Ticker

6/recent/ticker-posts

Balod: युक्तिकरण में अधिकारियों की मनमानी को लेकर तोमन साहू के नेतृत्व में शिक्षकों ने सपरिवार उप मुख्यमंत्री साव के समक्ष रखी बात

लोकेशन बालोद 

संजय कुमार 


 *युक्तिकरण में अधिकारियों की मनमानी को लेकर तोमन साहू के  नेतृत्व में शिक्षकों ने सपरिवार उप मुख्यमंत्री साव के समक्ष रखी बात* 

*सिविल सेवा अधिनियमों को रखा जा रहा है अधिकारियों के द्वारा ताक पर*



बालोद :- पुरे राज्य के साथ-साथ जिला में चल रहे युक्तिकरण के मुद्दा में व्यापक भ्रष्टाचार के मुद्दा को लेकर बालोद जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं राज्य चेयर मैन रेड क्रास सोसायटी तोमन साहू जो शुरुआत से ही इस मुद्दों पर प्रभावित शिक्षकों के साथ संवेदनशीलता के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं उनके द्वारा विगत दिनों जिला पंचायत केस्थाई शिक्षा समिति के बैठक में भीशिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस विषय पर समझाइए देकर एक सप्ताह के अंतर्गत निराकरण करने निर्देश दिया था किंतु एक सप्ताह पश्चात निराकरण नहीं किए जाने पर उनके नेतृत्व में प्रभावित शिक्षक  सपरिवार राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव से मिलकर अधिकारियों के मनमानी पर तनाम मुद्दो को युक्ति युक्तिकरण नियम के10 बिंदुओं के शर्तों एवं निर्देशोंको तर्कों के साथ जानकारी देते हुए बताया कि किस नियम का अधिकारियों ने किस प्रकार से उल्लंघन किया और जिला में राज्य शासन के द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन से दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की पहुंच बढ़ाने युक्ति युक्तिकरण की योजना बनाई गई थी किंतु जिन अधिकारियों को इस योजना को क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी दी गई थी उनके द्वारा की गई मनमानी एवं भर्राशाही पूर्ण कार्य तथा अपनों को उपकृत करने की दूषित मानसिकता से शासन की महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगाया जा चुका है और महिला एवं वरिष्ठ शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।

*अतिशेष सूची एवं रिक्त स्थान का पूर्व प्रकाशन नहीं*

जिले के किसी भी वि ख व जिले में शिक्षकों के किसी भी पद की अतिशेष सूची का प्रकाशन ही नहीं किया गया जिसके कारण अतिशेष चिन्हांकित शिक्षकों के विषय में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की शुद्धता का परीक्षण नहीं किया जा सका। अतिशेष चिन्हांकित शिक्षकों को काउंसलिंग के पहले दिन रविवार 01/06/25 की रात को सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से अचानक सूचना दी गई। अतिशेष चिन्हांकित शिक्षकों को दावा-आपत्ति का कोई अवसर नहीं दिया गया, और ना ही काउंसलिंग स्थलों पर भी शिक्षकों की आपत्तियों को स्वीकार नहीं किया गया। काउंसलिंग स्थलों में आपत्तियों के निराकरण हेतु कोई भी सक्षम अधिकारी उपस्थित नहीं रहे।इस बात को जिला कलक्टर श्रीमती दिव्या मिश्रा के पास सभापति शिक्षा स्थाई समिति जिला पंचायत बालोद तोमन साहू के द्वारा रखा जाने पर किसी प्रकार से संतुष्टि पूर्वक जवाब प्राप्त नहीं हुआ ।

 *वरिष्ठ शिक्षकों को नियम विरुद्ध अतिशेष और चहेते कनिष्ठ रखा गया यथावत*


*छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम 1961के बिंदु 12 ( क) वरिष्ठता निर्धारण का किया गया उल्लंघन*

 शिक्षा स्थाई समितिके सभापति ने उ मुख्यमंत्री को बताया कि विकासखंड बालोद के शासकीय हाई स्कूल जमरूआ में पदस्थ वरिष्ठ नवाचारी राज्यपाल पुरुस्कार से सम्मानित व्याख्याता रघुनंदन गंगबोईर को कनिष्ठ और कनिष्ठ शिक्षक को वरिष्ठता करके  युक्तियुक्तिकरण आदेश -F-2/24/2024/20-तीन नवा रायपुर दिनांक- 28/4/25 के निर्देश के नियम ( छः) के उप बिन्दु (१) में स्पष्ट लिखा होना कि पद स्थापना तिथि के आधार पर अतिशेष शिक्षकों की सूचीबद्ध  की जायेगी, तथा छ. ग. सिविक सेवा अधिनियम 1961 के नियम 12 (क) के प्रावधानों के अनुसार सीधी भर्ती से नियुक्त व्यक्तियों की वरिष्ठता पद ग्रहण की तारीख का विचार किये बिना उस योग्यता क्रम के आधार पर अवधारित की जाती हैं जब नियुक्ति के लिए उनकी शिफारिश की गई है (क्र. 1-1/2016/1-3 नया रायपुर दि०- 21/3/17) इसी प्रकार आदेश क्र. F1-1/2017/1-3 (पार्ट) नया रायपुर दिनांक 20/5/24 जिसका विषय-छ.ग. सिविल सेवा अधिनियम 1961 (यथा संशोधित) एवं एकजाई/ अद्यतन के पृष्ठ 6 के विन्दु 12 वरिष्ठता (क) में उपरोक्त बातो सीधी भर्ती से नियुक्त व्यक्तियों की वरिष्ठता पद ग्रहण की तारीख का विचार किये बिना उस योग्यता क्रम के आधार पर अवधारित की जाती हैं जब नियुक्ति के लिए उनकी शिफारिश की गई है अर्थात पदस्थापना आदेश/अनुशंसा तिथि के साथ इस बात को भी जोंडा गया है कि “पुर्ववर्ती चयन के परिणाम स्वरूप  नियुक्त व्यक्ति पश्चात वर्ती परिणामस्वरूप व्यक्ति से वरिष्ठ होंगे।“  इन आदेशों निर्देश को में पद स्थापना आदेश/अनुशंसा तिथि ही वरिष्ठता का आधार निश्चित होता है किया गया है जिसके आधार पर मेंपूर्ववर्ती चयन परिणाम स्वरूप व्यावसायिक परीक्षा मंडल के मेरिट सूची में काउंसिलिंग के माध्यम से पद स्थापना आदेश क्रमांक 1787 दि.5जुलाई 2010 के 13वें क्रम में था तथा पश्चात वर्ती चयन के परिणाम स्वरूप व्यक्ति  81वें क्रम में है नियम विरुद्ध कनिष्ठ को वरिष्ठ किया गया है ।

*आत्मानंद,पी एम श्री विद्यालयों युक्ति युक्तिकरण मुक्त रखने नियम 2 बिन्दु(14) पर निर्देश लेकिन*

 बालोद जिला के दो विकासखंड बालोद और गुंडरदेही में असहमति वाले शिक्षकों अतिशेष किया गया है और तीन विकासखंड डौंडी, डौडी लोहारा और गुरुर में अतिशेष की श्रेणी में नहीं लाया गया है शिक्षा विभाग के इस भेदभाव पर भी चर्चा गर्म रहा जिससे एक ही जिला में एक ही नियम का अलग-अलग अनुपालन किया गया है जिससे आलम यह रहा कि बालोद विकासखंड में समायोजित शिक्षकों को अतिशेष में लाकर डौंडी लोहारा विकासखंड के विद्यालयों में किया गया जिससे बालोद के H/s अमलीडीह विद्यालय में विषय (हिन्दी) व्याख्याता के पद रिक्त हो गए और डौंडी लोहारा अरजपुरी में विषय  व्याख्याता के पद एक से अधिक हो गया अब पुनः वहां जो है युक्ति कारण नियम के विरुद्ध अतिशेष की कार्यवाही की जाएगी तो अभी जिनका समायोजन किया है वह फिर युक्ति युक्तिकरण की चपेट में आएगा यह केवल और केवल विकासखंड एवं जिला स्तर के युक्तिकरण समिति की लापरवाही के वजह से हुआ है ।जैसा कि बालोद जिला के बालोद और गुंदरदही विकासखंड में युक्ति युक्ति करण नियम (दो ) के14 वें बिंदुओं का उल्लंघन करते हुए सेजेस के शिक्षकों को अतिशेष निकालकर समायोजन किया गया जिससे जिले के कई शिक्षकों को सांभाग ही नहीं संभाग के बाहर समायोजन किया गया जिनमें व्याख्याता टी संवर्ग के तीन महिला व्याख्याता विषय गणित अतिशेष शामिल हैं जिनका नाम क्रमशः श्रीमती ममता श्रीवास को छिंदगढ़ सुकमा, चंद्रावली चंद्राकर को चिंतलनार सुकमा, भानुप्रिया मंडावी को जशपुर किया गया है जबकि अभी वर्तमान में प्रक्रियाधीन प्राचार्य पदोन्नति में जिला के अंतर्गत ही विभिन्न विषयों के पदरिक्त हो जाएंगे है

 *शालाओं में पद रिक्त लेकिन काउंसलिंग में छिपाया*

 जिला बालोद में कोई भी एकल शिक्षा की एवं शिक्षक विभिन्न शाला नहीं है जैसा कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा संभाग स्तरीय काउंसलिंग के लिए भेजी गई जानकारी में कहा गया है तो अब अतिशेष शिक्षकों का समायोजन के लिए अगले क्रम में ज्यादा दर्ज संख्या वाले विद्यालय में अतिशेष शिक्षकों का समायोजन किया जाना था किंतु जिला मुख्यालय के अनेक पूर्व माध्यमिक शालाओं में चक्र अनुक्रम का पालन न करते हुए जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में ही स्थापित शासकीय बेसिक पूर्व माध्यमिक शाला जिसकी दर्ज संख्या 108 है तथा विकासखंड शिक्षा अधिकारी के प्रतिवेदन अनुसार वहां अंग्रेजी गणित और विज्ञान की शिक्षकों की आवश्यकता हैइसका भी ध्यान न देते हुए जिला स्तरीय युक्तिकरण समिति के द्वारा मनमानी करते हुए युक्तियुक्तिकरण नियम 7B (5) का उल्लंघन करते हुए इससे कम दर्ज संख्या वाले दुरस्थ अंग्रेजी विषय के शिक्षक अतिशेष का समायोजन किया गया है ।

इसी प्रकार  उप मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि हाई स्कूल तरौद के पूरे रिक्त 6 व्याख्याता में से केवल चार व्याख्याता की रिक्तता जिला स्तर के काउंसलिंग में दिखाई गई हिंदी और सामाजिक विज्ञान को छुपाया गया था जिसमें सिर्फ सामाजिक विज्ञान को संभाग स्तर पर रिक्तता की जानकारी भेजा गया था ऐसे ही शासकीय हाई स्कूल करहीभदर में विज्ञान विषय के रिक्त पद को जिला स्तर पर नहीं दिखाया गया और वहां सीधा राज्य स्तर से पैराशूटलैंडिंग कर के जगदलपुर के व्याख्याता को पद स्थापित किया गया है

 *अधिकारियों की संलिप्तता अपनों को उपकृत करने की जा रही कूट रचना*

बालोद जिला में स्वयं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्री डीपी कौसरे की धर्मपत्नी श्रीमती आरती कोसरे जो की सेजेस राणा खुर्जी विकासखंड डौंडी लोहारा में पदस्थ हैं जहां उस विषय संस्कृत के अध्ययन करने वाले कोई विद्यार्थी नहीं है और संस्कृत के दो दो व्याख्याता कार्यरत है  वहां व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित है तो युक्ति करण के नियम7(c )2 के अनुसार जिस विषय संकाय के छात्र अध्यनरत ना हो ऐसे शिक्षकों का अतिशेष के रूप में समायोजन किया जाना है स्पष्ट लिखा है उसका भी कूट रचना करके स्वयं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्नी को उपकृत करने के उद्देश्य से नियम का उल्लंघन किया है ।

*क्या है युक्ति युक्तिकरण नियम निर्देश और कैसे  उड़ रही धज्जियां*

नियम7 B (3,4,5 ) अनुसार अतिशेष शिक्षकों का चिंहांकन करते समय विषय का ध्यान रखा जाए एवं एक से अधिक विषय शिक्षक को अतिशेष कर चक्र अनुक्रम में पहले अंग्रेजी , गणित,विज्ञान और कला के क्रम में समायोजित किया जाए लेकिन इसका उल्लंघन करते हुए ना तो अतिशेष शिक्षकों का चयन करने के लिए विषय का ध्यान रखा गया और ना ही एक से अधिक पदस्थ चहेते शिक्षकों को अतिशेष किया गया

*बुनियादी शाला के बुनियाद हिलाने में अधिकारियों नहीं छोड़ी कोई कसर*

 युक्ति युक्ति करण के नियम की धज्जियां इस प्रकार उड़ाई गई कि जिला मुख्यालय के ही कई नहीं बल्कि सभी पूर्व माध्यमिक शालाओं में जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जिस परिसर स्थापित है उसी परिसर के बुनियादी पूर्व माध्यमिक शाला में भी एक ही विषय के कला विषय के दो शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन किसी भी शिक्षक को अतिशेष नहीं लाया गया चक्र अनुक्रम में यहां अंग्रेजी फिर गणित फिर विज्ञान समायोजित करना था लेकिन अंग्रेजी को छोड़कर गणित और विज्ञान का समायोजन किया गया 

     इसी प्रकार से पूर्व माध्यमिक शाला शिकारी पारा बालोद में भी विज्ञान और कला के दो दो शिक्षक हैं जिसमें विज्ञान विषय के किसी भी शिक्षक को अतिशेष में नहीं लाया गया और ना ही चक्र अनुक्रम में अंग्रेज़ी विषय का पद-स्थापना किया गया ।

विकासखंड दांडी मेंविज्ञान विषय केवरिष्ठता अतिशेष सूची मेंकला विषय केशिक्षक को प्रथम क्रम मेंलाने में कि गई त्रुटि जिसे प्रभावित शिक्षक राकेश सेन के अभिव्यावेदन पर मान्य करते हुए  सुधार की गई है किंतु प्रथम क्रम की दमयंती मरकाम को यथावत रखा गया है जिससे विज्ञान विषय के अन्य महिला शिक्षकों को जिला के बाहर समायोजन  है । 

इसी प्रकार से व्याख्याता गणित ई संवर्ग के 14 अतिशेष व्याख्याता को युक्तिकरण नियम 10 के विरुद्ध बिना वरिष्ठता सुची बनाये 14 में से9 अतिशेष का समायोजन जिला स्तर पर किया गया जिससे वरिष्ठता क्रम के 12व 13 वें क्रम के व्याख्यता जिनका समायोजन संभाग में होना था लापरवाही से गड़बड़ी कर दी गई जिसकी वरिष्ठता सूची में त्रुटि मालूम होने पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा शेष बचे पांच व्याख्याता में से केवल तीन व्याख्याता को संभाग स्तर के काउंसलिंग के लिए भेजा गया सूची के दो व्याख्याता को किस नियम के तहत ना तो जिला में कांउलिंग की कराई गई न संभाग में और ना ही राज्य में कराई गई जबकि ऐसे ही लापरवाही से टी संवर्ग के तीन महिला व्याख्याता क्रमशः श्रीमती ममता श्रीवास , चंद्रावली चंद्राकर  को दुर्गम बस्तर सुकमा जाना पड़ा है यह नियम विरुद्ध अधिकारियों की लापरवाही का पुख्ता सबूत है जिसे उपमुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना ।

*तोमन साहू ने उपमुख्य मंत्री साव के बताते हुए कहा कि लोग कहने लगे यह कैसी युक्तिकरण जिसमें अंग्रेजी माध्यम सरकारी विद्यालय में ही अंग्रेजी के शिक्षक की युक्ति नहीं हुई* 

  जिला मुख्यालय के एकमात्र इग्नाइट अंग्रेजी माध्यम सरकारी स्कूल में हीअंग्रेजी विषय शिक्षक का युक्ति करण नहीं किया जा सका जिससे लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि यह कैसी युक्ति करण है ।

इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक शाला हिन्दी माध्यम आमापारा बालोद में दर्ज संख्या मात्र 28 है लेकिन गणित के तीन-तीन शिक्षक पदस्थ हैं विज्ञान के तीन में से केवल एक शिक्षक को अतिशेष निकाला गया है लेकिन यहां भी चक्र अनुक्रम अनुसार समायोजन करते हुएअंग्रेजी विषय का पद स्थापना नहीं किया गया है ।

 जिला पंचायत उपाध्यक्ष तोमन साहू सहित प्रभावित शिक्षकों ने शिक्षकों के गलत तरीके से की गई युक्तिकरण की प्रक्रिया को शीघ्र ही सुधार करने  और प्रभावित शिक्षकों के वेतन भत्ता में अवरोध को दुर करने उप-मुख्यमंत्री से करबद्ध निवेदन किया ।

Post a Comment

0 Comments

Random Posts

Bilaspur:  वन विभाग का पर्यटकों से अनुरोध: भनवारटंक क्षेत्र में भ्रमण से बचें
Janjgir:  नवागढ़ फर्जी शिक्षा कर्मी वर्ग दो हुआ बर्खास्त, मामला शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रिंगनी का*
Bilaspur:  फोटोबाजी के लिए पार्षद का खिलवाड़, मगरमच्छ के पीठ पर बैठ थाम ली लगाम  बिलासपुर रतनपुर सोशल मीडिया पर धाक जमाने और हवाबाजी करने के लिए रतनपुर का एक पार्षद ने एक विशालकाय मगरमच्छ के पीठ पर बैठ फोटो खिचवाने के लिए उस  मगरमच्छ पर बंधे रस्सी को घोड़े की लगाम की तरह थाम ली। उनकी देखा सीखी अब नगर के कई युवा और बच्चे भी इस तरह की हरकत कर अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं। ये महाशय है रतनपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 12 के पार्षद हकीम मोहम्मद, एक जन प्रतिनिधि होने के कारण उन्हे इस तरह की खतरनाक फोटो बाजी को रोकना चाहिए और लोगो को जागरूक करना चाहिए जबकि वो खुद इस तरह की स्टंटबाजी को बढ़ावा दे रहे  दरसल रतनपुर के वार्ड क्रमांक 5 रानीपारा में स्थित बिकमा तालाब जिससे लगा हुआ खेत में  था मगरमच्छ मोहल्ले के कुछ लोग सुबह उठ कर निकले खेत की ओर जहां खेत में घूमता हुआ दिखा  मगरमच्छ जिसे देख होश उड़ गय चीख पुकार सुन कर पूरे मोहल्ले हो गय एकत्रित सभी ने हिम्मत जुटा कर किसी भी तरह बांध कर वन विभाग को दी सूचना सूचना मिलते ही वन विभाग अधिकारी पहुंचे टीम के साथ पहुंचकर खुटा घाट में छोड़ा गयापर वहा देखी गई लापरवाही रतनपुर नगर पालिका के जनप्रतिनिधि वार्ड क्रमांक 12 के भाजपा पार्षद हकीम मोहम्मद के द्वारा ऐसे खिलवाड़ किया जा रहा है ।जिसकी वीडियो फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है क्या एक जनप्रतिनिधि होते हुए ऐसी हरकत कीया जाना चाहिए। भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 के तहत अगर किसी ने जानवर को जहर दिया, जान से मारा, कष्ट दिया तो उसे दो साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ जुर्माने का भी प्रावधान है। अब देखना है कि सरकार द्वारा इस लापरवाही के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे