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Gariyaband: सुपेबेडा के इंटेक वेल के काफर डेम को रेत ठेकेदार ने पहुंचाया नुकसान तो पीएचई से हुयी शिकायत*

*सुपेबेडा के इंटेक वेल के काफर डेम को रेत ठेकेदार ने पहुंचाया नुकसान तो पीएचई से हुयी शिकायत*


*किडनी रोग प्रभावित गांव के लिये बन रहे इंटेक वेल के लिये रेत माफिया बना बड़ा रोड़ा



गरियाबंद --जिले के देवभोग क्षेत्र में रेत का अवैध परिवहन कोई नयी बात नहीं है यहां कउमहडई करलागुडा दबनई करचिया और सेंदमुडा घाट पर रेत माफियाओं का अवैध परिवहन प्रशासन के नाक तले धड़ल्ले से चल रहा है। स्थानीय प्रशासन रेत के अवैध परिवहन पर कारवाई को लेकर चुप्पी साध ली है तो वहीं जिला खनिज अधिकारी महिने में एक आध बार क्षेत्र का दौरा कर एक दो अवैध परिवहन पर कारवाई कर खानापूर्ति कर लेते हैं।


*अवैध परिवहन कर्ता का करतुत इंटेक वेल का काफर डेम ध्वस्त*


किडनी रोग प्रभावित सुपेबेडा को स्वच्छ जल प्रदाय के लिये लगभग 10 करोड रूपये के लागत से बन रहे इंटेक वेल निर्माण में रेत माफिया सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है रेत के अवैध परिवहन कर्ता ने सरकार के बडे प्रोजेक्ट के  लिये निर्माण के 50 मीटर परिधि में बन रहे काफर डेम को अपने लाभ के लिये ध्वस्त कर दिया।जब प्रोजेक्ट के ठेका कम्पनी महावीर शोर बेल्स ने इसका विरोध किया तो अवैध परिवहन कर्ता के मुंशी ने उसे ही धमकी दे डाला। काफर डेम  क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रोजेक्ट का कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रही है।


*काफर डेम क्यों जरूरी है प्रोजेक्ट के लिये?*


सुपेबेडा को स्वच्छ जल प्रदाय करने 10 करोड लागत  के इंटेक वेल का काम दो माह से चालू है इसके निर्माण का ठेका महावीर बोरवेल को मिला है सुपेबेडा बस्ती में बन रहे वाटर रिमूवल प्लांट को तेल नदी से पानी सप्लाई के लिये नदी के भीतर इंटेक वेल का कार्य चल रहा है जिसके लिये बाहर का पानी इंटेक वेल को क्षति ना पहुंचाये 50 मीटर में बाहर से मिट्टी लाकर  काफर डेम बनाया गया था जिसे रेत माफिया के लोगो ने ध्वस्त कर दिया।


*क्षेत्र में किसी भी खदान का ठेका नहीं फिर भी हो रहा अवैध खनन*


खनिज विभाग ने देवभोग तहसील अंतर्गत इस वर्ष कुमहडई  घाट का निविदा जारी किया था पर परिवहन विभाग का एनओसी नहीं होने के कारण विभाग ने अब तक रायल्टी जारी नहीं किया है ये सबके बाद भी समय समय पर विभाग और स्थानीय प्रशासन को अवैध रायल्टी वसूली और अवैध परिवहन की शिकायत लगातार मिल रही थी फिर भी प्रशासन इसे रोकने में नाकाम रही है।देवभोग क्षेत्र में 8 से 10 घाट है फिलहाल किसी भी घाट का ठेका किसी के पास नहीं है फिर क्यों अवैध खनन और परिवहन हो रहा है इसका जबाब जवाबदारो के पास नहीं है।


*पीएचई के आला अधिकारी से शिकायत*


जहां इंटेक वेल के ठेकेदार महावीर बोर वेल्स ने 03 मार्च को पीएचई के कार्यपालन अभियंता को कार्य में बाधा का शिकायत किया है वहीं मामले पर पीएचई अधिकारी पंकज जैन ने कहा है अवैध परिवहन रोकने टास्क फोर्स बनाया गया है उन्हें अवगत करा दिया गया है और विभाग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही के लिये निवेदन किया है।

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