*बजट में बस्तर के साथ सौतेला व्यवहार -विधायक ,श्रीमती सावित्री मनोज मंडावी*
दुर्गुकोंदल।13 फरवरी 2024, मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए साय सरकार का पहला बजट जो एक लाख 47 हजार 500 करोड़ रुपए का पेश किया गया है, वह मीडिया में ज्यादा और धरातल पर कम प्रतीत होता है। नित नये आयाम को गढ़ने वाला छत्तीसगढ़ पर कहीं मोदी की गारंटी भारी न पड़ जाए।
मैं एक महिला हूं और मेरी तरह ही छत्तीसगढ़ की एक करोड़ तीन लाख महिलाओं ने सपने संजोए थे कि प्रति माह ₹1000 मिलेंगे, और इसी आस में सत्ता की चाबी बीजेपी को सौंप दी। लेकिन महतारी वंदन योजना के लिए बजट में जो केवल 3 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे हम महिलाओं के सपने धरे के धरे रह गए। तब नियम और शर्तों को सार्वजनिक नहीं किया गया था और अब योजना को लागू करने के नए कड़े नियम बना दिए गए।
लगता है माननीय मुख्यमंत्री जी बजट पर गौर नही किए हैं यदि वास्तव में गौर किए होते बस्तर संभाग के साथ न्याय हुआ होता लेकिन बजट में बस्तर के लिए कोई प्रावधान नही किया गया है। पूरा और पूरा फोकस सरगुजा संभाग को ही किया गया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति फूल और फल रही थी। लेकिन इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए आने वाला समय में कोई योजना नहीं है। ठीक इसी प्रकार कांकेर जिले की किसानों की बहु प्रतीक्षित मांग है कि दुधावा जलाशय से नाली का विस्तार कर उन्हें उनकी खेतों के लिए पानी प्रदान किया जाए लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं है।
प्रदेश की जनता मंहगाई से जुझ रही है जिन्हें राहत प्रदान करने के लिए कोई ठोस रणनीति नही है। आज बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर है। लेकिन युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई रोडमेप तैयार नही किया गया है। बल्कि लाखों बच्चें जिन्हें प्रतिमाह 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता प्रदान की जा रही थी उस महत्वपूर्ण योजना को ही बंद कर दिया गया। ठीक उसी प्रकार से 500 रूपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया गया था। लेकिन बजट में इसका प्रावधान न कर नारी शक्ति का अपमान किया गया है।
पिछले बजट में छत्तीसगढ़ में चार-चार नए मेडिकल कॉलेज खोलने की व्यवस्था की गई थी पर इस बजट में एक भी नया मेडिकल कॉलेज या इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का प्रावधान नहीं किया गया है। साथ ही कॉलेज आने जाने वाले छात्रों से वादा किया गया था कि उन्हें यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा जिसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले हमारे शासकीय कर्मचारियों ने भी बड़ी उम्मीदें लगा रखी थी कि माननीय वित्त मंत्री जो कि पहले स्वयं एक अधिकारी रह चुके हैं तो वह हमारी पीड़ा को भली-भांति समझेंगे परंतु कर्मचारियों के लिए बजट में कुछ ना होना निराशाजनक है।कुल मिलाकर के यह बजट प्रदेश के युवा, मजदूर, किसान, महिला व आदिवासी वर्ग को हताश करने वाला है और आम जनता की हितों की अनदेखी की गई है।
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