*शराब नशामुक्ति समूह का 10वा महाधिवेशन वन ग्राम अतरिया मे हुआ सम्पन्न*
छत्तीसगढ़ विज़न tv संवाददाता राम प्रताप सिंह कि रिपोर्ट....
जन स्वस्थ्य सहयोग संस्था नशामुक्ति के लिए संकल्प के साथ ग्रामीण अंचल में काम किया वरन नशे के आदि हो चुके लोगों को समूह बनाकर नशे से मुक्ति दिलाई बल्कि उनके उपचार की व्यवस्था कर उन पर निगरानी रखी, समूह बनाकर रोजगार भी उपलब्ध कराया.
इसी सन्दर्भ में शराब नशा मुक्ति महासंघ मुंगेली व बिलासुपर की वार्षिक महाधिवेशन अचानकमार अभ्यारण के वन ग्राम अतरिया में आयोजित किया गया। महाधिवेशन में आये मेहवानो का स्वागत बीरन माला पहना एवं प्रतीक चिन्ह देकर पारम्परिक आदिवसी नृत्य से किया गया। नशामुक्ति महाधिवेशन में नशामुक्ति अभियान की समीक्षा हुई साथ ही आगामी रणनीति तैयार भी की गई।
जन स्वास्थ्यय सहयोग संस्था में अपनी सेवा प्रदाय कर रहे डॉ. गजानन फुटक एवं वरिष्ठ चिकित्सक योगेंन्द्र सिंह परिहार ने शराब नशामुक्ति महासंघ की बैठक में शराब के सेवन करने से होने वाले शारिरीक, समाजिक, आर्थिक, नुक्सान से संघ के लोगों को अवगत कराया. सन 2012-13 से जन स्वास्थ्य सहयोग संस्था निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रही है जिसके फलस्वरूप संस्था ने शराब नशा मुक्ति समूह बनाए जो कि गांव में सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं इनमें से कई समूह के सदस्य शराब की लत से दूर होकर स्वरोजगार स्थापित करने में भी कामयाब हुए हैं यह तो सच है कि सामूहिक रूप से
किए जाने वाला काम एक कारगर और मजबूती के साथ स्थापित होता है. शराब नशा मुक्ति समूह के सदस्य सामूहिक रूप से मछली पालन, मुगी पालन, सत्तू निर्माण, और वनोपज जैसे व्यवसाय करते हुए अपने परिवार के साथ एक कुशल जीवन यापन करने में कामयाब हुए हैं. संस्था ने ग्रामीण क्षेत्रों में शराब नशा मुक्ति समूह बनाए हैं जिनकी वतमान में समूहों की संख्या 28 है और लगभग 320 से भी ज्यादा लोगों ने शराब पीने की बुरी लत से छुटकारा पाकर एक अच्छे जीवन यापन करने में सफलता पाई है. संस्था द्वारा इन समूहों के सदस्यों की स्वास्थ्य जांच समय-समय पर चिकित्सक द्वारा की जा रही है और समूह की निगरानी और मदद के लिए संस्था से सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने अपना योगदान दे रहे हैं वह यह भी कहते हैं कि सरकार को यह भी सोचना होगा कि शराबबंदी अगर की भी जाए तो जो शराब के नशे की लत वाले व्यक्ति हैं या इस नशे से ग्रसित है उन लोगों के उपचार की व्यवस्था भी सरकार को करनी चाहिए अन्यथा यह काम की सफलता सिर्फ और सिर्फ आंकड़ों में सिमटकर रह जाएगी और वास्तविकता से कहीं कोसों दूर रहेंगे. कार्यक्रम में बैगा जनजाति सामाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री इतवारीराम बैगा ने संघ के सदस्यों को कहा शराब पीने की आदत समाज और हमारी पीढी के लिए बहुत ही नुकशान दायक है जो हमारे विकाश में बाधा है हम अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते है और शारीरीक क्षमता कम होते जाती है जिससे कई बीमारियों का सामना करना होता है! गांधी ग्राम विकास संस्था से चंद्रकांत यादव, चित्ररेखा राडेकर, रामकुमार सिन्हा, वन विभाग से रेंजर श्री विक्रांत विजेन्द्र,राष्टीय आजीविका मिशन से प्राणेश मेश्राम, आयोजन में 15 गाँव के नशा मुक्ति महासंघ से जुड़े लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया एवं जन स्वास्थ्य सहयोग से प्रफुल चंदेल, मंजू ठाकुर,सुर्यकांत शर्मा डॉ पंकज,अनमोल फांडेशन के अध्यक्ष संजय शर्मा, जगदेव, सेवाराम धुर्वे, कर्मदक्ष से दीप , क्षितिज संस्था से ज्ञानआधार क्षस्त्री सीताराम,नरेश,कौशिल्या,कमल,धरमेंद्र, शैलेंन्द्र प्रकाश, क्रांती सामिल रहे।
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