*राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद प्रतियोगी परीक्षा के परिणाम घोषित*
दुर्गुकोंदल: राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) रायपुर की ओर से 2023-24 में प्रतियोगी परीक्षा एनएमएमएसई आयोजित की गई थी। इसका परिणाम घोषित किया गया। इस परीक्षा में विकासखंड दुर्गुकोंदल से 65 पूर्व माध्यमिक शाला से पंजीकृत 425 विद्यार्थियों में 424 विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए जिनमे से 65 विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए पात्र घोषित किया गया है।जिले में यह पहला अवसर है जब दुर्गुकोंदल जैसे दुर्गम विकासखंड से शिक्षा में यह उछाल दिखा है।यह सम्भव हो पाया है टीम भावना से जिसके कुशल नेतृत्वकर्ता एस पी कोसरे खंड शिक्षा अधिकारी, अंजनी मण्डावी सहायक खंड शिक्षा अधिकारी,आर आर यादव तत्कालीन बीआरसी,लतीप सोम बीआरसी,संजय वस्त्रकार ब्याख्याता, बाबूलाल कोमरे प्राचार्य कोंडे के साथ समस्त संकुल प्राचार्य,राजकुमार चंद्राकर व समस्त संकुल समन्वयक,प्रधान पाठक माध्यमिक शाला,पालकगण का अभूतपूर्व सहयोग मिला।परीक्षा एनएमएमएसई की तैयारी के लिए पवन सिंह,इश्वरी सिन्हा का निःस्वार्थ मार्गदर्शन मिला।
विदित हो कि केंद्रीय क्षेत्र की योजना 'राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना' के तहत विकासखंड दुर्गुकोंदल में अभी तक इस योजना के तहत आवेदन व लाभार्थियों की संख्या शून्य रहता था।परंतु 2023-24 में एस पी कोसरे खंड शिक्षा अधिकारी के पहल पर 425 विद्यार्थियों का आवेदन भरा गया।परीक्षा परिणाम से शिक्षकों एवम विद्यार्थियों में त्यौहार जैसे उत्साह व उर्जा दिखाई दे रहा है साथ ही पालको में भी हर्ष ब्याप्त है।एस पी कोसरे ने शिक्षकों के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए निःस्वार्थ भाव से कार्य करने की इस परिणाम की प्रशंसा किये। इस परीक्षा को मई, 2008 में सीसीईए से अनुमति प्राप्त करने के बाद शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में उनके ड्रॉप आउट से रोकना और माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छात्रवृत्ति प्रदान करना था। योजना के अंतर्गत कक्षा नवमी के चयनित छात्रों को प्रतिवर्ष 12000/- रुपये प्रति छात्र की एक लाख नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं और राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में अध्ययन के लिए कक्षा X से XII में उनकी निरंतरता/नवीनीकरण सुनिश्चित किया जाता है। प्रत्येक राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के लिए छात्रवृत्ति का एक अलग कोटा होता है। योजना के अंतर्गत नवीनतम प्रावधान के अनुसार छात्रवृत्ति राशि 1 अप्रैल, 2017 से प्रति वर्ष रु. 6000/- से 12000/- रुपये तक बढ़ा दी गई है।
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