लाश लादकर घर तक पहुँचे परिजन*
मासूम के मौत के बाद पिता अपने पुत्र के लाश को बाइक पर लादकर घर तक लाया तभी मासूम की अंत्येष्टि है सका दलदल और कीचड़ भरी सडक पार करते समय पिता को कई बार बाइक से उतर कर मोटरसाइकिल को धक्का लगाना पडा और इस समय साथ आ रहे अन्य परिजनो को बाइक के पिछे पिछे दौडना पडा।हालाकि मृत घोषित होने के बाद मुक्तांजली वाहन से शव को भूतबेडा मुख्यमार्ग तक पहुँचाया गया पर आगे के तीन किमी गाँव पहुँच कच्ची मार्ग में मुक्ताँजली वाहन आगे जा नही सकी तो पिता अपने परिजन के सहयोग से शव को बाइक पर लाद घर ले आया।
*वाह जनप्रतिनिधि और अफसर आपने कभी सुध तक नही ली गाँव की*
वनाँचल क्षेत्र के गाँव ने ग्राम सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक जनप्रतिनिधि बनाने अपना वोट दिया मगर इन जनप्रतिनिधियो ने कभी गाँव की ओर झाँककर नही देखा।वही आज तक किसी अफसर ने गाँव तक पहुँचकर समस्या पर ध्यान नही दिया गाँव वाले जैसे तैसे मुख्यालय तक पहुँचे बुनियादी सुविधाओ की माँग करते रहे अफसरो ने भी अनसुनी कर दिया। मासूम के मौत के बाद गाँव में जनप्रतिनिधि और अफसर के प्रति भारी नाराजगी देखी जा रही है।
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