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Durgkondal: मानसून की बैरुखी से चिंतित किसान, खुर्रा बोनी कर चुके किसानों का मेहनत रंग नहीं लाएगा*

*मानसून की बैरुखी से चिंतित किसान, खुर्रा बोनी कर चुके किसानों का मेहनत रंग नहीं लाएगा*


*अंचल में प्री मानसून की बौछार तक नहीं पड़ी*



दुर्गूकोंदल ।मानसून की दगाबाजी से किसानों की चिंता बढ़ गई है, पिछले कई दिनों से शाम के समय बादल तो छा रहे हैं, मगर बिना बरसे लौट जाने से किसानों को चिंता सताने लगी है। किसान तो किसान शहर में रहने वाले लोग उमसभरी गर्मी की वजह से परेशान हो रहे है। मौसम वैज्ञानिकों के

■ मानसून सुकमा व बीजापुर में अटक गया

अनुमान धरे के धरे रहे गए। मौसम विभाग ने दावा किया था कि केरल में समय से पहले मानसून आ गया है और

समय पर बारिश अचल में शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग का दावा फेल हो गया और अब

खराब हो सकते हैं बीज

से खेती किसानी का काम पिछड़ते हुए नजर आ रहा है। अंचल में प्री मानसून की बौछार अब तक तरबतर नहीं कर पाई है वहीं जून 21 दिन बाद भी मानसून के सक्रिय नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है।

किसानों को अभी सूखा देखकर चिंता होने लगी है। यदि इसी तरह धूप निकलती रही तो उनके द्वारा बोनी किए गए बीज अंकुरित होकर जमीन से बाहर नहीं निकलेंगे, इससे बीज तो खराब होगा ही, वे रोपाई के झंझट में फंस जाएंगे, इसलिए किसान बारिश शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

अंचल एवं पूरे क्षेत्र के गई जगहों पर जून में किसानों ने खुर्रा बीनी तो शुरू कर दी है, लेकिन ज्यादा मात्रा में बोता व भरता पद्धति से बोनी की जाती है, इसके लिए किसानों को मानसून का इंतजार है। क्षेत्र में अब तक कुछ ही किसानों

ने खुर्रा बोनी की है। मानसून पहुंचने के बाद जैसे-जैसे बारिश होगी, बोनी का रकबा बढ़ता चला जाएगा। खरीफ सीजन में किसान सर्वाधिक धान की फसल लगाते हैं।

मौसम विभाग का कहना है कि मानसून सुकमा व बीजापुर में अटक गया है। जून के अंतिम सप्ताह में मानसून पहुंचने के बाद जैसे-जैसे बारिश होगी वह नहीं करेगा बढ़ता चला जाएगा खरीफ सीजन में  सर्वाधिक धान की फसल लागते हैं वही मानसून का इंतजार में देख रहे हैं ।

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