*बाढ़ प्रभावित हुआ बेघर, मुआवजा की मांग*
कोरबा पाली शशि मोहन कोशला
पाली ब्लॉक में 24 जुलाई को हुई मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ ने कहर बरपाया है. इसमें सबसे ज्यादा मुनगाडीह गांव प्रभावित हुआ. इनमें कईयों का रोजगार छिन गया और कई बेघर हो गए. बाढ़ प्रभावितों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.
इस बाढ़ मे मुनगाडीह का बस स्टैंड सर्वाधिक प्रभावित हुआ है. जहाँ कई दुकानों में पानी भर गया,समान भीग गया या जो दुकानें टूट गई अथवा बह गया उसके साथ सारा सामान भी बह गया. ऐसे ही एक व्यवसायी रोहित डिक्सेना का मेडिकल स्टोर भी पूरी तरह तबाह हो गया रोहित ने कुछ वर्ष पूर्व ही अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर दुकान मकान का निर्माण कराया, जहां वह मेडिकल स्टोर का संचालन कर अपनी और परिवार का भरण पोषण कर रहा था. लेकिन 24 जुलाई के सैलाब में इस दुकान और मकान में रखे सारा समान बह गया. य़ह बाढ़ दुकान में रखी दवाइयां, फ्रिज, लैपटॉप,अन्य इलेक्ट्रॉनिक महंगे उपकरण सहित बरतन आदि तक बहा ले गया और मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. इस सैलाब में लगभग 50 लख रुपए का नुकसान हुआ है. बाढ़ प्रभावित अपना सब कुछ लुटा बैठे. साथ ही बेघर हो गए हैं. रोहित सहित अन्य व्यवसायी प्रशासन के समक्ष मुआवजा की मांग को लेकर विभागों के चक्कर काटने के लिए मजबूर है.
*NHAI और DBL जिम्मेदार*
मुनगाडीह में इससे पहले भी कई बार बाढ़ आया है, लेकिन ऐसी तबाही पहली बार हुई है. ग्रामीणों ने नुकसान के लिए डीबीएल और NHAI को जिम्मेदार ठहराया है, क्योंकि यहां फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान मनमानी, लापरवाही और खामियों का खामियाजा आज पूरा मुनगाडीह गांव भुगत रहा है. आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है, मुख्य सड़क मार्ग से जुडा होने के बावजूद लोगों को मुख्य मार्ग पर आने के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ रहा है. इस समस्या की ओर पूर्व में भी प्रशासन का ध्यान आकर्षण कराया गया था लेकिन आज तक कोई राहत नहीं मिला. आज अब यही तबाही के रूप में उनकी पूरी जिंदगी की कमाई, जमा पूंजी भी बह गई है. प्रशासन से उचित मुआवजा और कार्रवाई की अपेक्षा ग्रामीणों ने की है.
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