आयोग के समझाइश पर परिवार टूटने से बचा*
*माता-पिता परिवारिक मामलों में न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराने से पहले बच्चों के भविष्य के बारे में सोचे*
*आयोग में झूठी शिकायत दर्ज न करायें: अध्यक्ष*
*छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने की प्रकरणों की सुनवाई*
कोरबा पाली छत्तीसगढ़ शशि मोहन कोशला
कोरबा छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय ने आज जिला कलेक्टर कोरबा सभा कक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 223 वीं एवं कोरबा जिला की 6 वीं सुनवाई हुई। कोरबा जिले में आज आयोजित जन सुनवाई में कुल 25 प्रकरण सुनवाई की गई।
आज के सुनवाई के दौरान आज के प्रकरण में नौ साल से अलग रह रहे पति पत्नी का आपस में रिश्ता जुड़ा। आयोग के समझाईश के बाद पति-पत्नी अपने तीनो बच्चों के साथ रहने को तैयार हो गये। आयोग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को 1 साल तक निगरानी का आदेश देते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया ।
अन्य प्रकरण आवेदिका आरक्षक है जिसने दो आरक्षको के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी और सुनवाई में आवेदिका सूचना मिलने पर भी अनुपस्थित रही। अनावेदकगणों द्वारा एफआईआर दर्ज होने के संबंधित दस्तावेज पेश करने पर आयोग में प्रकरण चलाना संभव नहीं है इस वजह से प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति देवर और ससुराल वालो के खिलाफ न्यायलय में 379 377, 498 दहेज प्रताणना एवं 125 भरण पोषण का मामला न्यायलय में दर्ज करायी है। दोनो पक्षो में सुलाहनामा की कोई गुंजाइश नहीं है। आवेदिका को भरण पोषण मिल रहा है। दोनो बच्चों के दिमाग में उसके पिता के खिलाफ जहर भर दिया गया है। मामला न्यायलय में चलने की वजह से आयोग में सुनवाई असंभव है इस वजह से आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में अनावेदक द्वारा फोन पर आवेदिका को धमकी देने की शिकायत आयोग में दर्ज कराया गया जिसमें अनावेदक आज सुनवाई में अनुपस्थित था। आयोग ने शीघ्र सुनवाई हेतु प्रकरण रायपुर स्थानांतरण किया। मिलाई सेक्टर 6 के थाना प्रभारी को आयोग द्वारा आदेश दिया गया की अनावेदन को अगली सुनवाई में एस.आई. के माध्यम से उपस्थिति सुनिश्चित किया जाये।
अन्य प्रकरण में आवेदिका द्वारा घरेलू हिंसा का प्रकरण न्यायालय में चलने के बावजूद आयोग ने शिकायत दर्ज करायी थी। अनुपपुर पुलिस के माध्यम से अनावेदकगणों का उपस्थिति सुनिश्चित कराया गया। आवेदिका अनुपस्थित रही प्रकरण न्यायलय में चलने के वजह से आयोग ने नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में अनावेदकगण उपस्थित रहें आवेदिका द्वारा भोपाल मध्यप्रदेश के महिला थाना में 498 दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करायी है और आज की सुनवाई में अनुपस्थित रही। मामले में एफ.आई.आर दर्ज होने से आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया ।
अन्य प्रकरण में आनावेदक 1 और 2 उपस्थित अनावेदकगणों द्वारा बताया गया कि आवेदिका से सुलहनामा हो गया है लेकिन आवेदिका अनुपस्थित की वजह से प्रकरण समाप्त नहीं किया गया, आयोग ने समझाइश दिया कि आवेदिका अपने हाथ से लिख कर जब आयोग में सुलहनामा आवेदन प्रस्तुत करेगी तब प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित थी, अनावेदकगण द्वारा बताया गया कि न्यायलय में 107/16 का प्रकरण चलाया गया,जो समाप्त हो चुका है। जिसमें प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत करने पर आयोग प्रकरण नस्तीबद्ध करेगा। अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित थी अनावेदक अनुपस्थित था आवेदिका ने बताया कि उसका पति का दूसरी महिला से अवैध संबंध है और वह भरण पोषण का पैसा नहीं देता जिसको आयोग ने एस.आई. के माध्यम से आगामी रायपुर सुनवाई में उपस्थित कराने का निर्देश दिया गया।
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