*प्राथमिक शाला के शिक्षकों का दो अलग अलग पाली में एक दिवसीय कार्यशाला रखी गई।*
दुर्गुकोंदल। दुर्गूकोंदुल विकासखंड में विगत सत्र से शिक्षा विभाग के ब्लॉक अधिकारी एस पी कोसरे की विशेष स्वप्रेरित पहल एवं समूह नेतृत्व के दम पर शिक्षकों, पालकों एवं विद्यार्थियों के आपसी समन्वित परिश्रम की नई सृजन यात्रा प्रारम्भ हुई है, जो इस सत्र भी विविध चुनौतियों के बीच भी सीमित समय में सुचारु रूप से गतिमान है |आगामी जनवरी 2024 में आयोजित होने वाली नवोदय परीक्षा की तैयारी हेतु विकासखंड के समस्त 24 संकुलों के 172 शासकीय प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला दो अलग- अलग-अलग पाली में शा.उच्च.मा.विद्यालय दमकसा में रखी गई | डॉ प्रियंका शुक्ला कलेक्टर जिला कांकेर,भुवन जैन जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशन व एस पी कोसरे खंड शिक्षा अधिकारी दुर्गुकोंदल के मार्गदर्शन में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमकसा में दिनांक 18 नवम्बर2023 शनिवार को विकासखंड नोडल अधिकारी पंकज श्रीवास्तव की उपस्थिति में ईश्वरी कुमार सिन्हा व संजय वस्त्रकार के द्वारा प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा व मार्गदर्शन किया गया।प्राथमिक कक्षा स्तर पर विद्यार्थियों के उच्चतम बौद्धिक स्तर को परखने और उसे उचित भविष्य निर्माण हेतु समग्र रूप से तैयार करने का महत्वपूर्ण मंच है राष्ट्रीय नवोदय परीक्षा |
विदित हो कि उक्त कार्यशाला दो पाली में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रथम पाली 10.30 बजे से 2बजे तक संकुल दुर्गूकोंदल, सुरुंगडोह 1, 2, चिखली 1, 2 , कोड़ेकुर्से, गोड़पाल, ओटेकट्टा, मंगहुर, कोन्डे, कोदापाखा, मर्रामपानी, सिहारी, मेड़ो व द्वितीय पाली समय 2 बजे से 5 बजे तक संकुल पर्रेकोड़ो, कलंकपुरी, झिटकाटोला, जाड़ेकुर्से, लोहत्तर, हाटकोंदल, तराईघोटिया, दमकसा आमाकड़ा, आमागढ़, डांगरा, तरहुल, ईरागांव के शिक्षक सम्मिलित हुए।सर्वप्रथम अधिकतम शिक्षको से उनके द्वारा कराए जा रहे नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा की प्रगति प्रतिवेदन वाचन में नई नई तकनीक व समस्याये को उल्लेख किया ।शिक्षको के प्रयास व उसका समाधान हेतु पंकज श्रीवास्तव, एस पी कोसरे,इश्वरी सिन्हा व संजय वस्त्रकार के द्वारा उचित मार्गदर्शन किया गया।
*आखिर नवोदय ही क्यों ?*
शैक्षणिक अनुसन्धान केंद्रों के द्वारा विद्यार्थियों के उम्र और सीखने की क्षमता स्तर के आधार पर पाठ्यक्रम की रुपरेखा निर्धारित की जाती है | हमारे देश में दो व्यवस्थायें राज्य और राष्ट्रीय संस्थान इन संरचनाओं को आकार देने का काम करती हैँ | राज्य शैक्षिक अनुसन्धान केंद्र पाठ्यक्रम को अपनी भौगोलिक स्थिति एवं समस्त पारिस्थितिक तंत्र को ध्यान में रखकर सीखने की सीमा तय करती है जबकि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान केंद्र पूरे राष्ट्रीय दृष्टिकोण तथा वैश्विक संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए पाठ्यक्रम तय करती है | नवोदय विद्यालय मानसिक योग्यता, अंकगणित व भाषा योग्यता के माध्यम से पूरे देश में एक समान परीक्षा का आयोजन कर लगभग 11 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों के उच्चतम बौद्धिक क्षमता को परखने का काम कर रही है |
उपरोक्त सार्वभौमिक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रारम्भिक कक्षा पहली से पांचवीं तक हिंदी विषय के पाठ्यक्रम को सरलीकरण क्रमानुसार विश्लेषण स्वप्रेरित समूह के सहायक शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा के द्वारा किया गया |
परीक्षा पैटर्न में अंकगणित तथा भाषा योग्यता अभ्यास हेतु धाराप्रवाह पठन की बारीकी समझ पर विस्तार से परिचर्चा की गई | कक्षा पहली में अक्षर, मात्रा, शब्द, विराम चिन्ह, वाक्य संरचना का तकनीकी अभ्यास, कक्षा दूसरी में अर्द्धाक्षर व पूर्णाक्षर जुड़ाव, सजातीय-विजातीय अभ्यास्, र के विविध रूप, स्वतंत्र पठन अभ्यास, कक्षा तीसरी में विधाओं का परिचय, कक्षा चौथी में विधाओं का पूर्ण अभ्यास तथा कक्षा पांचवीं में स्वयं विद्यार्थियों द्वारा इन विधाओं का निर्माण किये जाने की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई |समीक्षा सह कार्यशाला में दमकसा के प्राचार्या जी आर मंडावी व स्टाफ,संकुल समन्वयक गोवेर्धन मंडावी, बृजभूषण आर्य, एस आर कोडोपी,किशोर विश्वकर्मा, हेमलाल खरे,तुलसी कैमरो, रामचन्द्र दुग्गा,उमाकांत आदि कार्य करते नजर आए।
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